जोधपुर. स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त को मनगढ़त कहानी करार दे दिया है. उन्होंने कहा कि जिस विधायक को लेकर यह आरोप लगाया गया, उसी कुशलगढ़ की विधायक रमिला खड़िया का बयान अखबार में छपा है कि उनसे तो किसी ने संपर्क ही नहीं किया.
जोधपुर सर्किट हाउस में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहा कि राज्यसभा के चुनाव के समय इस तरह की परिस्थितियां पैदा होने पर मैंने कहा था कि यह ऐसी फिल्म है, जिसके स्क्रिप्ट राइटर, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता, सब एक ही व्यक्ति है. वह है मुख्यमंत्री गहलोत. शेखावत ने कहा कि आपसी विग्रह का समाधान करना, हमारी पार्टी को बदनाम करना, हमारी पार्टी के लोगों को बदनाम करना यह सब इसी कार्य का हिस्सा है. शेखावत ने कहा कि मुझे लगता है कि इस सबका पटाक्षेप करने के लिए इस तरह का मुकदमा दर्ज किया गया है.
दो खेमों में बंटी है सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार
अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर शेखावत ने कहा कि यह मेरा विषय नहीं है. मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अविश्वास दो खेमों में पराकाष्ठा पर है. सत्तारूढ़ पार्टी और सत्तारूढ़ सरकार, दोनों स्पष्ट रूप से दो खेमों में बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं. आम आदमी भी इस बात को महसूस कर सकता है. मुझे लगता है कि अब इसके लिए तो किसी के पास आंखें होने की भी आवश्यकता नहीं है. सिर्फ मामूली सी समझ रखने वाला हरेक राजस्थानी यह जानता है, प्रदेश के चार करोड़ मतदाता इस बात को जानते हैं.
'किनके फोन टैप किए, नाम बताए सरकार'
शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार और इनके सूचना तंत्र को खुलासा करना चाहिए कि किन-किन विधायकों और सांसदों के फोन टैप किए, उस पर क्या-क्या सुना गया और उनकी पार्टी के कौन लोग जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के लोगों का शिकार करने के लिए इस तरह की रचना करना राजस्थान में नई राजनीति की शुरुआत है.