जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रदेश के युवाओं में नशीली दवाओं और स्मैक जैसे नशे की बढ़ती लत को लेकर गृह विभाग के सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संदीप मेहता और जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने गंभीरता दिखाते हुए स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर करते हुए जवाब तलब किया है.
दरअसल वीडियो में लगातार समाचार प्रकाशित हो रहे हैं कि पुलिस नशे में प्रयुक्त होने वाली सामग्री के खेप पकड़ रही है और अपराधियों को पकड़ रही है. इसे ध्यान में रखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया. हाईकोर्ट सरकार से यह जानना चाहती है कि जिस गति से नशे की सामग्री बरामद हो रही है और नशे में लिप्त युवा अपराध में शामिल हो रहे हैं, उसकी रोकथाम के लिए सरकार क्या कर रही है. इसके लिए सरकार को 2 सप्ताह में हलफनामा कोर्ट में पेश करना है.
गौरतलब है कि डीसीपी प्रीति चंद्रा की अगुवाई में टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए करीब 1000 ग्राम स्मैक बरामद की थी. मीडिया में प्रकाशित खबरों पर हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेते सरकार से पूछा है कि लगातार युवा नशे की लत का शिकार हो रहे हैं, इसकी रोकथाम को लेकर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं.
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि नशे की लत के कारण युवा अपराध की ओर अग्रसर हो रहे हैं, इसकी रोकथाम के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है और सरकार आने वाले समय में नशे के खिलाफ क्या दिशा-निर्देश जारी करेगी. इन सभी सवालों का जवाब हलफनामा के माध्यम से मांगा गया है.