जोधपुर. शुष्क क्षेत्रों में पानी की समस्या के निवारण के लिए 5 अक्टूबर से राजस्थान के आठ जिलों में भू -भौतिकी सर्वेक्षण शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने हेलीकॉप्टर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सर्वेक्षण से सटीक भूजल के आंकडे़ मिलेंगे. पानी की निकासी और भराव की स्पष्ट जानकारी मिलेगी. पहले चरण में राजस्थान के आठ जिलों में एक लाख वर्ग किलोमीटर का सर्वेक्षण होगा.
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हेलीकॉप्टर से होने वाले सर्वेक्षण को हेलीबॉर्न सर्वे कहा जाता है. जिसमें हेलीकॉप्टर में भू -भौतिकी तकनीक के अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. उपकरण भूजल या एक्विफर का स्पष्ट नक्शा बनाएंगे. देश के उत्तर पश्चिम भाग में राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब में फैले शुष्क क्षेत्रों में पानी की समस्या के निवारण और भूजल संसाधन को बढ़ाने के लिए हाई रेसोलुसन एक्विफ़र के नक्शे बनाने का कार्य होगा. पहले चरण में बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, जालौर, पाली. जैसलमेर, जोधपुर व सीकर जिले में सर्वेक्षण होगा.
इसके बाद गुजरात के राजकोट, मोरबी, जामनगर, सुरेंद्र नगर व द्वारका में सर्वेक्षण होगा. हरियाणा के कुरूक्षेत्र व यमुनानगर जिले में भी सर्वेक्षण होगा. यह पूरा प्रोजेक्ट 2025 तक पूरा होगा.
पुरानी जलधारा का पता चल सकेगा
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि हेलिबॉर्न सर्वेक्षण में लगे उपकरण अत्याधुनिक है कि वे जमीन में विलुप्त पुरानी जलधारा की भी पहचान करने में सक्षम है. अगर ऐसा कुछ नजर आता है तो शुष्क क्षेत्रों के लिए लाभदायक होगा. इसके अलावा पानी की निकासी के लिए उपयुक्त रास्ते का पता चलेगा.