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Milk Seller Initiative: प्लास्टिक थैली की जगह स्टील की बरनी बांटी

प्रदेश में एक जुलाई से सिंगल प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा (Single use plastic ban in Rajasthan) है. इसके बाद नगर निगम के कर्मचारी ग्राहकों और दुकानदारों को प्लास्टिक का यूज नहीं करने के लिए समझा रहे हैं. इसी क्रम में जोधपुर में एक दूध विक्रेता ने बड़ी पहल करते हूए पॉलीथिन की जगह नियमित ग्राहकों को स्टील की बरनियां बांटी.

Milk seller distributed steel utensils instead of plastic bags
स्टील बर्तन बंटाता दूध विक्रेता
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Published : Jul 3, 2022, 5:09 PM IST

जोधपुर. एक जुलाई से प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग गई (Single use plastic ban in Rajasthan) है. फिलहाल सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर सभी जगह पर समझाइश का दौर चल रहा है. जिसमें ग्राहकों और दुकानदारों दोनों को निगम के कर्मचारी समझा रहे हैं कि प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करें. इस बीच जोधपुर में एक दूध विक्रेता ने बड़ी पहल करते हुए अपनी दुकान से प्लास्टिक की पॉलीथिन की जगह अपने नियमित ग्राहकों को स्टील की बरनियां बांटी हैं.

दूध विक्रेता ने सौ से अधिक ग्राहकों को स्टील की बरनियां दीं: शहर के पावटा स्थित टीसी परिहार दूध दही भंडार के संचालक चंद्र प्रकाश परिहार ने सौ से ज्यादा ग्राहकों को स्टील की बरनियां दी. जिससे दूध के लिए पॉलीथिन का उपयेाग बंद हो सके. लोग जब भी घर से निकलते तो स्टील का बर्तन लेकर आसानी से आ सके. इसके लिए यह पहल की है. चंद्रप्रकाश का कहना है कि हम सभी को मिलकर यह प्रण लेना होगा कि हमें घर में पॉलीथिन लेकर नहीं आना है. चाहे कोई भी सामान लाना हो घर से थैला लेकर निकलें. अगर सभी लोग इसमें भागीदारी निभाएंगे तो सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति मिलेगी.

पढ़ें:Jaipur On Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर जयपुर तैयार, निगमों ने बताया क्या है प्लान!

बर्तन पर स्टीकर लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश दिया: परिहार ने प्रत्येक स्टील के बर्तन पर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के संदेश के स्टीकर भी लगाए हैं. गौरतलब है कि एक जुलाई से सिंगल यूज पर प्रतिबंध लग गया है. लेकिन अभी भी प्रयोग हो रहा है. निगमकर्मी और दुकानदार दोनों उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कुछ समय बाद अगर कोई सिंगल प्लास्टिक में सामान बेचता है तो उसे पर जुर्माना लगाया जाएगा.

हर दिन हजारों लीटर दूध प्लास्टिक की थैली में जाता है: जोधपुर में सरकारी डेयरी के अलावा शहर में अलग-अलग जगह पर चौहटों के माध्यम से दूध की बिक्री होती है. सभी चौहटों के एक ही भाव होते हैं. यहां के दूध की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है. जिसके चलते खास तौर से भीतरी शहर और आस पास क्षेत्रों में चौहटे के दूध की बिक्री होती है. प्रतिदिन सुबह शाम इन चौहटों से हजारों लीटर दूध पॉलीथिन थैली में ही ग्राहक लेकर जाते हैं.

जोधपुर. एक जुलाई से प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग गई (Single use plastic ban in Rajasthan) है. फिलहाल सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर सभी जगह पर समझाइश का दौर चल रहा है. जिसमें ग्राहकों और दुकानदारों दोनों को निगम के कर्मचारी समझा रहे हैं कि प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करें. इस बीच जोधपुर में एक दूध विक्रेता ने बड़ी पहल करते हुए अपनी दुकान से प्लास्टिक की पॉलीथिन की जगह अपने नियमित ग्राहकों को स्टील की बरनियां बांटी हैं.

दूध विक्रेता ने सौ से अधिक ग्राहकों को स्टील की बरनियां दीं: शहर के पावटा स्थित टीसी परिहार दूध दही भंडार के संचालक चंद्र प्रकाश परिहार ने सौ से ज्यादा ग्राहकों को स्टील की बरनियां दी. जिससे दूध के लिए पॉलीथिन का उपयेाग बंद हो सके. लोग जब भी घर से निकलते तो स्टील का बर्तन लेकर आसानी से आ सके. इसके लिए यह पहल की है. चंद्रप्रकाश का कहना है कि हम सभी को मिलकर यह प्रण लेना होगा कि हमें घर में पॉलीथिन लेकर नहीं आना है. चाहे कोई भी सामान लाना हो घर से थैला लेकर निकलें. अगर सभी लोग इसमें भागीदारी निभाएंगे तो सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति मिलेगी.

पढ़ें:Jaipur On Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर जयपुर तैयार, निगमों ने बताया क्या है प्लान!

बर्तन पर स्टीकर लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश दिया: परिहार ने प्रत्येक स्टील के बर्तन पर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के संदेश के स्टीकर भी लगाए हैं. गौरतलब है कि एक जुलाई से सिंगल यूज पर प्रतिबंध लग गया है. लेकिन अभी भी प्रयोग हो रहा है. निगमकर्मी और दुकानदार दोनों उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. कुछ समय बाद अगर कोई सिंगल प्लास्टिक में सामान बेचता है तो उसे पर जुर्माना लगाया जाएगा.

हर दिन हजारों लीटर दूध प्लास्टिक की थैली में जाता है: जोधपुर में सरकारी डेयरी के अलावा शहर में अलग-अलग जगह पर चौहटों के माध्यम से दूध की बिक्री होती है. सभी चौहटों के एक ही भाव होते हैं. यहां के दूध की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है. जिसके चलते खास तौर से भीतरी शहर और आस पास क्षेत्रों में चौहटे के दूध की बिक्री होती है. प्रतिदिन सुबह शाम इन चौहटों से हजारों लीटर दूध पॉलीथिन थैली में ही ग्राहक लेकर जाते हैं.

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