जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (Rajasthan High Court Advocates Association) के अध्यक्ष नाथू सिंह राठौड़ की अगुवाई में प्रतिनिधि मंडल ने केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) को विस्तृत मांग पत्र भी सौंपा. इसमें बताया गया है कि राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) में 50 की क्षमता है. फिलहाल मुख्य न्यायाधीश सहित केवल 23 न्यायाधीश ही कार्यरत हैं. इनमें से भी अगले 15 महीनों में करीब 7 न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो जाएंगे. आने वाले 15 महीनों में न्यायाधीशों की संख्या घटकर 16 ही रह जाएगी.
हाईकोर्ट में मुकदमों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में आमजन को त्वरित न्याय मुहैया कराने की संवैधानिक जिम्मेदारी भी न्यायपालिका नहीं निभा पा रही है. पत्र में बताया गया है कि राजस्थान उच्च न्यायालय में अधिवक्ता कोटे से अंतिम नियुक्ति नवम्बर 2019 में हुई थी. इसके बाद न्यायिक अधिकारी कोटे से न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई, लेकिन इनमें से अधिकांश का कार्यकाल काफी छोटा है. ऐसे में एसोसिएशन ने वकील कोटे से न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केन्द्र सरकार और अन्य स्तर पर लम्बित प्रक्रिया को गति देने का आग्रह किया.
केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू ने करीब 45 मिनट तक अधिवक्ता प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा की और न्यायाधीशों की नियुक्ति में केन्द्र सरकार के स्तर पर आ रही बाधाओं को जल्द से जल्द दूर करने का भरोसा दिया. रिजिजू ने कहा कि राजस्थान में अधिवक्ताओं और न्यायपालिका की बेहतरी के लिए हर सुझाव का स्वागत है. इसे जल्द से जल्द मूर्त रूप देने का प्रयास किया जाएगा.
केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मंडल में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य देवेन्द्र सिंह मेहलाना, पूर्व राजकीय अधिवक्ता जयप्रकाश भारद्वाज , टी सी शर्मा और अधिवक्ता रविपाल सिंह शामिल थे. इससे पहले एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने रिजिजू को केंद्रीय कानून मंत्री बनने पर शुभकामनाएं दीं और उनका स्वागत भी किया.