जोधपुर. मूलभूत सुविधाओं के लिए राज्यांश के साथ-साथ केन्द्रांश भी प्रस्तावित है. ऐसे में राज्य सरकार केन्द्र से बजट आने के बाद ही बजट आवंटित करेगी, जिसकी वजह से कुछ प्रोजेक्ट में देरी हो रही है.
राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ में वाणिज्यिक न्यायालय संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद केन्द्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है. वहीं, राज्य के महाधिवक्ता एमएस सिंघवी को मौखिक रूप से कहा कि जहा तक संभव हो वाणिज्यक अदालतो के लिए भवन उसी परिसर में देखा जाए.
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प्रदेश के अदालतो को लेकर 14 प्रोजेक्ट्स विचाराधीन हैं, जिनमें से दो श्रीगंगानगर और सिरोही न्यायालय के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है. जबकि 12 प्रोजेक्ट्स जिनके लिए राज्यांश के साथ-साथ केन्द्रांश भी स्वीकृत होना है. ऐसे में केन्द्रांश की स्वीकृति के बाद ही राज्यांश स्वीकृत किया जाएगा, जिसके लिए केन्द्र को भी अब पक्षकार बना दिया गया है. अब इस मामले में 15 नवम्बर 2021 को अगली सुनवाई होगी.