जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्यपीठ ने निदेशक संस्कृत शिक्षा विभाग को कानाराम व अन्य की जनहित व याचिकाओं में व्यक्तिगत रूप से तलब करते हुए शपथ पत्र मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती व न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ में कानाराम, मूलाराम सहित 5 जनहित याचिकाएं व 80 के करीब याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए निदेशक संस्कृत शिक्षा विभाग को तलब किया है.
अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने न्यायालय के समक्ष बताया कि विभाग ने न्यायालय के आदेश के बाद संस्कृत शिक्षा सहित अन्य शिक्षकों का प्रतिवेदन लेकर स्थानान्तरण कर दिया गया था, लेकिन कई शिक्षक दोबारा अपने अपने मूल स्थान पर भी वापस गए हैं तथा कई अन्य स्थानों पर पदभार ग्रहण कर चुके हैं, जबकि न्यायालय ने आदेश दिया था कि इनका प्रतिवेदन लेकर इनके स्थानान्तरण करने के साथ सभी शिक्षकों के रिक्त पद भरने के निर्देश दिए थे.
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अतिरिक्त महाधिवक्ता गौड़ के पक्ष को जानने के बाद न्यायालय ने 5 मार्च को निदेशक संस्कृत शिक्षा विभाग को तलब कर शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं.