जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर के मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ऑपरेशन करवाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यह बात लगातार सामने आती रहती है, लेकिन शनिवार को पहली बार ऐसा हुआ कि मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर स्तर के डॉक्टरों के नाम पर दलाल की ओर से ऑपरेशन करवाने के लिए रिश्वत ली गई. मामला संभाग के सबसे बड़े मथुरा दास माथुर अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग का है. जिसमे ऑपरेशन करवाने की एवज में रिश्वत लेते दलाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है.
पढ़ेंः चूरू: 10 वर्षीय बालिका के साथ गैंगरेप, 2 नाबालिगों के खिलाफ मामला दर्ज
बाड़मेर जिले का मांगीलाल 19 जुलाई से न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती था. उसका ऑपरेशन नहीं हो रहा था इसको लेकर सुनील विश्नोई जो कि अस्पताल में आता जाता है उसने कहा कि मैं ऑपरेशन करवा दूंगा. इसके लिए 4 हजार रुपए डॉक्टर गर्ग और डॉक्टर थानवी को देने होंगे. इसके बाद ऑपरेशन हो गया. ऑपरेशन होने के बाद वह दलाल लगातार परिजनों से रुपए की मांग कर रहा था.
इस पर एक परिजन ने एसीबी की स्पेशल यूनिट में शिकायत दर्ज करवाई जिसका अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने सत्यापन किया. इसमें सामने आया कि सुनील विश्नोई डॉक्टर सुनील गर्ग और डॉक्टर थानवी के नाम से रिश्वत मांग रहा है और शनिवार को उसे बस स्टैंड से 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार करने के बाद एसीबी की टीम ने डॉक्टर थानवी से बात की तो डॉक्टर थानवी ने सुनील विश्नोई से किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया.
पढ़ेंः अजमेर में जयपुर ACB की कार्रवाई: दलाल को भेजा जेल, हेड कॉन्स्टेबल की तलाश जारी
हालांकि इस प्रकरण को लेकर एसीबी आगे की जांच करेगी जिसमें डॉक्टरों भूमिका स्पष्ट होगी. एमडीएम अस्पताल में किसी भी तरह का ऑपरेशन करवाने के लिए मरीज के परिजन को डॉक्टर के घर जाना ही होता है. सूत्रों की माने तो आयुष्मान भारत योजना के मरीजों को भी डॉक्टर के घर जाना ही पड़ता है. इस दौरान कई दलाल सक्रिय है जो प्रत्येक विभाग में पहुंच सकते हैं. यह दलाल डॉक्टर के इशारे पर या डॉक्टर के कहने पर मरीज से एक निश्चित राशि लेते है. जिसके मिलने के बाद ही ऑपरेशन होता है.