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मंदिर से संबंधित विवादित जमीन पर बन रहे टॉयलेट पर अंतरिम रोक, हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई की. कोर्ट ने पहले मामले में मंदिर से संबंधित विवादित जमीन पर ग्राम पंचायत द्वारा टॉयलेट निर्माण पर अंतरिम रोक लगा दी है. वहीं दूसरे मामले में कोर्ट ने हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

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Published : Jun 22, 2020, 10:56 PM IST

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हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में वेकेशन जज रामेश्वर व्यास ने सोमवार को एक मंदिर परिसर से संबंधित विवादित जमीन पर ग्राम पंचायत की ओर से टॉयलेट निर्माण के मामले की सुनवाई में सचिव पंचायती राज विभाग, एडीएम पाली, बीडीओ रानी और सरपंच ग्राम पंचायत बूसी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में किया जवाब-तलब किया है. वहीं विवादित स्थल पर यदि टॉयलेट निर्माण पूरा नहीं किया गया है तो आगे की निर्माण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने के निर्देश भी जारी किए हैं.

टॉयलेट निर्माण पर अंतरिम रोक

याचिकाकर्ता श्रीराम हनुमान मंदिर सेवा समिति, गांव बूसी, तहसील रानी, जिला पाली के चेयरमैन पूनम सिंह पुत्र प्रताप सिंह की ओर से याचिका दायर कर मंदिर के लिए प्रसाद निर्माण आदि किए जाने के लिए सौंपी गई. जमीन पर ग्राम पंचायत बूसी की ओर से टॉयलेट निर्माण को रोकने की गुहार लगाई है. याचिकाकर्ता की ओर से वीसी पर पैरवी करते हुए अधिवक्ता कुणाल विश्नोई ने कहा कि पूर्व में श्रीराम मंदिर सेवा समिति को प्रसाद निर्माण के लिए जमीन आवंटित की गई थी, जिसके लिए ट्रस्ट भी बनाया गया है. यहां आयोजन के अवसर पर लोग आते हैं तथा प्रसादी वितरण होता है.

यह भी पढ़ेंः नव विवाहित जोड़े ने लगाई सुरक्षा की गुहार, हाईकोर्ट ने एसपी को आवेदन पेश करने को कहा

यहां पर ग्राम पंचायत की ओर से राजनीति करते हुए टॉयलेट्स का निर्माण कराया जा रहा है, जिस पर रोक लगाई जाए. इस पर कोर्ट ने जहां संबंधित को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. वहीं टॉयलेट निर्माण पर अंतरिम रोक भी जारी की. वेकेशन कोर्ट की ओर से जारी नोटिस एएजी सुनील बेनीवाल की ओर से स्वीकार किए गए. कोर्ट ने मामले को चार सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने के निर्देश जारी किए. इस दौरान याचिका में मौजूद डिफेक्ट्स हटाने के भी निर्देश दिए.

हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

शराब पीकर आपसी मारपीट के दौरान हत्या के अपराध में जोधपुर की जेल में नितिन उर्फ रितिक को दूसरी बार जमानत देने से इनकार करते हुए जमानत आवेदन खारिज कर दिया है. अपर सेशन न्यायाधीश संख्या दो जोधपुर महानगर की पीठासीन अधिकारी नीतू आर्य की अदालत में दूसरी बार पेश किए. जमानत आवेदन पर दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया गया है.

हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

मामले के अनुसार परिवादी हनवंत डाबी ने 11 मार्च 2020 को थानाधिकारी खांडा फलसा जोधपुर के समक्ष रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि उसके मोबाइल पर उसके पड़ोसी का फोन आया कि तेरा भाई बुधकरण डाबी और नितिन गोयल दोनों घर पर शराब पी रहे थे. अचानक किसी बात पर हाथापाई होने लगी और पड़ोसी ने उन्हें छुड़वाया. बुधकरण की हालत खराब हो चुकी थी और पड़ोसियों ने उसे पलंग पर सुलाया. परिवादी अपने जीजा के साथ तुरन्त घर पहुंचा तो बुधकरण बेसुध पड़ा था. उसको गांधी अस्पताल लेकर गए. वहां जाते ही चिकित्सकों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया.

यह भी पढ़ेंः अमित शाह के ड्रीम प्रोजेक्ट को UIT कोटा ने रोका, कार्यालय के लिए बीजेपी लेगी कोर्ट का सहारा

पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपी नितिन उर्फ रितिक को गिरफ्तार कर लिया था. प्रार्थी अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है. शराब पीने के बाद कहासुनी हुई और झगड़ा हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों का चोटे आई थी. प्रार्थी का हत्या कारित करने का आशय नहीं था, वह निर्दोष है. वहीं अपर लोक अभियोजक अनिल सिंह देवडा ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की जमानत नामंजूर की जाए. एडीजे संख्या दो नीतू आर्य ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी के दूसरे जमानत आवेदन को भी खारिज कर दिया.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में वेकेशन जज रामेश्वर व्यास ने सोमवार को एक मंदिर परिसर से संबंधित विवादित जमीन पर ग्राम पंचायत की ओर से टॉयलेट निर्माण के मामले की सुनवाई में सचिव पंचायती राज विभाग, एडीएम पाली, बीडीओ रानी और सरपंच ग्राम पंचायत बूसी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में किया जवाब-तलब किया है. वहीं विवादित स्थल पर यदि टॉयलेट निर्माण पूरा नहीं किया गया है तो आगे की निर्माण प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने के निर्देश भी जारी किए हैं.

टॉयलेट निर्माण पर अंतरिम रोक

याचिकाकर्ता श्रीराम हनुमान मंदिर सेवा समिति, गांव बूसी, तहसील रानी, जिला पाली के चेयरमैन पूनम सिंह पुत्र प्रताप सिंह की ओर से याचिका दायर कर मंदिर के लिए प्रसाद निर्माण आदि किए जाने के लिए सौंपी गई. जमीन पर ग्राम पंचायत बूसी की ओर से टॉयलेट निर्माण को रोकने की गुहार लगाई है. याचिकाकर्ता की ओर से वीसी पर पैरवी करते हुए अधिवक्ता कुणाल विश्नोई ने कहा कि पूर्व में श्रीराम मंदिर सेवा समिति को प्रसाद निर्माण के लिए जमीन आवंटित की गई थी, जिसके लिए ट्रस्ट भी बनाया गया है. यहां आयोजन के अवसर पर लोग आते हैं तथा प्रसादी वितरण होता है.

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यहां पर ग्राम पंचायत की ओर से राजनीति करते हुए टॉयलेट्स का निर्माण कराया जा रहा है, जिस पर रोक लगाई जाए. इस पर कोर्ट ने जहां संबंधित को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. वहीं टॉयलेट निर्माण पर अंतरिम रोक भी जारी की. वेकेशन कोर्ट की ओर से जारी नोटिस एएजी सुनील बेनीवाल की ओर से स्वीकार किए गए. कोर्ट ने मामले को चार सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने के निर्देश जारी किए. इस दौरान याचिका में मौजूद डिफेक्ट्स हटाने के भी निर्देश दिए.

हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

शराब पीकर आपसी मारपीट के दौरान हत्या के अपराध में जोधपुर की जेल में नितिन उर्फ रितिक को दूसरी बार जमानत देने से इनकार करते हुए जमानत आवेदन खारिज कर दिया है. अपर सेशन न्यायाधीश संख्या दो जोधपुर महानगर की पीठासीन अधिकारी नीतू आर्य की अदालत में दूसरी बार पेश किए. जमानत आवेदन पर दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया गया है.

हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

मामले के अनुसार परिवादी हनवंत डाबी ने 11 मार्च 2020 को थानाधिकारी खांडा फलसा जोधपुर के समक्ष रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि उसके मोबाइल पर उसके पड़ोसी का फोन आया कि तेरा भाई बुधकरण डाबी और नितिन गोयल दोनों घर पर शराब पी रहे थे. अचानक किसी बात पर हाथापाई होने लगी और पड़ोसी ने उन्हें छुड़वाया. बुधकरण की हालत खराब हो चुकी थी और पड़ोसियों ने उसे पलंग पर सुलाया. परिवादी अपने जीजा के साथ तुरन्त घर पहुंचा तो बुधकरण बेसुध पड़ा था. उसको गांधी अस्पताल लेकर गए. वहां जाते ही चिकित्सकों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया.

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पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपी नितिन उर्फ रितिक को गिरफ्तार कर लिया था. प्रार्थी अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है. शराब पीने के बाद कहासुनी हुई और झगड़ा हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों का चोटे आई थी. प्रार्थी का हत्या कारित करने का आशय नहीं था, वह निर्दोष है. वहीं अपर लोक अभियोजक अनिल सिंह देवडा ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की जमानत नामंजूर की जाए. एडीजे संख्या दो नीतू आर्य ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी के दूसरे जमानत आवेदन को भी खारिज कर दिया.

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