जोधपुर. प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार आए दिन इस मामले में धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर रही है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पाटी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी व्यंग्य करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार मांग रही है कि पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए जाए, इसके लिए प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ राजस्थान की सरकार अभी ईंधन पर साढे़ 29 प्रतिशत टैक्स लगा रही है.
मुख्यमंत्री का बेटा जोधपुर में धरने पर बैठ कर मांग कर रहा है कि पेट्रोल-डीजल के दामों में गिरावट आनी चाहिए. जबकि प्रदेश की सरकार खुद चीजों पर टैक्स लगाकर दाम बढ़ाए जा रही है. बेनीवाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बार्डर पर लगे पेट्रोल पंप से दस रुपए सस्ता डीजल मिल रहा है. ऐसे में मेरी मुख्यमंत्री जी से अपील है कि वे टैक्स कम करें. इसके अलावा हम प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि किसानों के लिए अलग से कार्ड बनवाया जाए जिसे दिखाने पर पेट्रोल-डीजल पर राहत मिले. प्रदेश में महंगे ईंधन के लिए राज्य सरकार दोषी है. जिसने एक प्रतिशत भी टैक्स नहीं घटाया है. लॉकडाउन में ही 20 से 28 फीसदी टैक्स कर दिया है.
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बेनीवाल ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की आपसी गुटबाजी में जनता पिस रही है. गहलोत मुख्यमंत्री बनते ही पिछली सरकार के 5 हॉर्स पावर तक के कनेक्शन की बिजली मुफ्त करने के आदेश वापस ले लिए. वसुंधरा राजे सरकार में बिजली के वीसीआर भरने की जांच का एलान किया था, लेकिन कुछ नहीं किया गया. बेनीवाल ने आगे कहा कि प्रदेश में 20 साल में बिजली कंपिनयों का घाटा 125 लाख करोड़ रुपए हो गया है. इतना घाटा तो किसानों को मुफ्त बिजली देने पर भी नहीं होता. बीस साल में बिजली कंपनियों ने जो बिजली की खरीद की है उसकी ऑडिट होनी चाहिए. इसमें कई घपले और घोटाले बाहर आएंगे. अब तक के कई बिजली मंत्री के साथ-साथ सीएमडी और एमडी की घोटालेबाजी भी सामने आएगी.