जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को विधानसभा में राज्य का बजट 2021 22 पेश किया. इस बजट में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और शिक्षा पर आधारभूत ढांचे को लेकर बड़ी घोषणाएं की, लेकिन उद्योगों को मजबूत करने को लेकर घोषणाओं को लेकर उद्यमी संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि कोरोना के बाद सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि सरकार सीधे ही घोषणा करेगी. लेकिन, सरकार ने एमएसएमई के लिए नई नीति बनाने की घोषणा की है. जबकि, आवश्यकता सीधे ही नीति जारी करने की थी.
उद्यमियों का कहना है कि सरकार ने जो घोषणा की है, उनको अमलीजामा पहनाने के लिए जो धन चाहिए वह सिर्फ उद्योग जगह दे सकता है. लेकिन, सरकार ने उद्योग जगत जो कोरोना के चलते पूरी तरह से आर्थिक रूप से परेशान हैं, उसके लिए सरकार ने कोई बड़ी घोषणा नहीं की. जोधपुर के उद्यमियों का कहना है कि उद्यमों को बिजली के बिलों में छूट देने की सख्त आवश्यकता थी. लेकिन, सरकार ने इसको लेकर कोई घोषणा नहीं की. इसके अलावा बड़े उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए भी सरकार ने कोई बड़ी घोषणा नहीं की.
पश्चिमी राजस्थान में उद्योगों को बढ़ाने के लिए जिस इंडस्ट्रीज एरिया की बात की जा रही है. वहां बरसों तक कोई विकास नहीं हुआ है. मथानिया में 100 करोड़ रुपए से मेगा फूड पार्क करने की घोषणा की गई है. लेकिन, उसे धरती पर उतारने के लिए जो इन फर्स्ट को चाहिए, उसको लेकर सरकार ने कोई बात नहीं कही. उद्यमियों ने इस बात की प्रशंसा भी की कि सरकार ने छोटे सप्लायर्स को 300000 रुपये तक का ऋण देने की बात कही है. लेकिन, बड़ी इंडस्ट्रीज के पास अगर काम नहीं होगा, तो सप्लायर क्या करेंगेण्