जोधपुर. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इस दिन लोग अपनी-अपनी मातृभाषा को लेकर आयोजन करते हैं. जोधपुर में इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थानी भाषा को लेकर लोगों ने चिंता जाहिर की. लोगों का कहना है कि संसद में जाने वाले जनप्रतिनिधि कभी अपनी मातृ भाषा में नहीं बोलते हैं. राजस्थान सरकार की ओर से केंद्र को राजस्थानी को मान्यता देने का प्रस्ताव बरसों से लंबित (Issue of recognition of Rajasthani language pending) है. राजस्थानी को मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्य की बात है.
मायड़ भाषा दिवस पर मेहरानगढ म्यूजियम ट्रस्ट, रामदेव शोध पीठ के संयुक्त तत्वावधान में मेहरनागढ़ में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने पूरजोर ढंग से राजस्थानी को मान्यता देने की वकालत की. उनका कहना है कि हमारी भाषा में हमारे छात्र प्रतियोगी परीक्षा नहीं दे सकते हैं. जिसके चलते दूसरे राज्यों के छात्र हमारे यहां प्रतियोगी परीक्षा में अपनी जगह बना रहे हैं. वक्ताओं का कहना है कि भाजपा व कांग्रेस ने राजस्थानी भाषा की मान्यता के मामले को फुटबाल बना रखा है. जबकि अगस्त 2003 से सरकार का मान्यता को लेकर प्रस्ताव दिल्ली में लंबित हैं. अगर नेताओं ने इस और ध्यान नहीं दिया, तो भाषा के आधार पर आंदोलन भी हो सकते हैं.
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कार्यक्रम में जेएनवीयू के कुलपति डॉ. केएल श्रीवास्तव, डॉ लक्षमण सिंह राठौड़, आईदान सिंह भाअी, मिठेश निर्मोही, जफर खां सिंधी, गिरधर दान रतनू, महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश मेहरानगढ़ के सहायक निदेशक डॉ महेंद्र सिंह तंवर, बाबा रामदेव शोध पीठ के निदेशक गजेसिंह राजपुरोहित शामिल हुए. कार्यक्रम में भंवरलाल सुथार ने राजस्थानी में लिखी पुस्तक 'कमठे आली कांमणी' व महेंद्र सिंह सिसोदिया की पुस्तक 'मैं थार हूं' का लोकापर्ण किया गया.
उर्दू भाषा को लेकर मांग...
मातृभाषा दिवस पर उर्दू भाषा को लेकर जयपुर के भट्टा बस्ती में राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ की ओर जन जागरण रैली निकाली गई. भट्टा बस्ती में उर्दू जुबान को लेकर उर्दूभाषी विद्यार्थियों व स्थानीय नागरिकों के साथ जन जागरण रैली निकाली गई. रैली में लोगों ने भारतीय संविधान व राइट टू एजुकेशन एक्ट के संवैधानिक व कानूनी अधिकारों के तहत उर्दू भाषा के उत्थान के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए रैली में नारे लगाए। रैली में विद्यार्थियों ने भी उर्दू जुबान जिंदाबाद के नारे लगाए.
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मातृभाषा दिवस के अवसर पर जयपुर शहर की अनेक सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के साथ मदरसों में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने मातृभाषा उर्दू के साथ शिक्षा विभाग की ओर से किए जा रहे सौतेले बर्ताव का विरोध किया. उन्होंने प्राथमिक स्तर की बंद की गई उर्दू शिक्षा को पुनः बहाल करने की मांग की. साथ ही पिछले बजट में उर्दू से संबंधित घोषणा पर अमल नहीं करने पर सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ रोष जताया.
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कायमखानी ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से आगामी बजट में उर्दू जुबान के उन्नयन व उत्थान के लिए बजट में प्रावधान करने की मांग रखी. रैली के दौरान मदरसा जामिया तैयबा के संचालक मोहम्मद इशहाक ने सरकारी स्कूलों में उर्दू की निशुल्क किताबें तत्काल उपलब्ध करवाने की मांग की. राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल भट्टा बस्ती, मुस्लिम स्कूल एमडी रोड मदरसा जामिया तैयबा नाहरी का नाका आदि में भी मातृभाषा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ.