ETV Bharat / city

कैंसर क्लीनिक ने भामाशाह योजना के तहत 13 करोड़ का क्लेम उठाया, शिकायत के बाद छापा

जोधपुर में भामाशाह योजना के तहत बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यहां पर एक कैंसर क्लीनिक के संचालक ने सात हजार मरीजों का इलाज भामाशाह योजना के तहत करोड़ों रुपए का क्लेम उठाकर कर दिया है. हालांकि इसमें कई तरह की गड़बड़ियां सामने आने की संभावना है.

author img

By

Published : Aug 2, 2019, 11:35 PM IST

Day Care Cancer Clinic, bhamashah yojana, jodhpur news, jodhpur cancer clinic

जोधपुर. प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत द्वारा विधानसभा में भामाशाह योजना के संचालन को लेकर जांच करवाने की घोषणा का असर सामने आने लगा है. शुक्रवार को जोधपुर के पाल रोड स्थित एक छोटे से कैंसर क्लीनिक पर संयुक्त निदेशक की अगुआई में एनएचएम की टीम ने छापा मारा.

कैंसर क्लीनिक ने भामाशाह योजना के तहत 13 करोड़ का क्लेम उठाया

हालांकि छापे की भनक लगने से पहले ही क्लीनिक संचालक और डॉक्टर बंद कर गायब हो गए. टीम ने क्लीनिक के मेडिकल स्टोर संचालक को बुलाकर खुलवाया और तलाश शुरू कर दी. जोधपुर संभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. युद्धवीर सिंह राठौड़ ने बताया कि जयपुर से जारी एक आदेश के आधार पर उनकी अगुवाई में एक जांच कमेटी बनाई गई है, जिसने पारा कैंसर क्लीनिक पर शुक्रवार से जांच शुरू की है. उन्होंने बताया कि इस डे-केयर कैंसर क्लीनिक के संचालक ने डेढ़ साल में 7 हजार मरीजों का उपचार कर भामाशाह योजना के तहत 13 करोड़ रुपए का क्लेम उठाया है. इसमें कई तरह की गड़बड़ियां होने की संभावना है, जिसकी शिकायत होने पर जयपुर से जांच के आदेश प्राप्त हुए हैं.

यह भी पढ़ेंः जोधपुर : पति पर दूसरी महिला को घर लाने का आरोप, पत्नी ने कर दी पिटाई

उन्होंने बताया कि अभी तक इस क्लिप में उपचार प्राप्त करने वाले कई मरीजों से भी बात की है. इसके अलावा यह भी सामने आया है कि मथुरादास माथुर और एम्स जैसे अस्पतालों से भी यहां मरीजों को रेफर किया गया है, जिससे लगता है की मिलीभगत से क्लीनिक संचालक को फायदा पहुंचाया गया है. इसके अलावा भामाशाह योजना का संचालन करने वाली इंश्योरेंस कंपनी की भी मिलीभगत भी हो सकती है.

यह भी पढ़ेंः ऑनलाइन बाइक बेचने के नाम पर हुई 80 हज़ार की ठगी...​​​​​​​

अन्य अस्पतालों के मुकाबले खारिज क्लेम की संख्या नगण्य
संयुक्त निदेशक ने बताया कि भामाशाह योजना का संचालन करने वाली कंपनी अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों के क्लेम के दावों को जिस तरीके से खारिज करती है. उसके अनुपात में क्लीनिक के दावों को बहुत कम खारिज किया गया है. 7 हजार दावों में सिर्फ 90 मामले ही खारिज किए गए हैं, जिससे लगता है कि कहीं न कहीं बड़े स्तर पर मिलीभगत है.

जोधपुर. प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत द्वारा विधानसभा में भामाशाह योजना के संचालन को लेकर जांच करवाने की घोषणा का असर सामने आने लगा है. शुक्रवार को जोधपुर के पाल रोड स्थित एक छोटे से कैंसर क्लीनिक पर संयुक्त निदेशक की अगुआई में एनएचएम की टीम ने छापा मारा.

कैंसर क्लीनिक ने भामाशाह योजना के तहत 13 करोड़ का क्लेम उठाया

हालांकि छापे की भनक लगने से पहले ही क्लीनिक संचालक और डॉक्टर बंद कर गायब हो गए. टीम ने क्लीनिक के मेडिकल स्टोर संचालक को बुलाकर खुलवाया और तलाश शुरू कर दी. जोधपुर संभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. युद्धवीर सिंह राठौड़ ने बताया कि जयपुर से जारी एक आदेश के आधार पर उनकी अगुवाई में एक जांच कमेटी बनाई गई है, जिसने पारा कैंसर क्लीनिक पर शुक्रवार से जांच शुरू की है. उन्होंने बताया कि इस डे-केयर कैंसर क्लीनिक के संचालक ने डेढ़ साल में 7 हजार मरीजों का उपचार कर भामाशाह योजना के तहत 13 करोड़ रुपए का क्लेम उठाया है. इसमें कई तरह की गड़बड़ियां होने की संभावना है, जिसकी शिकायत होने पर जयपुर से जांच के आदेश प्राप्त हुए हैं.

यह भी पढ़ेंः जोधपुर : पति पर दूसरी महिला को घर लाने का आरोप, पत्नी ने कर दी पिटाई

उन्होंने बताया कि अभी तक इस क्लिप में उपचार प्राप्त करने वाले कई मरीजों से भी बात की है. इसके अलावा यह भी सामने आया है कि मथुरादास माथुर और एम्स जैसे अस्पतालों से भी यहां मरीजों को रेफर किया गया है, जिससे लगता है की मिलीभगत से क्लीनिक संचालक को फायदा पहुंचाया गया है. इसके अलावा भामाशाह योजना का संचालन करने वाली इंश्योरेंस कंपनी की भी मिलीभगत भी हो सकती है.

यह भी पढ़ेंः ऑनलाइन बाइक बेचने के नाम पर हुई 80 हज़ार की ठगी...​​​​​​​

अन्य अस्पतालों के मुकाबले खारिज क्लेम की संख्या नगण्य
संयुक्त निदेशक ने बताया कि भामाशाह योजना का संचालन करने वाली कंपनी अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों के क्लेम के दावों को जिस तरीके से खारिज करती है. उसके अनुपात में क्लीनिक के दावों को बहुत कम खारिज किया गया है. 7 हजार दावों में सिर्फ 90 मामले ही खारिज किए गए हैं, जिससे लगता है कि कहीं न कहीं बड़े स्तर पर मिलीभगत है.

Intro:


Body:जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में विधानसभा में भामाशाह योजना के संचालन को लेकर जांच करवाने की घोषणा का असर सामने आने लगा है शुक्रवार को जोधपुर के पाल रोड स्थित एक छोटे से कैंसर क्लिनिक पर संयुक्त निदेशक की अगुआई में एनएचएम की टीम ने छापा मारा हालांकि छापे की भनक लगने से पहले ही क्लीनिक के संचालक डॉ बंद कर गायब हो गए टीम में क्लीनिक के मेडिकल स्टोर संचालक को बुलाकर खुलवाया और तलाश शुरू कर दी। जोधपुर संभाग के संयुक्त निदेशक डॉ युद्धवीर सिंह राठौड़ ने बताया कि जयपुर से जारी एक आदेश के आधार पर उनकी अगुवाई में एक जांच कमेटी बनाई गई है जिसने पारा कैंसर क्लीनिक पर शुक्रवार से जांच शुरू की है उन्होंने बताया कि इस डे केयर कैंसर क्लिनिक के संचालक ने डेढ़ साल में 7000 मरीजों का उपचार कर भामाशाह योजना के तहत डेढ़ करोड रुपए का क्लेम उठाया है इसमें कई तरह की गड़बड़ियां होने की संभावना है जिसकी शिकायत होने पर जयपुर से जांच के आदेश प्राप्त हुए हैं उन्होंने बताया कि हमने अभी तक इस क्लिप में उपचार प्राप्त करने वाले कई मरीजों से भी बात की है इसके अलावा यह भी सामने आया है कि मथुरादास माथुर व एम्स जैसे अस्पतालों से भी यहां मरीजों को रेफर किया गया है जिससे लगता है कि मिलीभगत से क्लीनिक संचालक को फायदा पहुंचाया गया है इसके अलावा भामाशाह योजना का संचालन करने वाली इंश्योरेंस कंपनी की भी मिलीभगत भी हो सकती है।

अन्य अस्पतालों के मुकाबले खारिज क्लेम की संख्या नगण्य

संयुक्त निदेशक ने बताया कि भामाशाह योजना का संचालन करने वाली कंपनी अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों के क्लेम के दावों को जिस तरीके से खारिज करती है उसके अनुपात में स्किल लिख के दावों को बहुत कम खारिज किया गया है 7000 दावों में सिर्फ 90 मामले ही खारिज किए गए हैं जिससे लगता है कि कहीं ना कहीं बड़े स्तर पर मिलीभगत है।

121
डॉ युदवीर सिंह, सयुंक निदेशक



Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.