जोधपुर: जोधपुर की साइबर सेल सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री और वीडियो अपलोड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. हाल ही में अश्लील वीडियो अपलोड करने के तीन मामले अब तक जोधपुर में सामने आए हैं. इसमें पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो शेयर करना गंभीर अपराध है. कई लोग जानकारी के अभाव में तो कुछ असामाजिक तत्व ऐसे वीडियो शेयर कर देते हैं. साइबर सेल ऐसे लोगों को चिह्निंत कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने में जुटी है. हाल ही में जोधपुर के थानों में ऐसे लोगों के नाम से एफआईआर दर्ज हुई. हालांकि किसी ने इसकी शिकायत नहीं की थी. यह मामले एनसीआरबी की साइबर टिप से दर्ज हो रहे हैं. यह पड़ताल नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो दिल्ली के यूएसए के एनसीएमईसी के सहयेाग से होती है.
साइबर एक्सपर्ट जुटाते हैं जानकारी
यूएसए के नेशनल सेंटर ऑफ मिसिंग एंड एक्सप्लोइडेड चिल्ड्रन (National Center of Missing and Exploited Children) में इस पर नजर रखता है. साइबर एक्सपर्ट इस तरह के वीडियो अपलोड करने वाले की पूरी जानकारी जुटाकर एनसीआरबी (National Crime Record Bureau) को शेयर करते हैं. जिसके बाद एनसीआरबी से राज्य की एजेंसी जो संबंधित शहर की पुलिस को सूचना देते हैं. जिसके बाद पुलिस ऐसे लोगों को कार्रवाई करती है.
जोधपुर में 2020 अब तक तीन मामले ऐसे सामने आ चुके हैं. जिनमें एक युवक की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. ताजा मामला बासनी थाने में साइबर टिप लाइन से मिले इनपुट पर एक थाना क्षेत्र के हड्डी मील निवासी विकास चौबे के विरुद्ध दर्ज हुआ है. पुलिस उसकी तलाश कर ही है. आरोपी विकास ने वीडियो अपलोड कर वायरल किया था. एडीसीपी हरफूलसिंह का कहना है कि लोगों को सोशल मीडिया पर आने वाले वीडियो को अपने अकाउंट पर शेयर व अपलोड करने से बचना चाहिए. साइबर टिप के आधार पर मामले दर्ज हुए हैं. एनसीएमईसी से मिलने वाली रिपोर्ट पर गिरफ्तारी भी हो रही है.
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आईटी एक्ट में एफआईआर दर्ज
बता दें कि सबसे पहले जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में 20 जनवरी को एक मामला दर्ज हुआ था. जिसमें बताया गया था कि एक साल पहले दीपक गोड नामक युवक ने अपने फेसबुक एकाउंट पर एक वीडियो अपलोड किया था. हालांकि उसने यह वीडियो हटा भी दिया था, लेकिन यह एनसीएमईसी की नजर में मामला आ गया। जिसकी पूरी पड़ताल के साथ संबंधित थाने को रिपोर्ट भेजी गयी. जिसके बाद पुलिस ने आईटी एक्ट की धाराओं में उसे गिरफ्तार किया. इसके बाद महामंदिर थाना में एक मामला दर्ज हुआ. इस मामले में टिपलाइन ने लोकेशन के आधार पर रिपोर्ट दी थी.
कंटेट की होती है मॉनिटरिंग
साइबर एक्सपर्ट प्रिया सांखला का कहना है कि सोशल मीडिया में अपलोड होने वाले कंटेट की मॉनिटरिंग यूएस बेस होती है. भारत सरकार का इस तरह के संस्थानों से एमओयू है. जिसके चलते डेटा शेयर किया जाता है. एनसीआरबी सबंधित स्टेट की एजेंसी को डेटा देती है और उसके बाद कार्रवाई होती है. लोगों अपने एकाउंट पर किसी तरह का कंटेट डालने से पहले सचेत रहना चाहिए.