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जोधपुर हाईकोर्ट ने सरकार को टॉडगढ़ रावली और कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में इन कार्यों के लिए नहीं दी छूट

मारवाड़ के जंगल में टॉडगढ़ रावली वन्यजीव अभ्यारण्य और कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य में विकास कार्यों के लिए सरकार ने 16 बिंदुओं पर छूट मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद कुछ बिंदुओं पर सरकार को मारवाड़ के जंगल में निर्माण की छूट नहीं दी है.

Kumbhalgarh Sanctuary case in Jodhpur High Court
टॉडगढ़ रावली और कुंभलगढ़ अभ्यारण्य
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Published : Dec 8, 2021, 10:32 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में आज टॉडगढ़ रावली वन्य जीव अभ्यारण्य और कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य में सरकार की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई (Jodhpur High Court Hearing ) की.

बता दें कि मारवाड़ के इन वन्य जीव अभ्यारण्यों में सरकार ने 16 बिंदुओं पर निर्माण कार्य की छूट मांगी थी. लेकिन कोर्ट में दलील दी गई कि सरकार ऐसे काम करे जिससे वन्यजीव बच सकें, ऐसे कामों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए जिससे वन और वन्य जीवों पर संकट आ आ जाए.

बता दें कि टॉडगढ़ रावली और कुंभलगढ़ में कराए जा रहे विकास कार्यों पर रोक लगाने को लेकर याचिकाकर्ता अधिवक्ता रितुराज सिंह राठौड़ ने याचिका लगाई थी. इसी याचिका पर सुनवाई (Kumbhalgarh Sanctuary case in Jodhpur High Court) करते हुए पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने वन्यक्षेत्र में निर्माण पर पूरी तरह रोक लगा दी थी.

इसके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से कोर्ट के अंतिरम आदेश को निरस्त करने के लिए 226(3) के तहत आवेदन पेश किया था. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश समीर जैन की बेंच के सामने राज्य सरकार की ओर से एएजी संदीप शाह ने आवेदन पेश किया था, जिस पर सुनवाई की गई.

पढ़ें- राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, एक ही अधिकारी क्यों संभाल रहे हैं दोनों निगमों का काम

इस दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता रितुराज सिंह ने जनहित और वन्य हित में कुछ बिन्दुओं पर विरोध प्रकट नहीं किया. रितुराज सिंह ने कहा कि सरकार का ऐसा कार्य करवाने चाहिए जिससे वन्य जीवों को बचाया जा सके, जिन कामों से वन और वन्यजीव ही संकट में आ जाएं, उन कामों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. सरकार ने कुल 16 बिंदुओं पर छूट मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर रोक को जारी रखा है.

इन कार्यों पर रहेगी रोक

सरकार गोरमघाट में अतिथी कक्ष निर्माण, प्रतीक्षालय का निर्माण, गोमथाडा से गोरमघाट तक वन पथ, गोमथाडा से गोरम मंदिर तक वन पथ और जोगमंडी में सुलभ कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं करा पाएगी. इन कामों पर कोर्ट ने रोक जारी रखी है.

इन कार्यों के लिए मिली छूट

वहीं सरकार को वॉच टावर गोरम मंदिर 1, वॉच टावर गोरम मंदिर 2, टाइप -3 एनीकट का निर्माण, वॉच टावर जोगमंडी, गोरम मंदिर से पेट्रोलिंग ट्रैक और वॉच टावर गोरामघाट, वन चौकी, गोरमघाट में जल सुविधा का जीर्णाद्धार कार्य, गोरमघाट से गोरम मंदिर तक कच्चे रास्ते की पेट्रोलिंग, गैम्बियन संरचना नम्बर 2 और कच्चे चेक डेम का निर्माण कराने की अनुमति मिल गई है.

इसके साथ न्यायालय ने जनहित याचिका को विस्तृत करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिये हैं कि कुम्भलगढ गांव और वन क्षेत्र में रिजर्व फॉरेस्ट का उल्लघंटन कर जो निर्माण हुए हैं उसकी पूरी रिपोर्ट अगली सुनवाई पर पेश करे.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में आज टॉडगढ़ रावली वन्य जीव अभ्यारण्य और कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य में सरकार की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई (Jodhpur High Court Hearing ) की.

बता दें कि मारवाड़ के इन वन्य जीव अभ्यारण्यों में सरकार ने 16 बिंदुओं पर निर्माण कार्य की छूट मांगी थी. लेकिन कोर्ट में दलील दी गई कि सरकार ऐसे काम करे जिससे वन्यजीव बच सकें, ऐसे कामों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए जिससे वन और वन्य जीवों पर संकट आ आ जाए.

बता दें कि टॉडगढ़ रावली और कुंभलगढ़ में कराए जा रहे विकास कार्यों पर रोक लगाने को लेकर याचिकाकर्ता अधिवक्ता रितुराज सिंह राठौड़ ने याचिका लगाई थी. इसी याचिका पर सुनवाई (Kumbhalgarh Sanctuary case in Jodhpur High Court) करते हुए पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने वन्यक्षेत्र में निर्माण पर पूरी तरह रोक लगा दी थी.

इसके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से कोर्ट के अंतिरम आदेश को निरस्त करने के लिए 226(3) के तहत आवेदन पेश किया था. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश समीर जैन की बेंच के सामने राज्य सरकार की ओर से एएजी संदीप शाह ने आवेदन पेश किया था, जिस पर सुनवाई की गई.

पढ़ें- राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, एक ही अधिकारी क्यों संभाल रहे हैं दोनों निगमों का काम

इस दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता रितुराज सिंह ने जनहित और वन्य हित में कुछ बिन्दुओं पर विरोध प्रकट नहीं किया. रितुराज सिंह ने कहा कि सरकार का ऐसा कार्य करवाने चाहिए जिससे वन्य जीवों को बचाया जा सके, जिन कामों से वन और वन्यजीव ही संकट में आ जाएं, उन कामों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. सरकार ने कुल 16 बिंदुओं पर छूट मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने कुछ बिंदुओं पर रोक को जारी रखा है.

इन कार्यों पर रहेगी रोक

सरकार गोरमघाट में अतिथी कक्ष निर्माण, प्रतीक्षालय का निर्माण, गोमथाडा से गोरमघाट तक वन पथ, गोमथाडा से गोरम मंदिर तक वन पथ और जोगमंडी में सुलभ कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं करा पाएगी. इन कामों पर कोर्ट ने रोक जारी रखी है.

इन कार्यों के लिए मिली छूट

वहीं सरकार को वॉच टावर गोरम मंदिर 1, वॉच टावर गोरम मंदिर 2, टाइप -3 एनीकट का निर्माण, वॉच टावर जोगमंडी, गोरम मंदिर से पेट्रोलिंग ट्रैक और वॉच टावर गोरामघाट, वन चौकी, गोरमघाट में जल सुविधा का जीर्णाद्धार कार्य, गोरमघाट से गोरम मंदिर तक कच्चे रास्ते की पेट्रोलिंग, गैम्बियन संरचना नम्बर 2 और कच्चे चेक डेम का निर्माण कराने की अनुमति मिल गई है.

इसके साथ न्यायालय ने जनहित याचिका को विस्तृत करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिये हैं कि कुम्भलगढ गांव और वन क्षेत्र में रिजर्व फॉरेस्ट का उल्लघंटन कर जो निर्माण हुए हैं उसकी पूरी रिपोर्ट अगली सुनवाई पर पेश करे.

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