जोधपुर. पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा का रविवार सुबह निधन हो गया. भंवरी देवी अपहरण हत्या के मामले में आरोपी मदेरणा को कैंसर हो जाने के चलते हाईकोर्ट से उपचार के लिए जमानत मिली हुई थी और उनका उपचार भी चल रहा था. पिछले दिनों उन्हें नियमित जमानत भी मिल गई थी.
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बता दें रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव चाडी में किया जाएगा. करीब 10 बजे उनके शव को गांव ले जाया जाएगा. इधर, मदेरणा के निधन की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में शोक की लहर छा गई. बड़ी संख्या में उनके रेजिडेंसी रोड स्थित सरकारी आवास पर लोगों की भीड़ जमा हो गई.
महिपाल मदेरणा जोधपुर जिला परिषद के 20 साल तक जिला प्रमुख रहे. दो बार विधायक भी बने. दूसरी बार विधायक बनने पर अशोक गहलोत सरकार में उन्हें जल संसाधन मंत्री बनाया गया था, लेकिन भंवरी देवी हत्याकांड मामले के खुलासे के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा और सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
लंबे समय तक न्यायिक अभिरक्षा में रहने के बाद उन्हें उपचार के लिए जमानत मिली थी, जिसके चलते उन्हें चेन्नई भी ले जाया गया. इन दिनों उनका उपचार जयपुर अस्पताल से चल रहा था. हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में उनकी पत्नी लीला मदेरणा जोधपुर के जिला प्रमुख के लिए निर्वाचित हुई हैं. जबकि उनकी बेटी दिव्या मदेरणा ओसियां विधानसभा सीट से विधायक है.
महिपाल मदेरणा का जीवन परिचय
बता दें, 5 मार्च 1952 को महिपाल मदेरणा (Mahipal Maderna) का जन्म जोधपुर (Jodhpur) जिले के फैलोदी में श्रीलक्ष्मणनगर दिग्गज जाट नेता परसराम मदेरणा (parasram maderna) के घर हुआ. महिपाल मदेरणा ने जोधपुर विश्वविद्यालय, जोधपुर से बी.ए., एल.एल.बी तक शिक्षा प्राप्त की थी.
महिपाल मदेरणा का विवाह 8 दिसंबर 1982 में लीलादेवी (Leela Maderna) के साथ हुआ था, जिनकी दो पुत्रियां दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) और रूबल मदेरणा (Rubal Maderna) है. बड़ी पुत्री दिव्या मदेरणा वर्ष 2018 में जोधपुर के ओसियां (Osian) विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव में जीत हासिल की.
महिपाल मदेरणा वर्ष 2003 में जोधपुर जिले के भोपालगढ़ (Bhopalgarh) विधानसभा से 12वीं राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. मदेरणा वर्ष 2000 से 2005 तक जनलेखा सीमित के सदस्य भी रहे थे. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज क्षेत्र में सक्रिय रहे मदेरणा वर्ष 1981, 1988, 1994, 2000 में लगातार चार बार जोधपुर जिला परिषद के जिला प्रमुख बने. महिपाल मदेरणा केन्द्रीय सहकारी बैंक जोधपुर, मार्केटिंग सोसायटी, भोपालगढ, ग्राम सहकारी समिति, चाडी, तहसील फलौदी के अध्यक्ष भी रहे थे.
महिपाल मदेरणा को भोपालगढ़ की सीट रिजर्वेशन जाने के कारण उसे छोड़ ओसियां विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और 13वीं राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. महिपाल मदेरणा की अध्ययन के साथ साथ बैडमिंटन व टेनिस खेल में विशेष अभिरुचि थी.
मदेरणा ने 19 दिसंबर 2008 को राजभवन में गहलोत मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी. महिपाल मदेरणा को जल संसाधन, इंदिरा गांधी नहर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, भूजल, सिंचित क्षेत्र विकास विभाग का मंत्री बनाया गया था.
वर्ष 2011 में महिपाल मदेरणा पर भंवरी देवी (Bhanwri Devi) के लापता होने से संबंधित मामले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.1 सितंबर 2011 को भंवरी देवी लापता हो गई थी उसके बाद उनके पति अमरचंद (Amarchand Nat) ने आरोप लगाया था कि महिपाल मदेरणा के आदेश पर उनका अपहरण किया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 26 अक्टूबर 2011 को महिपाल मदेरणा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था.
उसके बाद सीबीआई (CBI) ने महिपाल मदेरणा को 3 दिसंबर को गिरफ्तार किया था और पूछताछ की थी. भंवरी मामले में 9 वर्षों तक जेल में रहने के बाद हाल ही में महिपाल मदेरणा को अदालत से जमानत भी मिली थी. हालांकि इससे पहले वे स्वास्थ्य कारणों के चलते उपचार के लिए जमानत पर चल रहे थे.