जोधपुर. कोरोना के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. शेखावत लगातार राज्य सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाते रहे हैं तो गहलोत भी गाहे-बगाहे जवाब देते रहे हैं.
गत दिनों गहलोत ने कहा था कि कोरोना के दौर में राजनीति नहीं करनी चाहिए. कोरोना खत्म हो जाए उसके बाद यही मैदान और घोड़े होंगे. करीब 2 महीने बाद बुधवार को जोधपुर आए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जितने मैदान उनके लिए खुले हैं, उतने हमारे लिए भी हैं. यह मैदान 70 साल से खुले हुए हैं. लेकिन उनको यह पता नहीं कि उनके घोड़े अब चार-पांच प्रदेशों में ही दौड़ते हैं. ज्यादातर ने दौड़ना बंद कर दिया है और रिटायर हो गए हैं.
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देश की जनता ने भी उनके घोड़ों की ताकत और हैसियत बता दी है. लेकिन वे खुद शायद अपने घोड़ों की ताकत समझ नहीं पा रहे हैं, जिसके चलते इस भीषण लड़ाई में भी उन्हें मैदान में उतार रहे हैं. मुझे लगता है कि उनको इस पर विचार करना चाहिए.
गौरतलब है कि गत वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद से ही गहलोत और शेखावत में बयानबाजी होती रही है. कभी कभार गहलोत शेखावत के बयान पर जवाब भी देते हैं और जब गत दिनों केंद्रीय मंत्री ने सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए तो गहलोत ने कहा था कि यह समय राजनीति का नहीं है. गहलोत की इसी बात को लेकर शेखावत ने टिप्पणी की है.