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युवती पढ़ना चाहती है, लेकिन परिजन करना चाहते हैं जबरन शादी...कोर्ट ने स्व प्रेरणा से लिया प्रसंज्ञान - कोर्ट ने स्व प्रेरणा से लिया प्रसंज्ञान

राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता ने यह कहा कि एक युवती ने उसे लेटर भेजा है और बताया है कि उसे बंधक बनाकर रखा गया है. परिजन उसकी शादी करना चाहते हैं. यह तथ्य न्यायालय की संज्ञान में अधिवक्ता के लाए जाने के बाद कोर्ट ने तत्काल स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए (HC Took Cognizance of Self Motivation in Marriage Case) जनहित याचिका दायर करते हुए नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

Rajasthan High Court Jodhpur
कोर्ट ने स्व प्रेरणा से लिया प्रसंज्ञान
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Published : Dec 17, 2021, 10:21 PM IST

जोधपुर. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश अनूप कुमार ढंढ की खंडपीठ के समक्ष अधिवक्ता दिनेश विश्नोई ने कल बताया था कि एक युवती ने उसे पत्र लिखा कि उसे परिजनो ने बंधक बना रखा है. जबकि वो शादी नहीं करना चाहती और आगे पढ़ना चाहती है.

वो अभी एमएससी वनस्पति विज्ञान परीक्षा की तैयारी कर रही है, जबकि परिजन उसकी शादी जबरन जयकिशन नाम के युवक से करना चाह रहे हैं. उसने विरोध किया तो जबरन बंधक बनाया गया है. न्यायालय ने तत्काल सरकारी अधिवक्ता अनिल जोशी को उसकी सत्यता पता करने के निर्देश दिये थे.

पढ़ें : Rajasthan High court: बदरवास रोड से जुड़े अवमानना मामले में जेडीसी हाईकोर्ट में पेश

न्यायालय के आदेश से बाड़मेर पुलिस परिजनो के पास पहुंची तो वहां पर युवती घर में थी और पुलिस को बताया कि उसे बंधक बनाया है तो पुलिस उसे लेकर जोधपुर पहुंची. शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायाधीश विश्नोई की खंडपीठ के समक्ष पुलिस ने युवती को पेश किया तो युवती ने बताया कि उसे जबरन बंधक बनाया गया है. जबकि वो पढ़ना चाहती है.

पढ़ें : JNVU Financial Crisis : जोधपुर संभाग के सबसे बड़े विश्वविद्यालय पर गहराया आर्थिक संकट...

न्यायालय ने उससे पूछा कि वो कहां जाना चाहती है तो उसने पिता के घर जाने से साफ इनकार कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए (Court Cognizance in Forced Marriage Case) न्यायालय ने पिता को नोटिस जारी करते हुए याचिका पर 20 दिसंबर को अगली सुनवाई मुकर्रर करते हुए युवती को फिलहाल नारी निकेतन जोधपुर भेजा गया है.

जोधपुर. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश अनूप कुमार ढंढ की खंडपीठ के समक्ष अधिवक्ता दिनेश विश्नोई ने कल बताया था कि एक युवती ने उसे पत्र लिखा कि उसे परिजनो ने बंधक बना रखा है. जबकि वो शादी नहीं करना चाहती और आगे पढ़ना चाहती है.

वो अभी एमएससी वनस्पति विज्ञान परीक्षा की तैयारी कर रही है, जबकि परिजन उसकी शादी जबरन जयकिशन नाम के युवक से करना चाह रहे हैं. उसने विरोध किया तो जबरन बंधक बनाया गया है. न्यायालय ने तत्काल सरकारी अधिवक्ता अनिल जोशी को उसकी सत्यता पता करने के निर्देश दिये थे.

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न्यायालय के आदेश से बाड़मेर पुलिस परिजनो के पास पहुंची तो वहां पर युवती घर में थी और पुलिस को बताया कि उसे बंधक बनाया है तो पुलिस उसे लेकर जोधपुर पहुंची. शुक्रवार को वरिष्ठ न्यायाधीश विश्नोई की खंडपीठ के समक्ष पुलिस ने युवती को पेश किया तो युवती ने बताया कि उसे जबरन बंधक बनाया गया है. जबकि वो पढ़ना चाहती है.

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न्यायालय ने उससे पूछा कि वो कहां जाना चाहती है तो उसने पिता के घर जाने से साफ इनकार कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए (Court Cognizance in Forced Marriage Case) न्यायालय ने पिता को नोटिस जारी करते हुए याचिका पर 20 दिसंबर को अगली सुनवाई मुकर्रर करते हुए युवती को फिलहाल नारी निकेतन जोधपुर भेजा गया है.

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