जोधपुर. कोरोना रोगियों के बढ़ते मरीजों के साथ शहर के गली और मोहल्लों के घरों के बाहर सफेद पन्ने लगे हुए नजर आते है. जिन पर उस घर में क्वॉरेंटाइन किए गए मरीज की जानकारी दी गई है. शुरुआत से ही यह बात कही जा रही है कि कोरोना वायरस छूने से फैलता है.
ऐसे में सामान्य मरीज जो होम क्वॉरेंटाइन किए गए हैं, जिनके अंदर कोरोना के लक्षण तक नहीं है. उन्हें भी 14 दिनों तक घर पर रखा जाता है. क्योंकि यह भी हो सकता है कि उनके संपर्क में आने वाली चीजें भी कोरोन की वाहक हो.
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खास तौर से उनके कमरे से निकलने वाला कचरा भी वायरस का प्रसार बन सकता है. गाइडलाइन के अनुसार होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों के घर से निगम को प्रतिदिन कचरा लेना होता है. जिसे केरू डंपिंग स्टेशन पर उपचारित कर उसे निस्तारित किया जाता है. इसके लिए होम क्वॉरेंटाइन करते समय मरीज के घर निगम के कर्मचारी वेस्ट बैग देते है. जोधपुर निगम के आयुक्त रोहिताश्व तोमर ने कहा कि हमारे कर्मचारी इस व्यवस्था को लागू कर रहे हैं.
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जिससे मरीज के कमरे या घर से निकलने वाले कचरे को समय रहते निस्तारित कर दिया जाए. जिससे कोरोना का संक्रमण नहीं फैले. ईटीवी भारत ने मौके पर जाकर देखा भी जिसमें नगर निगम के कर्मचारी इस व्यवस्था को लेकर काम करते नजर आए. लेकिन यह व्यवस्था शुरुआती दिनों में ही सफल रहती है.
ज्यों-ज्यों क्वॉरेंटाइन बढ़ता है. वेस्ट बैग का कलेक्शन ठप हो जाता है. कर्मचारी ज्यादातर लोगों से फोन पर ही संपर्क कर उन्हें कचरे को नगर निगम की आने वाले गाड़ी में डालने को कहते हैं. कई जगह पर तो वेस्ट बैग भी नहीं पहुंच रहे है. ऐसे में सामान्य कचरे के साथ होने वाले संक्रमित व्यक्ति के कचरे का निस्तारण परेशानी का सबब बन सकता है.