जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने चार माह पूर्व फायरमैन पद पर नियुक्ति के आदेश की जानबूझकर अवेहलना करने के मामले में दायर अवमानना याचिका में स्वायत संस्था विभाग के निदेशक और विशिष्ट सचिव दीपक नंदी और राज्य सरकार को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है.
याचिकाकर्ता स्वरूप सिंह ने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से अवमानना याचिका दायर कर कहा कि न्यायालय की खंडपीठ ने गत 19 नवंबर 2020 को प्रार्थी की विशेष अपील को मंजूर करते हुए राज्य सरकार और स्वायत शासन विभाग को निर्देश दिया था कि वर्ष 2011 में फायरमैन पद पर भर्ती में प्रार्थी 10 बोनस अंक का हकदार होने के बावजूद उसे इससे राज्य सरकार और उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने गलत रूप से वंचित किया है, इसीलिए 10 अंक जोड़ते हुए प्रार्थी को उसी दिन से नियुक्ति प्रदान की जाएं,जिस दिन उससे कनिष्ठ को नियुक्त किया गया.
अधिवक्ता भंडारी ने बहस करते हुए कहा कि सामान्य वर्ग की 179 रिक्तियों में 10 अंक जुड़ते ही प्रार्थी वरीयता सूची में सातवें स्थान पर आ जाता है, लेकिन बार बार अभ्यावेदन के बावजूद भी चार माह गुजर जाने पर भी न तो संशोधित वरीयता सूची जारी की गई और न ही प्रार्थी को नियुक्ति पत्र जारी किया गया, विपक्षी के खिलाफ जानबूझकर न्यायालय आदेश की पालना नहीं कर अवहेलना करने पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएं. इस पर खंडपीठ ने दीपक नंदी और राज्य सरकार को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है.