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हाईकोर्ट सुनवाई : जेके लोन मामले में सरकार ने कहा- प्रदेश के अस्पतालों में बेहतर व्यवस्था...

सरकार ने जवाब में कहा- न्यायालय के 15 जनवरी के निर्देशों की पालना में अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर सभी आंकडे़े पेश कर दिये हैं. कोटा के जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां कई कमियां सामने आई हैं. कोटा के सबसे बडे़े अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के कई कारण भी हैं. जो रिपोर्ट बनाकर न्यायालय के समक्ष पेश कर दी है.

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राजस्थान हाईकोर्ट जेके लोन मामला
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Published : Mar 17, 2021, 10:37 PM IST

जोधपुर. प्रदेश में अस्पतालों की अव्यवस्थाओं को लेकर चल रही जनहित याचिका में सरकार की ओर से पेश किये गये रिप्लाई पर न्यायमित्र को सुझाव देने के निर्देश दिये गये हैं. उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत राज लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष सिरोही के विधायक संयम लोढा की ओर से दायर जनहित याचिका एवं उच्च न्यायालय द्वारा लिये गये प्रसंज्ञान के बाद दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई.

सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा के सहयोगी ऋषि सोनी ने पक्ष रखते हुए बताया कि न्यायालय के 15 जनवरी के निर्देशों की पालना में अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर सभी आंकडे पेश कर दिये हैं. वहीं न्यायमित्र राजवेन्द्र सारस्वत ने बताया कि कोटा के जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां कई कमियां सामने आई हैं. कोटा के सबसे बड़े अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के कई कारण भी हैं. जो रिपोर्ट बनाकर न्यायालय के समक्ष पेश कर दी है.

पढ़ें- जिन गांवों में कभी घर से नहीं निकली महिलाएं...वे उद्यमी बनकर दिखा रहीं नई राह

वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि उस रिपोर्ट का रिप्लाई पेश कर दिया है. सरकार अपने स्तर पर उन कमियों को दूर करने का प्रयास कर रही है. काफी हद तक वो कमियां दूर हो चुकी हैं. पूरे प्रदेश में चिकित्सा विभाग में अलग अलग कैडर के डॉक्टरर्स के कुल 14441 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 13177 पद भरे हुए हैं.

केवल 1264 पद ही रिक्त हैं. नर्सिंग स्टॉफ व पैरा मेडिकल स्टॉफ के कुल 68209 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 53010 पद भरे हुए हैं. 15199 पद ही रिक्त हैं जिनके लिए समय समय पर भर्तियां जारी की जा रही हैं.

सरकार की ओर से कहा गया कि अतिरिक्त शपथ पत्र का रिप्लाई पेश कर दिया है. एक बार न्यायमित्र उसे देख लें उसके बाद जो भी कमियां या सुझाव होंगे उस पर सरकार कार्य करने को तत्पर है. इस पर न्यायालय ने 25 मार्च को मामले में अगली सुनवाई मुकर्रर की है.

जोधपुर. प्रदेश में अस्पतालों की अव्यवस्थाओं को लेकर चल रही जनहित याचिका में सरकार की ओर से पेश किये गये रिप्लाई पर न्यायमित्र को सुझाव देने के निर्देश दिये गये हैं. उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत राज लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष सिरोही के विधायक संयम लोढा की ओर से दायर जनहित याचिका एवं उच्च न्यायालय द्वारा लिये गये प्रसंज्ञान के बाद दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई.

सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा के सहयोगी ऋषि सोनी ने पक्ष रखते हुए बताया कि न्यायालय के 15 जनवरी के निर्देशों की पालना में अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर सभी आंकडे पेश कर दिये हैं. वहीं न्यायमित्र राजवेन्द्र सारस्वत ने बताया कि कोटा के जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां कई कमियां सामने आई हैं. कोटा के सबसे बड़े अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के कई कारण भी हैं. जो रिपोर्ट बनाकर न्यायालय के समक्ष पेश कर दी है.

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वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि उस रिपोर्ट का रिप्लाई पेश कर दिया है. सरकार अपने स्तर पर उन कमियों को दूर करने का प्रयास कर रही है. काफी हद तक वो कमियां दूर हो चुकी हैं. पूरे प्रदेश में चिकित्सा विभाग में अलग अलग कैडर के डॉक्टरर्स के कुल 14441 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 13177 पद भरे हुए हैं.

केवल 1264 पद ही रिक्त हैं. नर्सिंग स्टॉफ व पैरा मेडिकल स्टॉफ के कुल 68209 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 53010 पद भरे हुए हैं. 15199 पद ही रिक्त हैं जिनके लिए समय समय पर भर्तियां जारी की जा रही हैं.

सरकार की ओर से कहा गया कि अतिरिक्त शपथ पत्र का रिप्लाई पेश कर दिया है. एक बार न्यायमित्र उसे देख लें उसके बाद जो भी कमियां या सुझाव होंगे उस पर सरकार कार्य करने को तत्पर है. इस पर न्यायालय ने 25 मार्च को मामले में अगली सुनवाई मुकर्रर की है.

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