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जोधपुर: शीतलाष्टमी पर नहीं लगेगा मेला, कोरोना गाइडलाइन के साथ दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु - Sheetla Mata Temple of Jodhpur

जोधपुर के शीतला माता मंदिर के प्रांगण में लगने वाला मेला इस साल नहीं लगेगा. कोरोना के मद्देनजर मंदिर प्रशासन ने यह फैसला लिया है. शीतला अष्टमी के दिन श्रद्धालु कोरोना गाइडलाइन के साथ ही दर्शन करेंगे.

Sheetla Mata Temple of Jodhpur,  fair will not organized on Sheetlashtami
शीतला माता मंदिर
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Published : Apr 3, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Apr 3, 2021, 10:47 PM IST

जोधपुर. शहर के नागोरी गेट स्थित शीतला माता मंदिर के प्रांगण में होली के बाद से ही शीतलाष्टमी के साथ ही 10 दिनों तक मेला लगना शुरू हो जाता है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते शीतला अष्टमी के मौके पर शहर के लगभग 500 साल पुराने शीतला माता मंदिर में मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने मेला का आयोजन पर रोक लगा दी है. जिसके चलते इस बार शीतला माता मंदिर में साधारण तरीके से ही शीतला अष्टमी के दिन पूजा पाठ की जाएगी और श्रद्धालुओं को दर्शन करवा जाएगा.

शीतला माता मंदिर

शीतला माता मंदिर ट्रस्ट के मेला अधिकारी का कहना है कि वैश्विक महामारी के चलते इस बार जिला प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट के बीच में एक बैठक हुई जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि बढ़ते संक्रमण के चलते मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. साथ ही शीतला माता मंदिर में शीतला अष्टमी के मौके पर पुख्ता बंदोबस्त भी किए जाएंगे. जैसे आने वाले सभी श्रद्धालुओं के मास्क नहीं लगाने पर उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही एक समय में सिर्फ 10 से 15 श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे.

पढ़ें- राहुल गांधी ने पूरा किया 5 साल पुराना वादा, बाड़मेर का डेल्टा नगर राजस्व गांव घोषित

उसके अलावा समय-समय पर मंदिर में हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जाएगा जिससे कि संक्रमण का खतरा ना हो. वहीं मेले को लेकर डीसीपी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि बढ़ते संक्रमण के चलते मेले के आयोजनों पर रोक लगी हुई है. साथ ही शहर में धारा 144 भी लगी है. ऐसे में मंदिर में ज्यादा भीड़ ना हो जिसको लेकर वहां पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा. नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.

हर्षोलास से मनाया शीतलाष्टमी

पोकरण. उपखंड क्षेत्र में शीतला माता का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. महिलाओं ने शीतला माता की विधिवत पूजा अर्चना कर ठंडे भोजन का भोग लगया. कई महिलाओं की ओर से रविवार को भी शीतला माता की पूजा अर्चना के साथ ठंडे भोजन का भोग लगया जाएगा. इस बार 3 अप्रैल व 4 अप्रैल को दो दिन तक शीतला माता की पूजा अर्चना के साथ ठंडे भोजन का भोग लगाया जाएगा. महिला शिक्षक सुधा मिश्रा ने बताया कि होली के बाद सातवें और आठवें दिन देवी शीतला माता की पूजा की परंपरा है. इन्हें शीतला सप्तमी या शीतलाष्टमी कहा जाता हैं. वहीं कुछ जगहों पर इनकी पूजा होली के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार या गुरुवार के दिन ही की जाती है. शीतला माता का जिक्र स्कंद पुराण में मिलता है. पौराणिक मान्यता है कि इनकी पूजा और व्रत करने से चेचक के साथ ही अन्य तरह की बीमारियां और संक्रमण नहीं होता है.

महिलाओं ने की शीतला माता की पूजा

देवगढ (राजसमन्द). जिले के देवगढ भीम क्षेत्र में शीतला सप्तमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. महिलाओं ने मां शीतला माता की पूजा अर्चना की. महिलाएं हाथों में पूजा की थाली लिए मंगलगीत गाती हुई विभिन्न मां शीतला माता के स्थान पर पहुंची. शीतला मां की पूजा अर्चना करते हुए उन्हें ठंडे भोजन का भोग लगाया गया. साथ ही परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की गई. शीतला सप्तमी पर्व पर युवाओं ने रंगों में सराबोर भी हुए.

जोधपुर. शहर के नागोरी गेट स्थित शीतला माता मंदिर के प्रांगण में होली के बाद से ही शीतलाष्टमी के साथ ही 10 दिनों तक मेला लगना शुरू हो जाता है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते शीतला अष्टमी के मौके पर शहर के लगभग 500 साल पुराने शीतला माता मंदिर में मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने मेला का आयोजन पर रोक लगा दी है. जिसके चलते इस बार शीतला माता मंदिर में साधारण तरीके से ही शीतला अष्टमी के दिन पूजा पाठ की जाएगी और श्रद्धालुओं को दर्शन करवा जाएगा.

शीतला माता मंदिर

शीतला माता मंदिर ट्रस्ट के मेला अधिकारी का कहना है कि वैश्विक महामारी के चलते इस बार जिला प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट के बीच में एक बैठक हुई जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि बढ़ते संक्रमण के चलते मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. साथ ही शीतला माता मंदिर में शीतला अष्टमी के मौके पर पुख्ता बंदोबस्त भी किए जाएंगे. जैसे आने वाले सभी श्रद्धालुओं के मास्क नहीं लगाने पर उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही एक समय में सिर्फ 10 से 15 श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे.

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उसके अलावा समय-समय पर मंदिर में हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया जाएगा जिससे कि संक्रमण का खतरा ना हो. वहीं मेले को लेकर डीसीपी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि बढ़ते संक्रमण के चलते मेले के आयोजनों पर रोक लगी हुई है. साथ ही शहर में धारा 144 भी लगी है. ऐसे में मंदिर में ज्यादा भीड़ ना हो जिसको लेकर वहां पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा. नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.

हर्षोलास से मनाया शीतलाष्टमी

पोकरण. उपखंड क्षेत्र में शीतला माता का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. महिलाओं ने शीतला माता की विधिवत पूजा अर्चना कर ठंडे भोजन का भोग लगया. कई महिलाओं की ओर से रविवार को भी शीतला माता की पूजा अर्चना के साथ ठंडे भोजन का भोग लगया जाएगा. इस बार 3 अप्रैल व 4 अप्रैल को दो दिन तक शीतला माता की पूजा अर्चना के साथ ठंडे भोजन का भोग लगाया जाएगा. महिला शिक्षक सुधा मिश्रा ने बताया कि होली के बाद सातवें और आठवें दिन देवी शीतला माता की पूजा की परंपरा है. इन्हें शीतला सप्तमी या शीतलाष्टमी कहा जाता हैं. वहीं कुछ जगहों पर इनकी पूजा होली के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार या गुरुवार के दिन ही की जाती है. शीतला माता का जिक्र स्कंद पुराण में मिलता है. पौराणिक मान्यता है कि इनकी पूजा और व्रत करने से चेचक के साथ ही अन्य तरह की बीमारियां और संक्रमण नहीं होता है.

महिलाओं ने की शीतला माता की पूजा

देवगढ (राजसमन्द). जिले के देवगढ भीम क्षेत्र में शीतला सप्तमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. महिलाओं ने मां शीतला माता की पूजा अर्चना की. महिलाएं हाथों में पूजा की थाली लिए मंगलगीत गाती हुई विभिन्न मां शीतला माता के स्थान पर पहुंची. शीतला मां की पूजा अर्चना करते हुए उन्हें ठंडे भोजन का भोग लगाया गया. साथ ही परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की गई. शीतला सप्तमी पर्व पर युवाओं ने रंगों में सराबोर भी हुए.

Last Updated : Apr 3, 2021, 10:47 PM IST
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