जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोकि पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान रखता है. इस कॉलेज में पिछले लंबे समय से शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राएं काफी परेशान हो रहे थे. पूर्व में भी एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों की कमी के चलते कॉलेज कैंपस के बाहर धरने प्रदर्शन भी किए, लेकिन अब कॉलेज को 77 शिक्षक मिल चुके हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने एआईसीटीई गोदी अंडरटेकिंग के मुताबिक, 39 शिक्षकों की वेतन पर 1 साल के लिए भर्ती करने के आदेश जारी कर दिए हैं. सोमवार रात को केंद्र सरकार ने टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया है. इससे 31 मार्च को एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से कार्यमुक्त हुए 38 शिक्षक एक बार फिर से ज्वाइन कर सकेंगे, जिसके चलते अब 39 नए शिक्षक और 38 पुराने शिक्षक को मिलाकर कुल 77 शिक्षक मिलने के बाद कॉलेज प्रशासन ने अब एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी 10 विभागों का नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन से एक्रीडेशन करवाने का निर्णय लिया है.
केंद्र सरकार ने टैक्सयूप कार्यक्रम का एक्सटेंशन देने के साथ सभी शिक्षकों को आवंटित कॉलेजों में दस्तावेज सहित जाकर वापस कार्यभार ग्रहण करने का कहा है, तो वहीं जोधपुर के एमबीए इंजीनियरिंग कॉलेज में 4 पाठ्यक्रमों में गुण 40 अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी शुरू कर दी है. ऐसे में छात्रों को आने वाली समस्या जल्दी दूर हो जाएगी. जोधपुर के एमबीएमजी में कॉलेज में बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में 11-11 और आईटी में 6 शिक्षक भर्ती किए जाएंगे. शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने पर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर पीसी त्रिवेदी ने बताया कि इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा पहले राजस्थान सरकार को अवगत कराया गया था, जिसके बाद राजस्थान सरकार ने जल्द ही उनकी मांग पत्र को देखकर नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं. कुलपति ने बताया कि एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों की कमी पूरी होने से कहीं ना कहीं छात्रों को लाभ मिलेगा और एमबीएम इंजीनियरिंग के शैक्षणिक स्तर में भी काफी बढ़ोतरी होगी.