जोधपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना (Gehlot targets BJP and RSS over riots) साधते हुए कहा कि भाजपा का एजेंडा हिन्दुत्व का है और उसके कारण ये दंगे करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दंगों के जितने भी आरोपी पकड़े जा रहे हैं, वे सब बीजेपी और आरएसएस बैकग्राउंड के हैं, इटली से नहीं हैं. इसके बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसका पलटवार (Shekhawat targets CM Gehlot) किया है. उन्होंने कहा कि एक नजरिए से मुख्यमंत्री गहलोत का स्टैंड ठीक है क्योंकि देश में चारों तरफ भाजपा ही है. भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है.
शेखावत ने कहा कि आरएसएस का भी सभी नेटवर्क है और यह कांग्रेस पार्टी की दुविधा भी है. इसे कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार कर लिया है क्योंकि कांग्रेस पार्टी देश में सिर्फ 2 प्रदेशों में बची है. गिने-चुने जगह पर ही कांग्रेस के लोग बचे हैं. ढूंढने पर भी उत्तर प्रदेश और बिहार में कांग्रेस के कार्यकर्ता नजर नहीं आते हैं. सभी जगहों पर भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस कार्यकर्ता है. इसलिए ऐसा हो रहा है.
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सोमवार को अपने निवास पर बात करते हुए शेखावत ने कहा कि देश में इस बात के अध्ययन की आवश्यकता है कि देश में दंगे किन प्रदेशों में हो रहे हैं. ऐसे प्रदेशों में दंगे हो रहे हैं जहां कांग्रेस के लिए बहुत कम संभावनाएं बची है. ऐसे प्रदेश जहां से कांग्रेस से मजहब विशेष के लोग खिसक गए, वहां पर कांग्रेस जीरो हो चुकी है. उत्तर प्रदेश और बिहार इसका उदाहरण है, जहां मुस्लिम समाज ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. अपना वजूद बचाने के लिए कांग्रेस के बंद दरवाजे से ऐसे दंगे करवाना कांग्रेस की नीति और रीति है. सीएम गहलोत को अपनी बातों से इन तरह के विषयों पर पर्दा नहीं डालना चाहिए और समाज को भ्रमित नहीं करना चाहिए.
शेखावत ने कहा कि करौली के दंगों के हालात सभी ने देखे थे. यह पुलिस की विफलता थी, इसके मुखिया खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं और इस पर वे जवाब नहीं देते हैं. जोधपुर में जो कुछ हुआ वह भी सबके सामने है. करौली और जोधपुर में गिरफ्तारी को लेकर तुष्टिकरण किया जा रहा है और एक तरफा कार्रवाई हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन घटनाओं को दंगा नहीं बताया क्योंकि उन्हें लगता है कि दंगा वही होता है जहां लोगों की मौतें होती है. मैंने भी कहा कि दंगा नहीं है क्योंकि मजहब विशेष के लोग पुलिस के आमने-सामने थे. पुलिस की गाड़ियों को तोड़ा गया. लोगों के नाम पूछ कर उनके हाथ पैर तोड़े गए. चलते रास्ते चाकू मारे गए, इसके बावजूद यहां भी तुष्टिकरण हो रहा है. लेकिन इसको लेकर बोलने के बजाय उनकी कैसेट भाजपा आरएसएस पर अटक गई है.
जोधपुर घटना में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस: जोधपुर में दो और तीन मई को हुई घटनाओं के बाद पुलिस और दूसरे पक्ष की ओर से दर्ज मामलों में भाजपा के एक मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र सिंघवी, विधार्थी परिषद के कार्यकर्ता और जेएनवीयू के पूर्व उपाध्यक्ष हितेश व्यास सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है. इसको लेकर भाजपा लगातार हमलावर बनी हुई है, लेकिन अभी गिरफ्तार नहीं हुए हैं.