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भंवरी देवी हत्याकांड : 4 आरोपियों को मिली जमानत, जेल के बाहर कुछ ऐसे हुआ फोटो सेशन

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Published : Aug 11, 2021, 8:39 PM IST

बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण एवं हत्याकांड (Bhanwari Devi Kidnapping and Murder) मामले में आरोपी 6 जनों को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बुधवार को चार आरोपियों को जमानत पर जेल से छोड़ दिया गया. छोड़े गए आरोपी सहीराम, दिनेश, उमेशराम और पुखराज को लेने के लिए बड़ी संख्या में उनके परिजन व परिचित लोग जेल के बाहर एकत्र हुए.

Bhanwari Devi kidnapping and murder
भंवरी मामले के 4 आरोपियों को मिली जमानत

जोधपुर. भंवरी देवी मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए 4 चार आरोपियों का उनके परिजन और परिचित लोगों ने स्वागत किया. इतना ही नहीं, लोगों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया. उन्हें मिठाइयां भी खिलाई गई.

करीब 11 साल बाद इन आरोपियों को जमानत मिली है. इससे पहले जमानत के कई प्रयास इनके द्वारा किए गए, लेकिन सुनवाई के दौरान सीबीआई के आपत्ति के चलते कभी कोर्ट ने जमानत नहीं दी. हाल ही में आरोपी परसराम को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद हाईकोर्ट ने 6 आरोपियों को जमानत दी है.

भंवरी मामले के 4 आरोपियों को मिली जमानत...

जमानत प्राप्त करने वाले आरोपी ओमप्रकाश और अशोक को जेल से इसलिए नहीं छोड़ा गया कि उनके विरुद्ध अन्य मामले लंबित हैं. जिनमें उन्हें जमानत प्राप्त नहीं हो रखी है. ऐसे में उन्हें अपने विरुद्ध लंबित मामलों में जमानत प्राप्त होने के बाद ही वे जेल से बाहर आ सकेंगे.

पढ़ें : भंवरी देवी हत्याकांड : 9 साल में भी पूरा नहीं हुआ ट्रायल, फैसले में अभी लगेगा लंबा समय

गौरतलब है कि सितंबर 2010 में भंवरी मामला सामने आया था और उसके बाद एक के बाद एक कड़ियां जोड़ते हुए सीबीआई ने इस प्रकरण में आरोपियों को गिरफ्तार करना शुरू किया था दिसंबर 2010 तक लगभग सारे आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे कुछ आरोपियों को सुनवाई के दौरान भी गिरफ्तार किया गया

यह है मामला...

1 सितंबर 2010 को नर्स भंवरी देवी (Bhanwari Devi) अपने घर से सोहनलाल से भुगतान लेने निकली थी. इसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा. इसको लेकर उसके पति अमरचंद ने बिलाड़ा थाने में एक गुमशुदगी दर्ज करवाई. लेकिन भंवरी का पता नहीं चला और कुछ दिनों बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया. गाहे-बगाहे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा (Mahipal Maderna), तत्कालीन लूणी के विधायक मलखान विश्नोई (Malkhan Vishnoi) का नाम सामने आने लगा. इस बीच एक सीडी के सामने आने से राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया.

पढ़ें : पंचायत चुनाव में सक्रिय हुए परसराम, मतदान से पहले मदेरणा और मलखान भी नजर आ सकते हैं मैदान में

जिसके बाद दिसंबर 2010 में महिपाल मदेरणा को गिरफ्तार किया गया. जांच सीबीआई को चली गई. सीबीआई ने कड़ियां जोड़ते हुए मलखान विश्नोई व उसके भाई परसराम विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद भंवरी के पति अमरचंद, ठेकेदार सोहनलाल, सहीराम समेत कुल 17 आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. सबसे अंत में मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा विश्नोई (indra vishnoi ) को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

जोधपुर. भंवरी देवी मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए 4 चार आरोपियों का उनके परिजन और परिचित लोगों ने स्वागत किया. इतना ही नहीं, लोगों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया. उन्हें मिठाइयां भी खिलाई गई.

करीब 11 साल बाद इन आरोपियों को जमानत मिली है. इससे पहले जमानत के कई प्रयास इनके द्वारा किए गए, लेकिन सुनवाई के दौरान सीबीआई के आपत्ति के चलते कभी कोर्ट ने जमानत नहीं दी. हाल ही में आरोपी परसराम को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद हाईकोर्ट ने 6 आरोपियों को जमानत दी है.

भंवरी मामले के 4 आरोपियों को मिली जमानत...

जमानत प्राप्त करने वाले आरोपी ओमप्रकाश और अशोक को जेल से इसलिए नहीं छोड़ा गया कि उनके विरुद्ध अन्य मामले लंबित हैं. जिनमें उन्हें जमानत प्राप्त नहीं हो रखी है. ऐसे में उन्हें अपने विरुद्ध लंबित मामलों में जमानत प्राप्त होने के बाद ही वे जेल से बाहर आ सकेंगे.

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गौरतलब है कि सितंबर 2010 में भंवरी मामला सामने आया था और उसके बाद एक के बाद एक कड़ियां जोड़ते हुए सीबीआई ने इस प्रकरण में आरोपियों को गिरफ्तार करना शुरू किया था दिसंबर 2010 तक लगभग सारे आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे कुछ आरोपियों को सुनवाई के दौरान भी गिरफ्तार किया गया

यह है मामला...

1 सितंबर 2010 को नर्स भंवरी देवी (Bhanwari Devi) अपने घर से सोहनलाल से भुगतान लेने निकली थी. इसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा. इसको लेकर उसके पति अमरचंद ने बिलाड़ा थाने में एक गुमशुदगी दर्ज करवाई. लेकिन भंवरी का पता नहीं चला और कुछ दिनों बाद ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया. गाहे-बगाहे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा (Mahipal Maderna), तत्कालीन लूणी के विधायक मलखान विश्नोई (Malkhan Vishnoi) का नाम सामने आने लगा. इस बीच एक सीडी के सामने आने से राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया.

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जिसके बाद दिसंबर 2010 में महिपाल मदेरणा को गिरफ्तार किया गया. जांच सीबीआई को चली गई. सीबीआई ने कड़ियां जोड़ते हुए मलखान विश्नोई व उसके भाई परसराम विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद भंवरी के पति अमरचंद, ठेकेदार सोहनलाल, सहीराम समेत कुल 17 आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. सबसे अंत में मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा विश्नोई (indra vishnoi ) को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

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