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SPECIAL: म्यांमार से मारवाड़ तक फैला है अफीम तस्करी का सर्किट, पुलिस ने किया खुलासा... - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

जोधपुर पुलिस ने म्यांमार से मारवाड़ में होने वाली अंतरराष्ट्रीय अफीम तस्करी का बड़ा खुलासा किया है. बीते दिनों तस्करों के आपसी विवाद के चलते हुए डबल मर्डर प्रकरण में पुलिस ने अनुसंधान किया तो म्यांमार से अफीम की खेप लाने और उसे मारवाड़ में खपाने की बात सामने आई. देखें पूरी रिपोर्ट...

opium smuggling from Myanmar, international opium smuggler gang in Jodhpur
म्यांमार से मारवाड़ तक फैला है अफीम तस्करी का सर्किट
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Published : Nov 26, 2020, 9:49 PM IST

जोधपुर. अंतरराज्यीय अफीम की तस्करी तो लगातार होती रही है, लेकिन जोधपुर पुलिस ने अफीम तस्करों के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन व रूट का पता लगाया है, जिसके रास्ते तस्कर म्यांमार से मारवाड़ तक अफीम ला रहे हैं. गत दिनों अफीम तस्करी में तस्करों के आपसी विवाद के चलते हुए डबल मर्डर प्रकरण में पुलिस ने जब एक के बाद एक तस्कर को धरना शुरू किया तो सामने आया कि जिस अफीम की खेप को लेकर उपजे विवाद से मर्डर हुए, वह म्यांमार से मणिपुर व मणिपुर से गुहावाटी होते हुए जोधपुर तक पहुंची थी, जिसे पूरे मारवाड़ में खपाया जाना था. यह क्रम तस्करों का लंबे समय से जारी है.

म्यांमार से मारवाड़ तक फैला है अफीम तस्करी का सर्किट

जोधपुर पुलिस पश्चिम के उपायुक्त आलोक श्रीवास्तव के अनुसार तस्करों से पूछताछ में यह पता चला है कि अफीम की खेप म्यांमार से जोधपुर आई थी. इसके लिए मणिपुर से गुहावाटी तक कई चैनल बने हुए हैं, जिसके मार्फत अफीम पहुंचती है. इसके बाद इसे चाय की पत्ती के ट्रक में डालकर निकाला जाता है, जिससे अफीम गंध नहीं आए. इसके बाद अलग अलग रास्तों से यह अफीम जोधपुर तक पहुंचती है.

पढ़ें- कैसे होगा स्वच्छ भारत मिशन साकार...शौचालय तो है पर सफाई नहीं

उपायुक्त के अनुसार इस मामले की जानकारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को दी है, जिससे वे इस बड़े सर्किट की पड़ताल कर सकें. इससे पहले झारखंड से अफीम आती रही है, जिसका खुलासा हुआ था. अब माना जा रहा है कि मारवाड़ के तस्करों ने झारखंड के तस्करों से आगे निकल कर सीमा क्षेत्र में कनेक्शन बना लिए हैं.

तीन हजार किमी से ज्यादा दूर

भारत के सेवन सिस्टर उत्तरी पूर्वी राज्यों के म्यांमार की सीमा लगती है. इनमें राज्यों में मणिपुर की सीमा के आसपास तस्कर सक्रिय हैं, जो म्यांमार से अफीम मंगवाते हैं, जिसे बाद में देश के अलग अलग हिस्सों में सप्लाई करते हैं. यह पहला मौका है कि मारवाड़ के तस्करों के तार भी अंतराष्ट्रीय तस्कर सरगनों से जुड़ा होना सामने आया है. जबकि मारवाड़ से म्यांमार की दूरी ही 3 हजार किमी से अधिक है, जिसे अलग अलग रास्तों से 8 से 10 दिन में पूरे करते हैं. खासतौर से जो ट्रक राजस्थान से असम जाते हैं, उनका इस्तेमाल इसमें किया जाता है.

जेल से चलता नेटवर्क

मारवाड में यूं तो अफीम के कई तस्कर गिरोह हैं, जो तस्करी में लिप्त हैं. वर्तमार में कुडी भगतासनी थाना क्षेत्र में दर्ज डबल मर्डर प्रकरण के मामले का मास्टर माइंड जेल में बंद तस्कर मांगीलाल नोखडा को माना जा रहा है. जिसके इशारे पर ही हत्या हुई है. पुलिस ने हाल ही में उसके भाई सुरेश नोखडा व सहयोगी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. पूछताछ के बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने मांगीलाल को भी प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है.

जोधपुर. अंतरराज्यीय अफीम की तस्करी तो लगातार होती रही है, लेकिन जोधपुर पुलिस ने अफीम तस्करों के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन व रूट का पता लगाया है, जिसके रास्ते तस्कर म्यांमार से मारवाड़ तक अफीम ला रहे हैं. गत दिनों अफीम तस्करी में तस्करों के आपसी विवाद के चलते हुए डबल मर्डर प्रकरण में पुलिस ने जब एक के बाद एक तस्कर को धरना शुरू किया तो सामने आया कि जिस अफीम की खेप को लेकर उपजे विवाद से मर्डर हुए, वह म्यांमार से मणिपुर व मणिपुर से गुहावाटी होते हुए जोधपुर तक पहुंची थी, जिसे पूरे मारवाड़ में खपाया जाना था. यह क्रम तस्करों का लंबे समय से जारी है.

म्यांमार से मारवाड़ तक फैला है अफीम तस्करी का सर्किट

जोधपुर पुलिस पश्चिम के उपायुक्त आलोक श्रीवास्तव के अनुसार तस्करों से पूछताछ में यह पता चला है कि अफीम की खेप म्यांमार से जोधपुर आई थी. इसके लिए मणिपुर से गुहावाटी तक कई चैनल बने हुए हैं, जिसके मार्फत अफीम पहुंचती है. इसके बाद इसे चाय की पत्ती के ट्रक में डालकर निकाला जाता है, जिससे अफीम गंध नहीं आए. इसके बाद अलग अलग रास्तों से यह अफीम जोधपुर तक पहुंचती है.

पढ़ें- कैसे होगा स्वच्छ भारत मिशन साकार...शौचालय तो है पर सफाई नहीं

उपायुक्त के अनुसार इस मामले की जानकारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को दी है, जिससे वे इस बड़े सर्किट की पड़ताल कर सकें. इससे पहले झारखंड से अफीम आती रही है, जिसका खुलासा हुआ था. अब माना जा रहा है कि मारवाड़ के तस्करों ने झारखंड के तस्करों से आगे निकल कर सीमा क्षेत्र में कनेक्शन बना लिए हैं.

तीन हजार किमी से ज्यादा दूर

भारत के सेवन सिस्टर उत्तरी पूर्वी राज्यों के म्यांमार की सीमा लगती है. इनमें राज्यों में मणिपुर की सीमा के आसपास तस्कर सक्रिय हैं, जो म्यांमार से अफीम मंगवाते हैं, जिसे बाद में देश के अलग अलग हिस्सों में सप्लाई करते हैं. यह पहला मौका है कि मारवाड़ के तस्करों के तार भी अंतराष्ट्रीय तस्कर सरगनों से जुड़ा होना सामने आया है. जबकि मारवाड़ से म्यांमार की दूरी ही 3 हजार किमी से अधिक है, जिसे अलग अलग रास्तों से 8 से 10 दिन में पूरे करते हैं. खासतौर से जो ट्रक राजस्थान से असम जाते हैं, उनका इस्तेमाल इसमें किया जाता है.

जेल से चलता नेटवर्क

मारवाड में यूं तो अफीम के कई तस्कर गिरोह हैं, जो तस्करी में लिप्त हैं. वर्तमार में कुडी भगतासनी थाना क्षेत्र में दर्ज डबल मर्डर प्रकरण के मामले का मास्टर माइंड जेल में बंद तस्कर मांगीलाल नोखडा को माना जा रहा है. जिसके इशारे पर ही हत्या हुई है. पुलिस ने हाल ही में उसके भाई सुरेश नोखडा व सहयोगी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. पूछताछ के बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने मांगीलाल को भी प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है.

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