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सरकारी कर्मचारियों ने डाला गरीबों के अनाज पर डाका, जिले के 2390 कार्मिकों से होगी वसूली - 15 जनवरी तक होगी वसूली

बीपीएल परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाकर 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से गेहूं लेने वाले सरकारी कर्मचारियों से अब विभाग 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब से धनराशि वसूलेगा. ऐसा नहीं करने पर आरोपी कर्मचारी के खिलाफ FIR भी दर्ज की जाएगी.

government employees done fraud, बीपीएल परिवारों के गेहूं हजम किए
फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारियों से होगी वसूली
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Published : Jan 6, 2021, 8:07 PM IST

जोधपुर. बीपीएल परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 2 रुपये प्रति किलो गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है लेकिन उनके निवालों पर भी सरकारी कर्मचारी नजर गड़ाए बैठे हैं. गरीब परिवारों को मिलने वाला गेहूं भी ये कर्मचारी डकार जा रहे हैं. जोधपुर जिले के 2390 सरकारी कर्मचारियों को इस कार्य में लिप्त पाया गया है. अब इन सरकारी कर्मचारियों से वसूली की तैयारी शुरू हो गई है.

फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारियों से होगी वसूली

जिला रसद अधिकारी ने उपखंडवार सभी अधिकारियों को ऐसे कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करवा दी है और निर्देश दिए हैं कि 15 जनवरी तक इनसे 27 रुपये प्रति किलो गेहूं के हिसाब से राशि वसूली जाए. अगर कोई यह राशि नहीं चुकाता है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.

जोधपुर के रसद अधिकारी (प्रथम) आरएस डेलू ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जिन परिवारों को जोड़ा गया था, उनमें 2390 सरकारी कर्मचारियों ने भी अपने नाम जुड़वा कर सस्ता गेहूं उठाया है. जिनकी सूची तैयार कर ब्लॉक वार भेजवा दी गई है. इन सभी कर्मचारियों के नाम इस योजना से भी काटे जा रहे हैं और इनसे जुर्माना राशि वसूलने के भी निर्देश दिए गए हैं. अगर 15 जनवरी तक यह राशि नहीं चुकाते हैं तो ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी.

यह भी पढ़ें: प्रतापगढ़ ACB की बड़ी कार्रवाई, 2500 की रिश्वत लेते पटवारी रंगे हाथ गिरफ्तार

जोधपुर जिले में जिन 2390 सरकारी कर्मचारियों की पहचान सस्ता गेहूं लेने के लिए हुई है उनमें ज्यादातर तृतीय श्रेणी शिक्षक ग्राम सेवक सरकारी कार्यालयों के एलडीसी, नगर निगम के बाबू, पेंशनर, संविदाकर्मी और बैंक कर्मी शामिल हैं. खास बात यह है कि इनमें 70 फीसदी शहरी कर्मचारी हैं. जिन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों को मिलने वाले 2 रुपये किलो का गेहूं ले लिया जबकि सरकारी सेवा में रहते हुए वे इसके हकदार नहीं हैं. इसके लिए इन कर्मचारियों ने अपने नाम एनएफएसए की सूची में जुड़वाया था.

एक करोड़ से अधिक की होगी वसूली

बीपीएल श्रेणी के परिवारों के प्रत्येक सदस्य को एक माह में 5 किलो गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है. अगर एक कर्मचारी के परिवार में 4 सदस्य होते हैं तो उसने प्रतिमाह 20 किलो गेहूं उठाए और साल में 240 किलो गेहूं उठाए जिसके लिए सिर्फ 480 रुपए चुकाए. इस हिसाब से अगर प्रत्येक कर्मचारी ने औसतन 240 किलो गेंहू सालभर उठाये तो कुल 5 लाख 73 हजार 600 किलो गेंहू उठाए हैं. अब 27 रुपए किलो के हिसाब से विभाग 1 करोड़ 54 लाख 87 हजार से अधिक की राशि इन कर्मचारियों से वसूलेगा.

जोधपुर. बीपीएल परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 2 रुपये प्रति किलो गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है लेकिन उनके निवालों पर भी सरकारी कर्मचारी नजर गड़ाए बैठे हैं. गरीब परिवारों को मिलने वाला गेहूं भी ये कर्मचारी डकार जा रहे हैं. जोधपुर जिले के 2390 सरकारी कर्मचारियों को इस कार्य में लिप्त पाया गया है. अब इन सरकारी कर्मचारियों से वसूली की तैयारी शुरू हो गई है.

फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारियों से होगी वसूली

जिला रसद अधिकारी ने उपखंडवार सभी अधिकारियों को ऐसे कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करवा दी है और निर्देश दिए हैं कि 15 जनवरी तक इनसे 27 रुपये प्रति किलो गेहूं के हिसाब से राशि वसूली जाए. अगर कोई यह राशि नहीं चुकाता है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.

जोधपुर के रसद अधिकारी (प्रथम) आरएस डेलू ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जिन परिवारों को जोड़ा गया था, उनमें 2390 सरकारी कर्मचारियों ने भी अपने नाम जुड़वा कर सस्ता गेहूं उठाया है. जिनकी सूची तैयार कर ब्लॉक वार भेजवा दी गई है. इन सभी कर्मचारियों के नाम इस योजना से भी काटे जा रहे हैं और इनसे जुर्माना राशि वसूलने के भी निर्देश दिए गए हैं. अगर 15 जनवरी तक यह राशि नहीं चुकाते हैं तो ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी.

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जोधपुर जिले में जिन 2390 सरकारी कर्मचारियों की पहचान सस्ता गेहूं लेने के लिए हुई है उनमें ज्यादातर तृतीय श्रेणी शिक्षक ग्राम सेवक सरकारी कार्यालयों के एलडीसी, नगर निगम के बाबू, पेंशनर, संविदाकर्मी और बैंक कर्मी शामिल हैं. खास बात यह है कि इनमें 70 फीसदी शहरी कर्मचारी हैं. जिन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों को मिलने वाले 2 रुपये किलो का गेहूं ले लिया जबकि सरकारी सेवा में रहते हुए वे इसके हकदार नहीं हैं. इसके लिए इन कर्मचारियों ने अपने नाम एनएफएसए की सूची में जुड़वाया था.

एक करोड़ से अधिक की होगी वसूली

बीपीएल श्रेणी के परिवारों के प्रत्येक सदस्य को एक माह में 5 किलो गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है. अगर एक कर्मचारी के परिवार में 4 सदस्य होते हैं तो उसने प्रतिमाह 20 किलो गेहूं उठाए और साल में 240 किलो गेहूं उठाए जिसके लिए सिर्फ 480 रुपए चुकाए. इस हिसाब से अगर प्रत्येक कर्मचारी ने औसतन 240 किलो गेंहू सालभर उठाये तो कुल 5 लाख 73 हजार 600 किलो गेंहू उठाए हैं. अब 27 रुपए किलो के हिसाब से विभाग 1 करोड़ 54 लाख 87 हजार से अधिक की राशि इन कर्मचारियों से वसूलेगा.

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