फलौदी (जोधपुर). एसडीएम कार्यालय परिसर में स्थित उप कारागृह फलौदी से सोमवार शाम करीब 8.30 बजे 16 कैदी ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च झोंककर फरार हो गए. घटना उस वक्त की है, जब कारागृह में खाना बन रहा था. कैदियों ने तैयार गर्म सब्जी भी पुलिसकर्मियों पर झोंक दी. उप कारागृह में हुई इस घटना से हड़कंप मच गया. शोरगुल सुनने पर उपखंड अधिकारी, जिनका कार्यालय कारागृह के सामने हैं, वह बाहर मौके पर पहुंचे और पुलिस को फोन किया. जिला कलेक्टर को भी सूचित किया.
जेल के किसी कार्मिक ने आगे सूचना नहीं दी. एसडीएम यशपाल आहूजा ने बताया कि घोर लापरवाही के चलते यह घटना हुई है. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह योजनाबद्ध तरीके से कैदियों की ओर से किया गया प्रयास था. लेकिन, जब कारागृह के 2 दरवाजे हैं तो एक दरवाजा खुला तो दूसरा बंद क्यों नहीं हुआ. इससे साफ जाहिर है कि लापरवाही हुई है.
इधर, सूचना मिलने पर फलौदी के एडीएम, डीवाईएसपी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और जोधपुर से ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. फरार हुए सभी कैदी विचाराधीन थे, इनमें ज्यादातर मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है और कुछ हत्या के भी आरोपी हैं. जेल कर्मियों के अनुसार, हमेशा की तरह बंदी खाना बना रहे थे. उस दौरान अंदर तेज आवाज आने लगी, तो उन्हें देखने के लिए जब गेट खोला तो सभी बंदी एक साथ खड़े थे. धक्का देकर बाहर आए उनके हाथों में लाल मिर्च थी और पानी के जग में गरम सब्जी भरी हुई थी, जो उन्होंने हम सब पर फेंक दी और धक्का देकर मुख्य गेट निकल गए. इस दौरान एक महिला जेल प्रहरी के साथ मारपीट भी हुई.
घटना के बाद तुरंत उपखंड अधिकारी यशपाल आहूजा ने पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी करने के निर्देश दिए. इसके अलावा रोडवेज और निजी बसों का संचालन भी कुछ देर के लिए रोका गया. जिला पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने जिले के सभी प्रमुख कस्बों में नाकाबंदी तक करवाई. जोधपुर शहर में भी ऐसे ही नाकाबंदी की गई. बताया जा रहा है कि सभी 16 बंदी कारागृह के परिसर से निकलने के बाद अलग-अलग दिशा में गए, जिनके कुछ सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने प्राप्त किए हैं. हालांकि, देर रात तक किसी कैदी के पकड़े जाने की खबर नही आई.
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बिना जेलर की जेल
फलौदी जेल में वर्तमान में 67 कैदी थे. जेल में गत दिनों चलाए गए ऑपरेशन प्लस आउट के दौरान आपत्तिजनक वस्तु मिलने के कारण डिप्टी जेलर सत्येंद्र को 2 अप्रैल को ही निलंबित किया गया था. उसके बाद से जेल में कोई अधिकारी नहीं था. सत्येंद्र की जगह जिसे लगाया गया, उसने अभी यहां कार्यभार भी ग्रहण नहीं किया. सम्भवत बंदियों को भी यह पता था कि जेल में अधिकारी नहीं है. सिर्फ प्रहरी है ऐसे में प्लान कर फरार हुए. कैदियों की गिरफ्तारी के लिए थानाधिकारी फलोदी राकेश ख्यालिया ने तीन-चार अलग-अलग टीम बनाकर भेजी है.
फरार कैदी
1 सुखदेव पुत्र रामूराम 302, 2 जगदीश पुत्र विशनाराम एनडीपीएस, 3 शोकत अली पुत्र नुर मोहम्मद 302 भादस, 4 अशोक पुत्र जैताराम 302 भादस, 5 प्रेम पुत्र रामरखराम एनडीपीएस, 6 अनिल पुत्र शंकरलाल एनडीपीएस, 7 प्रदीप पुत्र बलवंताराम 302 भादस, 8 राजकुमार पुत्र महेन्द्र राम 9/51 वन अधिनियम, 9 मोहन पुत्र बगडुराम एनडीपीएस, 10 श्रवण पुत्र सुखराम एनडीपीएस, 11 मुकेश पुत्र भगवानाराम एनडीपीएस, 12 शिवप्रताप पुत्र बगडुराम एनडीपीएस, 13 शंकर पुत्र भागीरथराम 307 भादस, 14 हनुमान पुत्र तुलछाराम 307 भादस, 15 महेन्द्र पुत्र पपुराम एनडीपीएस, 16 श्यामलाल पुत्र मदनलाल एनडीपीएस.