जोधपुर. जोधपुर एम्स के आवासीय परिसर में एक महिला डॉक्टर ने शनिवार करीब को 4 बजे आत्महत्या कर ली. जोधपुर एम्स केपीएमआर विभाग में कार्यरत फिजियोथेरेपी डॉक्टर नीरू सोनी शनिवार दोपहर को ड्यूटी खत्म कर घर गईं. लेकिन कुछ देर बाद ही उनके आत्महत्या करने की सूचना मिली. बताया जा रहा है घर लौटने के बाद डॉ. नीरू की बेटी से कुछ बहस हुई थी. हालांकि पुलिस ने मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने की बात कही है. फिलहाल जांच की जा रही है.
पति भी फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में एडिशनल प्रोफेसर
डॉक्टर नीरू सोनी के पति डॉ. पुनीत सेठिया भी एम्स में ही फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में एडिशनल प्रोफेसर हैं. वह उस समय अपने विभाग में ही थे. जानकारी मिलने पर वह तुरंत एम्स इमरजेंसी पहुंचे. डॉक्टर नीरू को बचाने के लिए काफी प्रयास किया गया लेकिन उनकी मौत हो गई. सूचना पर जोधपुर बासनी थाना से थानाधिकारी पाना चौधरी और एसीपी नूर मोहम्मद भी घटनास्थल पर पहुंचे.
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सास, बेटी और बेटा थे घर पर
बताया जा रहा है कि डॉ. नीरू ने जब आत्महत्या की तो उस समय घर पर उनकी सास, बेटी और बेटा थे. परिवार में कुछ कहासुनी हुई जिसके बाद नीरू ने अपना कमरा बन्द कर लिया था. काफी देर तक बाहर नहीं आने पर बेटी ने दरवाजा खटखटाया और आवाज लगाई लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला. बाद में खिड़की से देखा तो डॉ. नीरू ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
बेटी से बहस के बाद उठाया आत्मघाती कदम
पुलिस के मुताबिक बेटी ने मां डॉ. नीरू से फरमाइश की कि वह अपने दोस्त का जन्मदिन रविवार को अपने घर मनाना चाहती है. ऐसे में दोनों के बीच कुछ कहासुनी हुई. इससे नाराज होकर डॉ. नीरू अपने कमरे में चली गईं और दरवाजा बन्द कर लिया. इसके बाद ही डॉ. नीरू ने फंदे ले लगा ली फांसी.
घबराई बेटी ने पड़ोसियों और पिता डॉ. पुनीत को सूचना दी. इस दौरान गार्ड व अन्य ने दरवाजे की कुंडी तोड़कर डॉ. नीरू फंदे से उतारा और एम्स इमरजेंसी लेकर गए. वहां उन्हें सीपीआर दिया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी.
फॉरेंसिक टीम एकत्र कर रही साक्ष्य
एसीपी नूर मोहम्मद ने डॉ. पुनीत सेठिया, उनके बच्चों व उनकी दादी से बातचीत की जिसमें कुछ तथ्य निकलकर सामने आए हैं लेकिन पुलिस ने फिलहाल किसी तरह के सुसाइड नोट मिलने की पुष्टि नहीं की है. अलबत्ता फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाकर साक्ष्य एकत्र करना शुरू कर दिए गए हैं.
आधा दर्जन सुसाइड केस हो चुके एम्स में
जोधपुर एम्स 2012 में विधिवत शुरू हुआ था. उसके बाद से लेकर अब तक आधा दर्जन आत्महत्याएं हो चुकी हैं. इसमें नर्सिंग कर्मी एमबीबीएस स्टूडेंट नर्सिंग स्टूडेंट एवं डॉक्टर शामिल है.