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लॉकडाउन के चलते सरकारी और निजी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट अटके, मजदूरों के बुरे हाल - corona virus

देश भर में जारी लॉकडाउन के कारण सभी कार्य बंद कर दिए गए हैं. ऐसे में सभी निर्माण कार्य भी बंद हो गए हैं. जिसके चलते हजारों की मजदूरों का हाल बेहाल है. कुछ मजदूर तो काम छोड़कर अपने घरों को निकल गए. वहीं कुछ सरकारी प्रोजेक्ट की साइट हैं, जहां कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपने लेबर को रोक रखा है और उनके खाने की व्यवस्था यही लोग कर रहे हैं.

निजी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट अटके, private construction projects stuck
निजी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट अटके
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Published : Apr 13, 2020, 6:16 PM IST

जोधपुर. कोरोना संकट के चलते लगाए गए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला कार्य क्षेत्र निर्माण का है. जिसके चलते हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ था. लेकिन इन दिनों सभी काम बंद हैं. ऐसे में लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे रियल स्टेट के सेक्टर में और ज्यादा मंदी आने की आशंका है.

लॉकडाउन के चलते सरकारी और निजी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट अटके

लॉकडाउन के चलते अकेले जोधपुर शहर में ही प्राइवेट बिल्डर्स के 100 प्रोजेक्ट का काम अटक गया है. जिनकी अनुमानित लागत 800 से 1000 करोड़ है. इसके अलावा सरकार के भी 25 से 30 बड़े प्रोजेक्ट रुके हुए हैं. सरकारी प्रोजेक्ट पर लॉकडाउन का असर इसे और लंबा कर देगा. ठेकेदार को सरकार की नियत राशि का ही भुगतान होगा. उसे ही सब कुछ सहन करना होगा.

दूसरी ओर प्राइवेट प्रोजेक्ट के बिल्डर को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि ज्यादातर मजदूर जो उत्तर प्रदेश से आते हैं, वह जोधपुर छोड़ चुके हैं. ऐसे में लॉकडाउन खुलने के बाद में भी उनके प्रोजेक्ट लंबित होंगे. साथ ही मजदूर नहीं मिलने से इनकी लागत भी बढ़ जाएगी. शहर में कुछ सरकारी प्रोजेक्ट की साइट हैं, जहां कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपने लेबर को रोक रखा है. जिससे कि लॉकडाउन खुलने पर काम वापस शुरू किया जा सके.

पढ़ें: 'बड़े दिल वाले किन्नर', कोरोना संकट के बीच माफ किया 23 लोगों का किराया

इसके अलावा वह मजदूर जो जोधपुर से नहीं निकल पाए, वह जुग्गी झोपड़ियों में कंस्ट्रक्शन साइट पर रुके हुए हैं. लेकिन उनका जीना मुहाल हो रखा है. संस्थाओं के सहयोग पर उनका जीवन यापन चल रहा है. हालांकि कुछ कंपनीज अपने लेबर को सामान उपलब्ध करवा रही हैं, लेकिन वह नाकाफी है.

जोधपुर. कोरोना संकट के चलते लगाए गए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला कार्य क्षेत्र निर्माण का है. जिसके चलते हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ था. लेकिन इन दिनों सभी काम बंद हैं. ऐसे में लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे रियल स्टेट के सेक्टर में और ज्यादा मंदी आने की आशंका है.

लॉकडाउन के चलते सरकारी और निजी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट अटके

लॉकडाउन के चलते अकेले जोधपुर शहर में ही प्राइवेट बिल्डर्स के 100 प्रोजेक्ट का काम अटक गया है. जिनकी अनुमानित लागत 800 से 1000 करोड़ है. इसके अलावा सरकार के भी 25 से 30 बड़े प्रोजेक्ट रुके हुए हैं. सरकारी प्रोजेक्ट पर लॉकडाउन का असर इसे और लंबा कर देगा. ठेकेदार को सरकार की नियत राशि का ही भुगतान होगा. उसे ही सब कुछ सहन करना होगा.

दूसरी ओर प्राइवेट प्रोजेक्ट के बिल्डर को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि ज्यादातर मजदूर जो उत्तर प्रदेश से आते हैं, वह जोधपुर छोड़ चुके हैं. ऐसे में लॉकडाउन खुलने के बाद में भी उनके प्रोजेक्ट लंबित होंगे. साथ ही मजदूर नहीं मिलने से इनकी लागत भी बढ़ जाएगी. शहर में कुछ सरकारी प्रोजेक्ट की साइट हैं, जहां कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपने लेबर को रोक रखा है. जिससे कि लॉकडाउन खुलने पर काम वापस शुरू किया जा सके.

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इसके अलावा वह मजदूर जो जोधपुर से नहीं निकल पाए, वह जुग्गी झोपड़ियों में कंस्ट्रक्शन साइट पर रुके हुए हैं. लेकिन उनका जीना मुहाल हो रखा है. संस्थाओं के सहयोग पर उनका जीवन यापन चल रहा है. हालांकि कुछ कंपनीज अपने लेबर को सामान उपलब्ध करवा रही हैं, लेकिन वह नाकाफी है.

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