जोधपुर. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने का कहना है कि हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए भगवान महावीर के विचारों और सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ सकते हैं. इसमें सभी की भागीदारी और सभी समाजों का सहयोग जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमारे देश के पास डेमोग्राफी और डेमोक्रेसी के रूप में दो शक्तियां हैं, जिनके चलते जल्द ही भारत पूरे विश्व को लीड (OM Birla on democracy of India) करेगा.
शुक्रवार को एक दिवसीय यात्रा पर जोधपुर आए बिरला ने सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि दुनिया में भारत का सामर्थ्य और शक्ति बढ़ी है. पीएम मोदी के समरकंद दौरे पर राष्टध्यक्षों से मुलाकात के सवाल पर बिरला ने कहा कि विश्व की मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के लिए देश के प्रधानमंत्री लगातार चर्चा और संवाद सभी देशों से करते हैं. बिरला ने इससे पहले जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन की ओर से आयोजित राष्ट्रीय यूथ कान्क्लेव का शुभारंभ करते हुए कहा कि डेमोग्राफी और डेमोक्रेसी, भारत की दो असीम शक्तियां हैं.
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उन्होंने कहा कि डेमोग्राफी के दृष्टिकोण से देखें तो विश्व में सबसे अधिक युवा आबादी हमारे देश में है, जो भारत को विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. डेमोक्रेसी के दृष्टिकोण से हम पूरे विश्व के लिए प्रेरणा हैं. हमारी यही दो शक्तियां हमें निकट भविष्य में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करेंगी. इससे पहले दोपहर में जोधपुर पहुंचने पर जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने उनकी अगुवानी की. भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. रात 8 बजे वे रेल से दिल्ली के लिए रवाना हो गए..
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संसदीय प्रणाली, लोकतांत्रिक संस्थाएं मजबूत होनी चाहिए: मीडिया से वार्ता के दौरान उनसे पूछा गया कि राजस्थान विधानसभा में सत्र का सत्रावासन नहीं किया गया. अब दोबारा सत्र शुरू हो रहा है, इससे विधायक सवाल पूछने से वंचित हो जाएंगे. इस पर बिरला ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाएं जितनी सशक्त और मजबूत होंगी, उतना ही जनता के प्रति हमारी जवाबदेही ज्यादा होगी.
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उन्होंने कहा कि देश में जब संसदीय व्यवस्था लागू की गई थी, तब यह मत था कि संसदीय लोकतंत्र शासन चलाने की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है. दुनिया में ज्यादातर देश इसे अपना रहे हैं. चाहे वह नगर पालिका हो या पंचायत, सभी जगह पर लोकत्रांत्रिक संस्थाएं मजबूत होनी चाहिए. इसलिए सदन चलना चाहिए. जो चुने गए सदस्य हैंं, वे जनता की समस्याएं रख सकेंं, इसलिए सदन ज्यादा दिनों तक चलना चाहिए.