जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शराबबंदी को लेकर चल रही बयानबाजी पर बोलते हुए कहा कि मैंने कहा था कि गुजरात में शराब का सेवन ज्यादा होता है. अगर गुजरात के मुख्यमंत्री यह साबित कर देंगे की वहां शराब नहीं बिकती है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या वे राजनीति छोड़ दें. गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद से ही वहां शराबबंदी है. लेकिन अत्यधिक मात्रा में वहां सेवन किया जा रहा है.
गौरतलब हो कि पिछले 3 दिनों से शराबबंदी को लेकर गुजरात और राजस्थान के मुख्यमंत्री आपस में भिड़े हुए हैं. दोनों जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. जोधपुर में मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए जब उनसे पूछा गया कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने उनको चुनौती दी है कि वे राजस्थान में शराबबंदी करके दिखाएं. ऐसे में उन्होंने सीएम रूपाणी से कहा कि गुजरात अपराध ग्रसित है. उन्हें अपने राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब आने पर पड़ोसी राज्यों से सहयोग मांगना चाहिए था. लेकिन वह सहयोग मांगने की बजाय दूसरी बात कर रहे हैं.
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बता दें कि इससे पहले 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के कार्यक्रम में कहा था कि शराबबंदी से कोई फायदा नहीं होता. गुजरात में शराबबंदी है मगर घर-घर में शराब मिलती है. इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने जवाब दिया था कि गहलोत ने ऐसा कहकर साढ़े छह करोड़ गुजरातियों का अपमान किया है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए. जिसके बाद ही तीखी नोकझोंक का सिलसिला जारी है.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुजरात में शराब की अत्याधिक उपयोग को लेकर गत दिनों बयान दिया था जिस पर रूपाणी ने टिप्पणी की थी. इसके जवाब में गहलोत ने मंगलवार को कहा कि रूपाणी अगर साबित कर दें कि गुजरात में शराब नहीं बिकती है तो वे राजनीति छोड़ देंगे.