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25 लाख का भरण-पोषण लेकर भी पिता को नहीं दी पुत्र की कस्टडी, जानें क्या है मामला... - Custody of Son was not Given to Father

25 लाख रुपये का भरण-पोषण लेकर भी पिता को पुत्र की कस्टडी (Controversy Over Son Custody) नहीं देने का मामला सामने आया है. एक गुजराती पिता का आरोप है कि हिंदी में लिखे पेपर में छलपूर्वक बदलाव कर हस्ताक्षर करवाए गए.

Custody of Son was not Given to Father
25 लाख का भरण-पोषण लेकर भी पिता को नहीं दी पुत्र की कस्टडी
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Published : Mar 18, 2022, 3:44 PM IST

जोधपुर. पति-पत्नी के बीच विवाद के चलते तलाक हो गया. तलाक से पहले यह तय किया गया कि एक साथ (Gujarati Man Alleged Wife in Jodhpur) भरण-पोषण के 25 लाख रुपये पति अपनी पत्नी को देगा और इसके एवज में 7 साल के बाद उसके पुत्र की कस्टडी पिता को दे दी जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बेटे की उम्र सात साल होने पर पत्नी ने बात तक नहीं करवाई.

पूर्व पति से कहा कि शर्तों के मुताबिक बेटे की कस्टडी मेरे पास है. तब पति को पता चला कि जो बात तलाक का केस डालने से पहले तय हुई थी, उसमें बदलाव कर उससे हस्ताक्षर करवा लिए गए. पति का आरोप है कि वह गुजराती है. शिक्षा का माध्यम भी गुजराती रहा है. उसे हिंदी का इतना ज्ञान नहीं था, जबकि सारे दस्तावेज हिंदी में थे. उससे छलपूर्वक हस्ताक्षर करवाए गए. इसको लेकर उसने उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया है.

बिना बताए आस्ट्रेलिया से निकली थी पत्नी : जानकारी के अनुसार अहमदाबाद निवासी भरत कुमार का विवाह 25 फरवरी 2012 को जोधपुर के बासनी क्षेत्र निवासी रूपा राम परिहार की पुत्री प्रियंका डाबी से हुआ था. भरत कुमार ऑस्ट्रेलिया का रहता था. शादी के बाद प्रियंका भी उसके साथ ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स चली गई.

भरत कुमार ने पुलिस को अपनी रिपोर्ट में बताया कि शादी के बाद से ही प्रियंका का व्यवहार क्रूरतापूर्ण था. उसकी नजर हमेशा उसके रुपये-पैसों पर रहती थी. वह कई बार वहां से निकलने का प्रयास कर चुकी थी. जुलाई 2018 में प्रियंका घर से नकदी, जेवरात और उसके पुत्र विहान को लेकर उसकी अनुपस्थिति में निकल गई.

जोधपुर में दर्ज करवाया दहेज उत्पीड़न का मामला : भरत कुमार ने आरोप लगाया कि जोधपुर आने के बाद प्रियंका उसके पिता से उसकी बात हुई. दोनों ने कहा कि हमें विहान में कोई दिलचस्पी नहीं है, तुम रुपये देकर उसे ले जा सकते हो. लेकिन जब भरत कुमार भारत आया तो उसके विरुद्ध दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया.

पढ़ें : जोधपुर में 2 साल बाद रंगों के त्योहार को लेकर उत्साह, लोग खुश इस बार नहीं होगी 'पाबंदी वाली होली'

भरत कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रियंका के पिता रूपा राम की पुलिस में बड़े अधिकारियों से जान-पहचान है, जिसके चलते अगस्त 2019 में जब भारत आया तो उसे एयरपोर्ट से ही गैरकानूनी तरीके से पुलिस ने उठा लिया और जोधपुर लाकर थाने में रखा. उस पर दबाव बनाया गया कि वह राजीनामा करे. उसका पासवर्ड भी छीन लिया गया. अंतत: 10 अगस्त 2019 को राजीनामा हुआ.

तय हुआ बेटा पिता के पास रहेगा, लेकिन हुआ उल्टा : प्रियंका के खिलाफ दर्ज करवाए गए मामले में भरत कुमार ने आरोप लगाया है कि यह तय हुआ था कि 25 लाख रुपये एकमुश्त देने पर बेटे की उम्र 7 साल होने के बाद उसकी कस्टडी उसे सौंप दी जाएगी. हिंदी में लिखे पेपर पर उससे हस्ताक्षर करवाए गए, उसमें धोखाधड़ी करते हुए बदलाव कर दिया.

जब फरवरी 2020 में कोर्ट में तलाक की डिक्री (Divorce due to dispute in Jodhpur) हुई तो उसमें दोनों की सहमति के तहत बेटे की कस्टडी मां के पास रह गई. इसके बाद जब भरत ने बेटे से बात करने के प्रयास किया तो प्रियंका ने कहा कि उसकी कस्टडी उसके पास है. तब भरत को पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई.

जोधपुर. पति-पत्नी के बीच विवाद के चलते तलाक हो गया. तलाक से पहले यह तय किया गया कि एक साथ (Gujarati Man Alleged Wife in Jodhpur) भरण-पोषण के 25 लाख रुपये पति अपनी पत्नी को देगा और इसके एवज में 7 साल के बाद उसके पुत्र की कस्टडी पिता को दे दी जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बेटे की उम्र सात साल होने पर पत्नी ने बात तक नहीं करवाई.

पूर्व पति से कहा कि शर्तों के मुताबिक बेटे की कस्टडी मेरे पास है. तब पति को पता चला कि जो बात तलाक का केस डालने से पहले तय हुई थी, उसमें बदलाव कर उससे हस्ताक्षर करवा लिए गए. पति का आरोप है कि वह गुजराती है. शिक्षा का माध्यम भी गुजराती रहा है. उसे हिंदी का इतना ज्ञान नहीं था, जबकि सारे दस्तावेज हिंदी में थे. उससे छलपूर्वक हस्ताक्षर करवाए गए. इसको लेकर उसने उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया है.

बिना बताए आस्ट्रेलिया से निकली थी पत्नी : जानकारी के अनुसार अहमदाबाद निवासी भरत कुमार का विवाह 25 फरवरी 2012 को जोधपुर के बासनी क्षेत्र निवासी रूपा राम परिहार की पुत्री प्रियंका डाबी से हुआ था. भरत कुमार ऑस्ट्रेलिया का रहता था. शादी के बाद प्रियंका भी उसके साथ ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स चली गई.

भरत कुमार ने पुलिस को अपनी रिपोर्ट में बताया कि शादी के बाद से ही प्रियंका का व्यवहार क्रूरतापूर्ण था. उसकी नजर हमेशा उसके रुपये-पैसों पर रहती थी. वह कई बार वहां से निकलने का प्रयास कर चुकी थी. जुलाई 2018 में प्रियंका घर से नकदी, जेवरात और उसके पुत्र विहान को लेकर उसकी अनुपस्थिति में निकल गई.

जोधपुर में दर्ज करवाया दहेज उत्पीड़न का मामला : भरत कुमार ने आरोप लगाया कि जोधपुर आने के बाद प्रियंका उसके पिता से उसकी बात हुई. दोनों ने कहा कि हमें विहान में कोई दिलचस्पी नहीं है, तुम रुपये देकर उसे ले जा सकते हो. लेकिन जब भरत कुमार भारत आया तो उसके विरुद्ध दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया.

पढ़ें : जोधपुर में 2 साल बाद रंगों के त्योहार को लेकर उत्साह, लोग खुश इस बार नहीं होगी 'पाबंदी वाली होली'

भरत कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रियंका के पिता रूपा राम की पुलिस में बड़े अधिकारियों से जान-पहचान है, जिसके चलते अगस्त 2019 में जब भारत आया तो उसे एयरपोर्ट से ही गैरकानूनी तरीके से पुलिस ने उठा लिया और जोधपुर लाकर थाने में रखा. उस पर दबाव बनाया गया कि वह राजीनामा करे. उसका पासवर्ड भी छीन लिया गया. अंतत: 10 अगस्त 2019 को राजीनामा हुआ.

तय हुआ बेटा पिता के पास रहेगा, लेकिन हुआ उल्टा : प्रियंका के खिलाफ दर्ज करवाए गए मामले में भरत कुमार ने आरोप लगाया है कि यह तय हुआ था कि 25 लाख रुपये एकमुश्त देने पर बेटे की उम्र 7 साल होने के बाद उसकी कस्टडी उसे सौंप दी जाएगी. हिंदी में लिखे पेपर पर उससे हस्ताक्षर करवाए गए, उसमें धोखाधड़ी करते हुए बदलाव कर दिया.

जब फरवरी 2020 में कोर्ट में तलाक की डिक्री (Divorce due to dispute in Jodhpur) हुई तो उसमें दोनों की सहमति के तहत बेटे की कस्टडी मां के पास रह गई. इसके बाद जब भरत ने बेटे से बात करने के प्रयास किया तो प्रियंका ने कहा कि उसकी कस्टडी उसके पास है. तब भरत को पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई.

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