जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में शुक्रवार को तीन नए न्यायाधीशों ने शपथ ली. मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी (Chief Justice Akil Qureshi) ने 3 न्यायाधीशों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. न्यायिक अधिकारी उमाशंकर व्यास और अधिवक्ता कोटे से जोधपुर से अतिरिक्त महाधिवक्ता रेखा बोराणा और जयपुर से समीर जैन को शपथ दिलवाई. शपथ ग्रहण समारोह के बाद 3 न्यायाधीशों ने मुख्य पीठ जोधपुर में खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ सुनवाई की. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में कुल 30 न्यायाधीश हो गए है.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद सभी न्यायाधीशों का स्वागत किया गया. वही दोनों एसोसिएशन की ओर से भी नये न्यायाधीशों का स्वागत किया गया. शुक्रवार को स्वैच्छिक बहिष्कार के चलते मुकदमों की संख्या कम ही थी. लेकिन अधिवक्ता मौजूद रहे.
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शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी, वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता, वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई, न्यायाधीश अरूण भंसाली, न्यायाधीश दिनेश मेहता, न्यायाधीश मनोज गर्ग, न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास मौजूद रहे.
सभी अधिकारी-कर्मचारी रहे मौजूद
राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन के रजिस्ट्रार जनरल निर्मल सिंह मेडतवाल, रजिस्ट्रार प्रशासन युधिष्ठर शर्मा, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष राजेश पंवार, राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़, महासचिव दर्शन राम, राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विनोद चौधरी महासचिव मृगराजसिंह राठौड़ व कोषाध्यक्ष महावीर सिंह उतवण, बीसीआर के सदस्य रणजीत जोशी, इन्द्रराज चौधरी, केन्द्र सरकार के अधिवक्ता भानु प्रकाश बोहरा, मुकेश राजपुरोहित, अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह, सुनील बेनीवाल, करणसिंह राजपुरोहित, पंकज शर्मा, मनीष व्यास और अनिल गौड़ मौजूद रहे. शपथ ग्रहण समारोह में नये न्यायाधीशो के परिजन भी मौजूद रहे.
राजस्थान में पहली बार अधिवक्ता कोटे से महिला जज
राजस्थान हाईकोर्ट की स्थापना के बाद यह पहला मौका है, जब अधिवक्ता महिला को राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद पर नियुक्त किया गया है. रेखा बोराणा (Rekha Borana) जोधपुर और राजस्थान की पहली महिला अधिवक्ता हैं, जो राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त हुई हैं. इससे पहले न्यायिक अधिकारी कोटे से महिला न्यायाधीश बन चुकी है लेकिन अधिवक्ता कोटे से पहली महिला न्यायाधीश है.