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जोधपुर : भाजपा देहात जिला अध्यक्ष को मिली अग्रिम जमानत,पंचायत चुनाव में फर्जी शैक्षणिक योग्यता का मामला

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजीत पुरोहित ने बताया कि यह मामला राजनीतिक द्वेष के चलते दर्ज कराया गया है जो कि पांच साल पुराना है. इसको लेकर उच्च न्यायालय में याचिका विचाराधीन है. जबकि याचिकाकर्ता जिम्मेवार व्यक्ति है एवं अनुसंधान के लिए भी तैयार है.

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भाजपा देहात जिला अध्यक्ष को मिली अग्रिम जमानत
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Published : Mar 10, 2021, 10:21 PM IST

जोधपुर. पंचायत चुनाव में फर्जी शैक्षणिक योग्यता देने के मामले में भाजपा देहात जिला अध्यक्ष जगराम विश्नोई की राजस्थान उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए बिना अनुमति देश के बाहर जाने पर रोक लगा दी.

न्यायाधीश अरूण भंसाली की अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजीत पुरोहित ने बताया कि यह मामला राजनीतिक द्वेष के चलते दर्ज कराया गया है जो कि पांच साल पुराना है. इसको लेकर उच्च न्यायालय में याचिका विचाराधीन है. जबकि याचिकाकर्ता जिम्मेवार व्यक्ति है एवं अनुसंधान के लिए भी तैयार है.

पढ़ें- दक्षिणी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जे. एस. नैन ने किया जैसलमेर सैन्य स्टेशन का दौरा

याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने पचास हजार के जमानत मुचलके एवं पच्चीस पच्चीस हजार के दो जमानती पेश करने के निर्देश देते हुए अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिये हैं कि वो अनुसंधान अधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप पेश होकर अनुसंधान में सहयोग करेंगे.

मामले में किसी प्रकार का प्रभाव नहीं डालेंगे. साथ ही बिना कोर्ट की अनुमति के देश से बाहर नही जायेंगे. गौरतलब है कि विश्नोई के खिलाफ फर्जी शैक्षणिक योग्यता का मुकदमा ओसियां थाने में दर्ज कराया गया था. जिसको लेकर पहले जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत पेश की. लेकिन वहां से खारिज होने पर उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पेश की गई थी.

जोधपुर. पंचायत चुनाव में फर्जी शैक्षणिक योग्यता देने के मामले में भाजपा देहात जिला अध्यक्ष जगराम विश्नोई की राजस्थान उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए बिना अनुमति देश के बाहर जाने पर रोक लगा दी.

न्यायाधीश अरूण भंसाली की अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजीत पुरोहित ने बताया कि यह मामला राजनीतिक द्वेष के चलते दर्ज कराया गया है जो कि पांच साल पुराना है. इसको लेकर उच्च न्यायालय में याचिका विचाराधीन है. जबकि याचिकाकर्ता जिम्मेवार व्यक्ति है एवं अनुसंधान के लिए भी तैयार है.

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याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने पचास हजार के जमानत मुचलके एवं पच्चीस पच्चीस हजार के दो जमानती पेश करने के निर्देश देते हुए अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिये हैं कि वो अनुसंधान अधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप पेश होकर अनुसंधान में सहयोग करेंगे.

मामले में किसी प्रकार का प्रभाव नहीं डालेंगे. साथ ही बिना कोर्ट की अनुमति के देश से बाहर नही जायेंगे. गौरतलब है कि विश्नोई के खिलाफ फर्जी शैक्षणिक योग्यता का मुकदमा ओसियां थाने में दर्ज कराया गया था. जिसको लेकर पहले जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत पेश की. लेकिन वहां से खारिज होने पर उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पेश की गई थी.

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