जोधपुर. प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले भंवरी अपहरण व हत्या मामले की मास्टरमाइंड इंदिरा विश्नोई को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. इंदिरा विश्नोई पूर्व विधायक मलखान विश्नोई की बहन है. जिसने अपने भाई को मंत्री बनाने के लिए भंवरी का बेजा इस्तेमाल करते हुए महिपाल मदेरणा की सीडी बनवाई थी.
प्रकरण के सामने आने के बाद इंदिरा प्रारंभिक पूछताछ के बाद गायब हो गई थी. जिसके चलते सीबीआई ने उस पर 5 लाख का इनाम भी घोषित किया था. सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी इंदिरा का पता नहीं चला. हालांकि इंदिरा के पकड़े नही जाने को सीबीआई ने कोर्ट में एक हथियार के रूप में काम में लिया और आरोपियों की जमानत नहीं होने दी.
अंततः पुलिस ने उसे मध्यप्रदेश के देवास क्षेत्र के नेमावर से 2017 में गिरफ्तार किया और सीबीआई को सौंपा था. नेमावर में इंदिरा ने अपना हुलिया पूरी तरह बदल लिया. वह एक साधवी की तरह रहने लगी. वहां लगने वाले भंडारे में ही भोजन करती थी. जब भी पुलिस को देखती तो वह गायब हो जाती थी. लेकिन पुख्ता जानकारी के आधार पर जून 2017 में आखिरकार पुलिस ने उसे दबोच लिया. भंवरी मामले में अब सभी आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.
भंवरी की सहेली थी इंदिरा
मलखान की बहन इंद्रा विश्नोई एएनएम भंवरी देवी की सहेली थी. भंवरी और मलखान के संबंधों की जानकारी भी इंदिरा को थी. जब भी दोनों के बीच कोई विवाद होता तो इंदिरा ही उसे खत्म करती थी. ऐसे कई मौके आए जब मलखान सिंह विश्नोई और भंवरी के बीच बड़े विवाद हुए एक बार तो भंवरी पुलिस में चली गई थी. लेकिन वहां भी इंदिरा ने जाकर मामला संभाला. भंवरी इंदिरा के मार्फत हमेशा एक ही बात कहती थी कि उसकी बेटी को भी मलखान सिंह अपनी सगी बेटी की तरह दर्जा दे.
यूं किया इस्तेमाल
इंदिरा विश्नोई ने भंवरी से कहा कि अगर मलखान सिंह एमएलए से मंत्री बन जाता है तो सब को फायदा होगा. इससे भंवरी भी राजनीति में आ सकेगी. जिसकी इच्छा वह पहले भी जाहिर कर चुकी थी. इंदिरा के कहने पर ही भंवरी ने तत्कालीन मंत्री महिपाल मदेरणा के साथ संबंध बनाए और उनकी सीडी भी तैयार की.
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इस सीडी के मार्फत ही इंदिरा विश्नोई महिपाल मदेरणा को मंत्री पद से हटाना चाहती थी और उसकी जगह अपने भाई को मंत्री बनाने का सपना देखती थी. लेकिन सीडी बनने के बाद भंवरी की समझ में आ गया और सीडी को लेकर लेन-देन की बात शुरू हो गई. ऐसी भी बात सामने आई थी कि भंवरी के पास मलखान की भी सीडी है. लेकिन वह सामने नही आई. आखिरकार मामला बिगड़ गया. भंवरी को अपनी मौत से सीडी की कीमत चुकानी पड़ी. उसकी मौत के बाद सीडी भी सार्वजनिक हो गई.
भाई बहन सब आ गए बाहर
भंवरी मामले में सीबीआई की दलीलों के चलते करीब 10 साल तक आरोपी को जमानत नहीं मिली. लेकिन 10 दिन पहले परसराम विश्नोई ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत हासिल की तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर बारी-बारी सभी आरोपियों को जमानत मिलती गई. परसराम के बाद उसके भाई मलखान विश्नोई और अब बहन इंदिरा बिश्नोई को भी जमानत मिल गई है. परिवार के सभी सदस्य जेल से बाहर आ चुके हैं.