जोधपुर. प्रदेश की जेलों को जिस कानून से चलाया जाता है, 127 साल पुराने उस कानून को बदला जाएगा. कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे प्रारंभिक स्तर पर मंजूरी भी मिल गई है. जल्द राज्य विधानसभा में इसे पारित कर लागू किया जाएगा. इसके बाद जेल से जुड़ी कई व्यवस्थाएं बदल जाएगी. यह जानकारी जेल विभाग के महानिदेशक राजीव दासोत ने मंगलवार को जोधपुर में दी.
जोधपुर केंद्रीय कारागृह का दौरा करने आए दासोत ने बताया कि जेलों का कानून बहुत पुराना है, जिसके चलते कई विसंगतियां भी पैदा हो गई है और अब इसे बदलने की तैयारी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि गत वर्ष नवंबर में प्रारंभ किए गए ऑपरेशन फ्लैश आउट के तहत प्रदेश में अब तक विभिन्न जेलों में 5000 से ज्यादा सघन जांच की कार्रवाई हो चुकी है. अब मोबाइल मिलने का सिलसिला लगभग खत्म हो चुका है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. सस्पेंड के साथ-साथ बर्खास्त भी कई लोगों को की गई है. जेल में मोबाइल नहीं चला इसको लेकर जैमर लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 4G जैमर बीते जमाने की बात हो गई है. यह कहीं पर भी काम नहीं करता है. भारत में जेलों में 5G जैमर लगाने को लेकर तिहाड़ जेल में ट्रायल चल रहा है. हम लगातार उनके संपर्क में हैं. उसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट पर भी नजर बनाए हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि जब 5G जैमर पूरी तरह से सही मानकर एप्रूव कर दिया जाएगा. तो राज्य की जेलों में भी 5G जैमर लग जाएंगे. उन्होंने बताया कि जोधपुर की जेल में भी पूर्व में इस तरीके से मोबाइल मिलते थे. जो कर्मचारी इसमें शामिल थे, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.