जोधपुर. हाइकोर्ट में माइनॉरिटी रिलीफ सोसायटी के उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन की ओर से अधिवक्ता शेखर मेवाड़ा और अधिवक्ता कर्मेन्द्र सिंह ने रिट याचिका दाखिल की. शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने राज्य के मुख्य सचिव, जोधपुर जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करके 6 मई तक जवाब मांगा है.
अधिवक्ता कर्मेन्द्र सिंह ने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बहस करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से मरने वाले लोगो को सिवांची गेट कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा है. इस कब्रिस्तान के चारो ओर हजारों की संख्या में घनी आबादी बसी हुई है, जिसमें सकीना कॉलोनी, जाकिर हुसैन कॉलोनी, हकीम कॉलोनी और अन्य सैकड़ों परिवार कब्रिस्तान के चारो ओर निवास करते हैं. जाकिर हुसैन कॉलोनी में निवास करने वाले परिवारों के घरों की खिड़की-दरवाजे तक कब्रिस्तान में खुले हुए हैं. किसी भी समय मय्यत आने पर कब्र की खुदाई करने वाले, दफनाने का कार्य करने वाले, फकीरों के परिवार तो कब्रिस्तान के अंदर ही रहते हैं. जिनके संक्रमित होने की पूरी संभावना है.
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इसके अलावा सिवांची गेट कब्रिस्तान के रास्ते से प्रतापनगर आने जाने का आम रास्ता होने से लोगों का आवागमन भी लगा रहता है. सिवांची गेट कब्रिस्तान को मुसलमानों की प्राकृतिक मृत्यु होने पर दफनाने के काम में लिया जाता है. सिवांची गेट कब्रिस्तान के चारों और घनी आबादी वाले कब्रिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित शवों को दफनाने से, चारों ओर बसी आबादी में से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो गया तो स्थिति भयानक व अनियंत्रित हो सकती है. इसलिए जोधपुर में कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों को सिवांची गेट कब्रिस्तान के स्थान पर, जोधपुर से दूरस्थ स्थान जहां दूर-दूर तक आबादी नहीं रहती है, वहां दफनाने के निर्देश जारी करवाकर कब्रिस्तान के आस-पास रहने वालों लोगों को सुरक्षा व राहत प्रदान कराएं.
क्या है मामला...
2 अप्रैल 2020 को मुफ्ती शेर मोहम्मद खान रजवी (मुफ्ती-ए-आजम राजस्थान) दारुल उलूम इस्हाकिया, जोधपुर की ओर से एक अपील जारी की गई थी. जिसमें कहा गया कि कोरोना वायरस से मरने वालों को सिवांची गेट कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा और दफनाने के बाद परिवार के सदस्य आकर फातिहा पढ़ लें. इससे आमजन में महामारी फैलने की आशंका बढ़ गई. इस कारण से राजस्थान हाईकोर्ट में यह रिट याचिका दायर की गई है.