जोधपुर. पारिवारिक न्यायालय संख्या-2 के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मोदी ने समाज को बाल विवाह के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए ऐसे ही एक प्रकरण को निरस्त करते हुए अपना फैसला सुनाया है. न्यायाधीश ने समाज के लिए सख्त संदेश प्रस्तुत करते हुए अपने फैसले में कहा कि बाल विवाह से मासूम बच्चों का वर्तमान और भविष्य दोनों खराब होता है. सबको मिलकर इस कुरीति को मिटाकर बचपन को संरक्षित करना होगा. तभी सदियों से चली आ रही इस कुप्रथा का अंत हो पाएगा.
इसके साथ ही कोर्ट में महज ढाई साल की उम्र में बाल विवाह की बेड़ियों में बंधी 'बालिका वधु' समता को 18 साल बाद इस बंधन से मुक्त कर दिया. समता की उम्र अब 21 साल है. इस बाल विवाह निरस्त करवाने में सारथी ट्रस्ट की डॉ. कृति भारती की अहम भूमिका रही है. डॉ. भारती ने ही कोर्ट में समता का पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि तिंवरी तहसील निवासी दैनिक मजदूर की पुत्री का वर्ष 2003 में बाल विवाह ओसियां तहसील निवासी युवक के साथ करवा दिया गया था.
बाल विवाह के समय समता की उम्र महज ढाई साल थी. कुछ साल पूर्व समता के ससुराल वालों ने लगातार गौना कर विदा करने का दबाव बना रहे थे. बीएड में अध्ययनरत समता ने खुद के शिक्षक बनने के ख्वाब टूटते देखा तो अवसाद में आ गई. उसकी इस परेशानी को देखते हुए समता की सहेली रेखा ने सोशल मीडिया के माध्यम से सारथी ट्रस्ट तक ये समस्या पहुंचाई जिसके बाद बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए परिवाद दर्ज करवाया गया.
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दूसरे पक्ष को राजी कर बनाई सहमति
पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त का वाद दायर होने के बाद डॉ. कृति भारती ने कानूनी प्रक्रिया के साथ ही अप्रार्थी पक्ष को भी समझाकर सहमति से बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए काउंसलिंग की. इसमें अप्रार्थी के अधिवक्ता दुर्गाराम ने भी सहमति जता कर सहयोग किया. पारिवारिक न्यायालय संख्या- 2 के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मोदी ने करीब 18 साल पहले समता के ढाई साल की उम्र में हुए बाल विवाह को निरस्त करने का ऐतिहासिक आदेश किया.
अब तक 46 बाल विवाह निरस्त
बाल विवाह निरस्त करवाने की मुहिम में जुटे सारथी ट्रस्ट की डॉ. कृति भारती ने ही देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया था. उसके बाद से वह अब तक 46 बाल विवाह निरस्त और 1500 से अधिक बाल विवाह रुकवाए हैं. 2015 में तीन दिन में दो बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए डॉ. कृति भारती का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में नाम दर्ज हुआ.