जोधपुर. सतीश पूनिया ने बुधवार को जोधपुर में मीडिया से बात करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कमजोर आलाकमान की वजह से गहलोत सरकार में अंतर्विरोध है और आज भी अंर्तद्वंद जारी है. सरकार की नियत कमजोर है. राजस्थान कांग्रेस में आपसी खींचतान विधायकों, मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों के पत्रों से लगातार सामने आ रहा है.
जोधपुर आए पूनिया ने सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मारवाड़ में लंपी डिजीज से (Lumpy Skin Disease in Rajasthan) पशुधन का काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि पशुओं के मरने और प्रभावित होने से दुग्ध संकट भी होगा. ऐसे में सरकार को बेहद फुर्ती से काम करना चाहिए. प्रदेश में पशु चिकित्सकों की कमी है. इसलिए डॉक्टरों को तत्काल हायर कर लगाना चाहिए. युद्धस्तर पर इस संकट से निपटना चाहिए.
उन्होंने कहा कि लोहावट क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है, इसके लिए भी सीएम को पत्र लिखा है. यंग इंडिया का कार्यालय सीज होने पर (Enforcement Directorate Seals Young Indian Office) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इसे आपातकाल बताए जाने पर पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को आपातकाल की परिभाषा पता नहीं है. उनकी सरकारों ने ही आपातकाल लगाया. 49 सरकारों को हटाया. 55 साल तक पाप किया. झूठ और लूट का खेल खेला था. आज लोकतंत्र की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है. अब परतें खुलने लगी हैं.
तीन जिलों की संगठनात्मक समीक्षा : पूनिया ने कहा कि बूथ सशक्तिकरण की स्थिति और मोर्चों की भूमिका को लेकर जैसलमेर, बाड़मेर व बालोतरा जिले की समीक्षा की गई. इससे मैं संतुष्ट हूं कि सभी जगह पर संगठन ने बूथ सशक्तिकरण, बूथ समितियों के काम का 90 फीसदी पूरा हुआ है. संगठन प्रधानमंत्री के 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए भी काम कर रही है. संगठन की सभी इकाइयां इसमें काम कर रही हैं.