जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 के तहत ऋण वितरण में की गई अनियमितताओं के मामले में संयुक्त मुख्य लेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश कर (Irregularities found in Mukhyamantri loan waiver scheme) दी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ ने सीलबंद लिफाफे की रिपोर्ट को पढ़ा जिसमें बताया गया कि 20 सहकारी समितियो में कई मामलो में अनियमितताए पाई गई हैं.
कोर्ट ने सरकार को कहा कि जिनके खिलाफ अनियमितताएं पाई गई हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो माह में अनुपालना रिपोर्ट पेश करें. याचिकाकर्ता सिमरथाराम की ओर से अधिवक्ता निखिल डुगावत और मोतीसिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखा कि और भी कई अनियमितताएं हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले इन 20 के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उसके बाद दूसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि वसूली और भ्रष्टाचार की धाराओं में यदि मामला है, तो कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, उससे भी कोर्ट को अवगत करवाया जाए.
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