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हरा-भरा राजस्थान : मुख्यमंत्री के गृहजिले में देखरेख के अभाव में 50 फीसदी से ज्यादा सूखे, गंभीर नहीं अधिकारी - वन विभाग

जोधपुर शहर को हरा-भरा बनाने की जिम्मेदारी जेडीए के पास है. लेकिन विभाग के अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं है. विभाग ने कई महीनों पहले सड़कों पर पौधे तो लगा दिए, लेकिन उनकी देखरेख और पानी देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है. जिसके कारण 50 फीसदी से ज्यादा सूखने लगे हैं.

जोधपुर में पौधारोपण को लेकर गंभीर नहीं अधिकारी, देखरेख के अभाव में 50 फीसदी से ज्यादा सूखे
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Published : Jun 29, 2019, 4:54 PM IST

जोधपुर. सूर्यनगरी जोधपुर को हरा-भरा बनाने के लिए जेडीए प्रशासन द्वारा सड़कों पर पौधे लगाने का काम किया जाता है और उनकी देखरेख भी जेडीए अधिकारियों की निगरानी में की जाती है. ग्रीन भारत मुहिम के तहत ईटीवी भारत की टीम ने शहर की सड़कों पर लगे पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी, तो उनमें से 50 फीसदी से ज्यादा पौधे सूखे हाल में मिले. इस बारे में जब लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि कई महीनों पहले पौधे लगाए गए थे. लेकिन उसके बाद से जेडीए का कोई भी अधिकारी, कर्मचारी या ठेकेदार पौधों को देखने नहीं आया और ना ही पौधों को पानी देने के लिए कोई व्यवस्था की गई है.

हरा-भरा राजस्थान : जोधपुर में पौधारोपण को लेकर गंभीर नहीं अधिकारी, देखरेख के अभाव में 50 फीसदी से ज्यादा सूखे

पौधों की देखरेख की व्यवस्था के बारे में सवाल पूछने पर जेडीए अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए उनकी भूमिका नहीं होने की बात कहते नजर आए. हालांकि कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों ने बताया कि जेडीए ने पिछले 1 साल से पौधे लगाने और उनकी देखरेख को लेकर कोई टेंडर नहीं निकाला है. जिसके चलते सड़कों के बीच लगे सभी पौधे सूख गए हैं. जेडीए के एएक्सईएन सुखराम विश्नोई से जब इस बारे मे बात की तो उन्होंने बताया कि पौधे लगाने और देखरेख के लिए जेडीए ने चार जोन बनाए हैं. जिसमें अलग-अलग जेईएन को जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

इस बारे में जब अलग-अलग जोन में लगे जेईएन से बात की तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए मामले में उच्च अधिकारियों से बात करें. इस दौरान छात्रों का एक ग्रुप सामने आया. जो पौधे लगाने और देखरेख का काम करता है. छात्रों ने बताया कि उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल के सामने सूखे और जले हुए पौधे हटाकर नए पौधे लगाए हैं और उनकी नियमित रूप से देखरेख की जा रही है. छात्रों ने बताया कि पौधों को जानवरों से बचाने के लिए ट्री गार्ड लगाने की मांग को लेकर जेडीए अधिकारियों से मिले. लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

छात्रों ने बताया कि विभाग द्वारा पौधे तो लगा दिए जाते हैं. लेकिन समय-समय पर उनकी देखरेख नहीं होने से ज्यादातर पौधे सूख गए. छात्रों ने कहा कि हम शहर में पौधों की देखरेख करने के लिए तैयार हैं. लेकिन हमें विभाग की मदद की जरूरत है. लेकिन विभाग हमारी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है. जेडीए के अधिकारी और कर्मचारी पौधे लगाने और उनकी देखरेख करने को लेकर गंभीर नहीं है और ना ही इसकी तरफ ध्यान दे रहे हैं.

जोधपुर. सूर्यनगरी जोधपुर को हरा-भरा बनाने के लिए जेडीए प्रशासन द्वारा सड़कों पर पौधे लगाने का काम किया जाता है और उनकी देखरेख भी जेडीए अधिकारियों की निगरानी में की जाती है. ग्रीन भारत मुहिम के तहत ईटीवी भारत की टीम ने शहर की सड़कों पर लगे पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी, तो उनमें से 50 फीसदी से ज्यादा पौधे सूखे हाल में मिले. इस बारे में जब लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि कई महीनों पहले पौधे लगाए गए थे. लेकिन उसके बाद से जेडीए का कोई भी अधिकारी, कर्मचारी या ठेकेदार पौधों को देखने नहीं आया और ना ही पौधों को पानी देने के लिए कोई व्यवस्था की गई है.

हरा-भरा राजस्थान : जोधपुर में पौधारोपण को लेकर गंभीर नहीं अधिकारी, देखरेख के अभाव में 50 फीसदी से ज्यादा सूखे

पौधों की देखरेख की व्यवस्था के बारे में सवाल पूछने पर जेडीए अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए उनकी भूमिका नहीं होने की बात कहते नजर आए. हालांकि कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों ने बताया कि जेडीए ने पिछले 1 साल से पौधे लगाने और उनकी देखरेख को लेकर कोई टेंडर नहीं निकाला है. जिसके चलते सड़कों के बीच लगे सभी पौधे सूख गए हैं. जेडीए के एएक्सईएन सुखराम विश्नोई से जब इस बारे मे बात की तो उन्होंने बताया कि पौधे लगाने और देखरेख के लिए जेडीए ने चार जोन बनाए हैं. जिसमें अलग-अलग जेईएन को जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

इस बारे में जब अलग-अलग जोन में लगे जेईएन से बात की तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए मामले में उच्च अधिकारियों से बात करें. इस दौरान छात्रों का एक ग्रुप सामने आया. जो पौधे लगाने और देखरेख का काम करता है. छात्रों ने बताया कि उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल के सामने सूखे और जले हुए पौधे हटाकर नए पौधे लगाए हैं और उनकी नियमित रूप से देखरेख की जा रही है. छात्रों ने बताया कि पौधों को जानवरों से बचाने के लिए ट्री गार्ड लगाने की मांग को लेकर जेडीए अधिकारियों से मिले. लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

छात्रों ने बताया कि विभाग द्वारा पौधे तो लगा दिए जाते हैं. लेकिन समय-समय पर उनकी देखरेख नहीं होने से ज्यादातर पौधे सूख गए. छात्रों ने कहा कि हम शहर में पौधों की देखरेख करने के लिए तैयार हैं. लेकिन हमें विभाग की मदद की जरूरत है. लेकिन विभाग हमारी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है. जेडीए के अधिकारी और कर्मचारी पौधे लगाने और उनकी देखरेख करने को लेकर गंभीर नहीं है और ना ही इसकी तरफ ध्यान दे रहे हैं.

Intro:जोधपुर
जोधपुर की सड़कों पर जेडीए प्रशासन द्वारा पौधे लगाने का काम किया जाता है साथ ही उन पौधों की देखरेख भी जेडीए के अधिकारियों की निगरानी में की जाती है। ईटीवी भारत की ग्रीन भारत मुहिम के तहत ईटीवी की टीम जोधपुर की सड़कों पर लगे पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट जांचने पहुंची तो वहां का नजारा कुछ अलग ही मिला सड़कों के मध्य डिवाइडर पर लगे पौधों में से लगभग 50% से अधिक पौधे सूखे और जले हुए मिले आसपास के लोगों से बात करने पर पता लगा कि कई महीनों से यहां विभाग की कोई अधिकारी नहीं आए हैं ना ही कोई पौधों को पानी पिलाने के लिए यहां आता है। कई महीनों पहले पौधे लगाए गए थे लेकिन उसके बाद जेडीए का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी या ठेकेदार यहां पर पौधों की देखरेख करने नहीं आया है।


Body:इस बारे में जब जीडीए के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसमें हमारा कोई रोल नहीं है। और जीडीए के अधिकारियों ने इस मामले पर बात करने से मना कर दिया। जेडीए के कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि जेडीए ने पिछले 1 साल से पौधे लगाने और उनकी देखरेख करने को लेकर किसी प्रकार का कोई टेंडर नहीं निकाला है। जिसके चलते जोधपुर के पश्चिमी भाग में सडको के बीच लगभग लगे सारे पौधे जले हुए और सूखे हुए हैं। जेडीए के axen सुखराम बिश्नोई से जब इस बारे मे बात की गई उन्होंने कहा कि पौधों को लगाने और देखरेख करने के लिए जेडीए द्वारा चार जॉन बनाए गए हैं जिसमें अलग-अलग जेईएन को जिम्मेदारी दी गई है । axen सुखराम विश्नोई ने इस मामले पर अधिकारी इंटरव्यू देने से मना कर दिया साथ ही जब सभी जोन में लगे जे ई एन से बात की गई तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस मामले पर उच्च अधिकारियों से बात करें। पौधे लगाने और उनकी देखरेख करने को लेकर एक छात्रों का ग्रुप सामने आया और उन्होंने बताया कि उनके द्वारा महात्मा गांधी अस्पताल के सामने सूखे और जले हुए पौधों को हटाकर वहां नए पौधे लगाए गए हैं और छात्रों द्वारा ही उनकी नियमित रूप से देखरेख की जा रही है छात्रों का कहना है कि वह पेड़ पौधों को जानवरों से बचाने के लिए ट्री गार्ड लगाने की मांग को लेकर जेडीए के पास गए थे लेकिन वहां से उन्हें कोई संतोष जवाब नहीं मिला। छात्रों का कहना है कि विभाग द्वारा पौधे तो लगा दिए जाते हैं लेकिन समय-समय पर उनकी देखरेख ना करने से लगाए गए पौधे सूखे और जल गए हैं छात्रों ने कहा कि हम पौधों की देखरेख करने को तैयार है लेकिन हमें विभाग के मदद की जरूरत है लेकिन विभाग का कोई अधिकारी हमारी मदद के लिए सामने नहीं आ रहा है । देखा जाए तो जेडीए के अधिकारी और कर्मचारी पौधे लगाने और उनकी देखरेख करने को लेकर गंभीर नहीं है और ना ही इसकी तरफ ध्यान दे रहे हैं।


Conclusion:बाईट राम छात्र
बाईट सुनील छात्र
बाईट अखिलेश छात्र
पीटीसी
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