जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने गुरुवार को बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी हत्याकांड मामले के सह आरोपी परसराम विश्नोई की ओर से पेश आवेदन को खारिज कर दिया. साथ ही अंतरिम जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया.
आवेदनकर्ता विश्नोई ने उसकी 90 वर्षीय माता और पत्नी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उनकी देखभाल के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आवेदन किया था. जिसपर आवेदनकर्ता की ओर से अधिवक्ता हेमन्त नाहटा और संजय विश्नोई ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर पैरवी करते हुए जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई. अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि आवेदनकर्ता 7 साल से जेल में बंद है.
अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई के विशिष्ठ लोक अभियोजक पन्नेसिंह रातडी ने कहा, आवेदनकर्ता का परिवार संपन्न है और उनका भतीजा वर्तमान में विधायक है. उन्होंने कहा कि पुत्र सहित परिवार के अन्य सदस्य वृद्ध माता और आवेदनकर्ता की पत्नी के स्वास्थ्य की देखभाल करने में सक्षम हैं.
सह आरोपी को फूलों की फतिहा में शामिल होने की मिली इजाजत
वहीं, इसी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत ने एक अन्य सह आरोपी शहाबुद्दीन की माता के निधन पर फूलों की फातिहा में शामिल होने की इजाजत दी है. शहाबुदीन को उसकी माता के निधन पर 5 जुलाई 2020 को होने वाले सामाजिक कार्यक्रम फूलों की फातिहा में उसे पुलिस सुरक्षा में शामिल होने की इजाजत दी है.
शहाबुद्दीन की ओर से अधिवक्ता फिरोज खान ने पैरवी करते हुए कहा कि शहाबुद्दीन की माता का देहांत 21 जून को हो गया था. उसके देहांत के बाद आयोजित होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों में बतौर पुत्र उपस्थित होना आवश्यक है, इसलिए शहाबुद्दीन को 30 दिन के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की जाए.
वहीं, सीबीआई की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ठ लोक अभियोजक पन्नेसिंह रातडी ने अंतरिम जमानत का विरोध किया, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए आवेदनकर्ता को पुलिस सुरक्षा में फूलों की फातिहा के अवसर पर उसके गांव भेजने की स्वीकृति दिए जा सकने का आग्रह भी किया. इस पर जस्टिस मेहता ने जेल अधीक्षक के नाम निर्देश जारी करते हुए शहाबुदीन को 5 जुलाई को पुलिस सुरक्षा में सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक के लिए पीपाड स्थित सिधिंयो की ढाणी में आवेदनकर्ता के निवास पर उपस्थित रहने की सीमित स्वीकृति प्रदान की है.