जोधपुर. सूर्यनगरी जोधपुर को हरा-भरा बनाने के लिए जेडीए प्रशासन द्वारा सड़कों पर पौधे लगाने का काम किया जाता है और उनकी देखरेख भी जेडीए अधिकारियों की निगरानी में की जाती है. ग्रीन भारत मुहिम के तहत ईटीवी भारत की टीम ने शहर की सड़कों पर लगे पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी, तो उनमें से 50 फीसदी से ज्यादा पौधे सूखे हाल में मिले. इस बारे में जब लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि कई महीनों पहले पौधे लगाए गए थे. लेकिन उसके बाद से जेडीए का कोई भी अधिकारी, कर्मचारी या ठेकेदार पौधों को देखने नहीं आया और ना ही पौधों को पानी देने के लिए कोई व्यवस्था की गई है.
पौधों की देखरेख की व्यवस्था के बारे में सवाल पूछने पर जेडीए अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए उनकी भूमिका नहीं होने की बात कहते नजर आए. हालांकि कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों ने बताया कि जेडीए ने पिछले 1 साल से पौधे लगाने और उनकी देखरेख को लेकर कोई टेंडर नहीं निकाला है. जिसके चलते सड़कों के बीच लगे सभी पौधे सूख गए हैं. जेडीए के एएक्सईएन सुखराम विश्नोई से जब इस बारे मे बात की तो उन्होंने बताया कि पौधे लगाने और देखरेख के लिए जेडीए ने चार जोन बनाए हैं. जिसमें अलग-अलग जेईएन को जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
इस बारे में जब अलग-अलग जोन में लगे जेईएन से बात की तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए मामले में उच्च अधिकारियों से बात करें. इस दौरान छात्रों का एक ग्रुप सामने आया. जो पौधे लगाने और देखरेख का काम करता है. छात्रों ने बताया कि उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल के सामने सूखे और जले हुए पौधे हटाकर नए पौधे लगाए हैं और उनकी नियमित रूप से देखरेख की जा रही है. छात्रों ने बताया कि पौधों को जानवरों से बचाने के लिए ट्री गार्ड लगाने की मांग को लेकर जेडीए अधिकारियों से मिले. लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
छात्रों ने बताया कि विभाग द्वारा पौधे तो लगा दिए जाते हैं. लेकिन समय-समय पर उनकी देखरेख नहीं होने से ज्यादातर पौधे सूख गए. छात्रों ने कहा कि हम शहर में पौधों की देखरेख करने के लिए तैयार हैं. लेकिन हमें विभाग की मदद की जरूरत है. लेकिन विभाग हमारी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है. जेडीए के अधिकारी और कर्मचारी पौधे लगाने और उनकी देखरेख करने को लेकर गंभीर नहीं है और ना ही इसकी तरफ ध्यान दे रहे हैं.