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SPECIAL : मुख्यमंत्री के गृह जिले के गांव सिस्टम से हारे...अब 'महामृत्युंजय' के सहारे - Jodhpur Village Mahamrityunjaya Mantra

कोरोना वायरस गावों में भी कहर बरपा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर के भावी समेत 5 गांवों में लोग मर रहे हैं. सरकार से उम्मीद नहीं रही तो गांव के लोग भगवान भरोसे महामृत्युंजय मंत्र के जाप कर रहे हैं.

Corona in Chief Minister's home district
मुख्यमंत्री के गृह जिले के गांवों में कोरोना के हालात
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Published : May 15, 2021, 8:18 PM IST

Updated : May 15, 2021, 10:06 PM IST

जोधपुर. जिले के गांवो में घर-घर मातम है. भावी समेत 5 गांवों में 28 दिन में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. अब ग्रामीणों ने भी सरकार और प्रशासन से उम्मीद छोड़ दी है. कोरोना से जंग भगवान भरोसे है.

गांवों तक नहीं पहुंच रहा सिस्टम, लोग हवन-पूजन के सहारे

सीएम अशोक गहलोत के गृहजिले जोधपुर के गांवों भावी, बिजासनी, जेतिवास, पिचीयाक और जेलवा में 50 मौतें हो चुकी हैं. अधिकतर युवाओं की मौत हुई है. ग्रामीणों में दशहत है. आस पास के सभी गांवों में मौत का आंकड़ा सौ से पार चला गया. ऐसे में ग्रामीणों का सरकार - प्रशासन से भरोसा उठ तक उठ गया.

लोगों का कहना है कि यहां प्रशासन सक्रिय नहीं है. इसी का परिणाम है कि यहां कोरोना का संक्रमण तेज गति से फैला. भावी गांव पाली सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी का पैतृक गांव भी है. यहां लोग अब दिन भर हवन कर भगवान से इस महामारी से निजात दिलाने की गुहार कर रहे हैं.

पढ़ें- अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बेहतर प्रबंधन लेकिन अभी करनी होगी और मेहनत: हरीश चौधरी

बिलाड़ा में ऑनलाइन महामृत्युंजय जाप का सीधा प्रसारण भी किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान में एक चिता ठंडी नहीं होती, उससे पहले ही दूसरी अर्थी आ जाती है. ये दर्दनाक मंजर अकेले भावी गांव का नहीं है. बल्कि जोधपुर जिले के झाक, पीपाड़, बिलाड़ा, रणसीगांव, खेजडलाचिरडाणी, औसियां, भोपालगढ़ जैसे कई गांवों का भी है.

Corona in Chief Minister's home district
सिस्टम नाकाम, भगवान में आस्था

गांवों में दिन की शुरुआत प्रार्थना से होती है और शाम तक किसी न किसी घर में चीख-पुकार उठती है. उधर, पीपाड़ के जिला अस्पताल में भी कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन भामाशाहों के भरोसे है. डिमांड रोज 40 सिलेंडर की है जबकि 20 ही मिल रहे हैं. भामाशाहों ने ही ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर दान किए हैं.

पढ़ें- मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी: कोरोना से ग्रामीणों को बचाने के लिए गांव कमेटियां बनेंगी ढाल

भावी गांव में करीब 12 हजार की आबादी है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ आयुर्वेद अस्पताल भी है. लेकिन यहां चिकित्सक नहीं हैं. यह अस्पताल केवल नर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है. सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. अब लोग सरकार प्रशासन से गुहार लगाकर थक गए हैं. भगवान पर भरोसा कायम है.

Corona in Chief Minister's home district
चार बच्चियों से कोरोना ने छीना पिता

भावी गांव में एक घर में कोरोना से मुखिया की मौत हो गई. परिवार से बात की तो उनका दर्द फूट पड़ा. मृतक की पत्नी ने कहा कि सरकार पर से तो अब भरोसा उठ गया. अगर अब भी सरकार कुछ करे तो वह आगे का जीवन बसर कर पाएगी. घर में कमाने वाला एक ही सदस्य था. चार छोटी बच्चियों का लालन-पालन अब महिला के कंधों पर आ गया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि सरकार से गुहार लगाए या वो भी भगवान भरोसे जी ले.

जोधपुर. जिले के गांवो में घर-घर मातम है. भावी समेत 5 गांवों में 28 दिन में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. अब ग्रामीणों ने भी सरकार और प्रशासन से उम्मीद छोड़ दी है. कोरोना से जंग भगवान भरोसे है.

गांवों तक नहीं पहुंच रहा सिस्टम, लोग हवन-पूजन के सहारे

सीएम अशोक गहलोत के गृहजिले जोधपुर के गांवों भावी, बिजासनी, जेतिवास, पिचीयाक और जेलवा में 50 मौतें हो चुकी हैं. अधिकतर युवाओं की मौत हुई है. ग्रामीणों में दशहत है. आस पास के सभी गांवों में मौत का आंकड़ा सौ से पार चला गया. ऐसे में ग्रामीणों का सरकार - प्रशासन से भरोसा उठ तक उठ गया.

लोगों का कहना है कि यहां प्रशासन सक्रिय नहीं है. इसी का परिणाम है कि यहां कोरोना का संक्रमण तेज गति से फैला. भावी गांव पाली सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी का पैतृक गांव भी है. यहां लोग अब दिन भर हवन कर भगवान से इस महामारी से निजात दिलाने की गुहार कर रहे हैं.

पढ़ें- अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में बेहतर प्रबंधन लेकिन अभी करनी होगी और मेहनत: हरीश चौधरी

बिलाड़ा में ऑनलाइन महामृत्युंजय जाप का सीधा प्रसारण भी किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान में एक चिता ठंडी नहीं होती, उससे पहले ही दूसरी अर्थी आ जाती है. ये दर्दनाक मंजर अकेले भावी गांव का नहीं है. बल्कि जोधपुर जिले के झाक, पीपाड़, बिलाड़ा, रणसीगांव, खेजडलाचिरडाणी, औसियां, भोपालगढ़ जैसे कई गांवों का भी है.

Corona in Chief Minister's home district
सिस्टम नाकाम, भगवान में आस्था

गांवों में दिन की शुरुआत प्रार्थना से होती है और शाम तक किसी न किसी घर में चीख-पुकार उठती है. उधर, पीपाड़ के जिला अस्पताल में भी कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन भामाशाहों के भरोसे है. डिमांड रोज 40 सिलेंडर की है जबकि 20 ही मिल रहे हैं. भामाशाहों ने ही ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर दान किए हैं.

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भावी गांव में करीब 12 हजार की आबादी है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ आयुर्वेद अस्पताल भी है. लेकिन यहां चिकित्सक नहीं हैं. यह अस्पताल केवल नर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है. सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. अब लोग सरकार प्रशासन से गुहार लगाकर थक गए हैं. भगवान पर भरोसा कायम है.

Corona in Chief Minister's home district
चार बच्चियों से कोरोना ने छीना पिता

भावी गांव में एक घर में कोरोना से मुखिया की मौत हो गई. परिवार से बात की तो उनका दर्द फूट पड़ा. मृतक की पत्नी ने कहा कि सरकार पर से तो अब भरोसा उठ गया. अगर अब भी सरकार कुछ करे तो वह आगे का जीवन बसर कर पाएगी. घर में कमाने वाला एक ही सदस्य था. चार छोटी बच्चियों का लालन-पालन अब महिला के कंधों पर आ गया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि सरकार से गुहार लगाए या वो भी भगवान भरोसे जी ले.

Last Updated : May 15, 2021, 10:06 PM IST
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