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मोदी 2.0 के 100 दिनों को रिपोर्ट कार्ड: जयपुर के युवाओं को रोजगार की आस - मोदी 2.0 के 100 दिनों को रिपोर्ट कार्ड

मोदी 2.0 सरकार ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक और साहसी कदम उठाएं. लेकिन अब सरकार के सामने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार सृजन करने की बड़ी चुनौती है. ऐसे में मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर राजधानी जयपुर के युवाओं का क्या है कहना, जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में..

100 days of modi govt, मोदी सरकार के 100 दिन
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Published : Sep 14, 2019, 7:23 PM IST

जयपुर. प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल की सरकार ने 30 मई को शपथ ली. जिसके बाद 6 सिंतबर को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए. ऐसे में इन 100 दिनों में सरकार एक्शन में नजर आई. कश्मीर मुद्दे से लेकर तीन तलाक तक अहम फैसले लिए ऐसे में इस बीच राजधानी जयपुर के युवाओं ने इन 100 दिनों के कार्यकाल को कैसे देखा आईए जानते है.

पढ़ें- मोदी 2.0 के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड: करौली के युवा बोले- रोजगार भी मिलेगा..मोदी हैं तो मुमकिन है

जयपुर के युवा मोदी सरकार से रोजगार के मुद्दे पर नाराज नजर आए. सरकार के 100 दिन पूरे होने पर रोजगार क्षेत्र में खास काम नहीं होने के चलते युवाओं ने सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं होने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो बेरोजगारों को सिर्फ सपने दिखाती है. केंद्र सरकार ने पहले भी दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन रोजगार कितने मिले ये सब जानते है.

जयपुर के युवाओं को रोजगार की आस

पढ़ें- मोदी 2.0 के 100 दिनों के रिपोर्ट कार्ड पर जयपुर के कपड़ा कारोबारी की प्रतिक्रिया सुनिए

वहीं युवाओं ने कहा कि सरकार स्वरोजगार की बात करती है, लेकिन उन्हें बैंक से लोन नहीं मिलता और 34 लाख से ज्यादा सरकारी पद रिक्त पड़े हैं. जिन्हें भरने पर सरकार का ध्यान नहीं. वहीं युवाओं ने कौशल विकास में सामने आए घोटाले की भी जांच की बात कही और 100 दिन में सरकार की ओर से कोई रोजगार सृजन नहीं करने के चलते सरकार से असंतुष्ट नजर आए. युवाओं ने कहा कि सरकार ने रेलवे में वैकेंसी निकाली, लेकिन उसकी परीक्षा नहीं हो रही. सरकारी टीचर्स के पद रिक्त है और जो भर्तियां बीते दिनों निकली वो भी कोर्ट में अटकी पड़ी है.

पढ़ें- मोदी 2.0 के 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड: सीकर की जनता ने बताया ऐतिहासिक​​​​​​​

वही महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में बेरोजगारी की दर ज्यादा है. यही वजह है कि आज का युवा अवसाद से ग्रसित है और आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेता है. हालांकि केंद्र सरकार के 100 दिन युवाओं के लिए सूखे रहे. लेकिन उन्हें अभी भी मोदी सरकार से अपेक्षा है कि देश में रोजगार की बरसात होगी.

जयपुर. प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल की सरकार ने 30 मई को शपथ ली. जिसके बाद 6 सिंतबर को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए. ऐसे में इन 100 दिनों में सरकार एक्शन में नजर आई. कश्मीर मुद्दे से लेकर तीन तलाक तक अहम फैसले लिए ऐसे में इस बीच राजधानी जयपुर के युवाओं ने इन 100 दिनों के कार्यकाल को कैसे देखा आईए जानते है.

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जयपुर के युवा मोदी सरकार से रोजगार के मुद्दे पर नाराज नजर आए. सरकार के 100 दिन पूरे होने पर रोजगार क्षेत्र में खास काम नहीं होने के चलते युवाओं ने सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं होने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो बेरोजगारों को सिर्फ सपने दिखाती है. केंद्र सरकार ने पहले भी दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन रोजगार कितने मिले ये सब जानते है.

जयपुर के युवाओं को रोजगार की आस

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वहीं युवाओं ने कहा कि सरकार स्वरोजगार की बात करती है, लेकिन उन्हें बैंक से लोन नहीं मिलता और 34 लाख से ज्यादा सरकारी पद रिक्त पड़े हैं. जिन्हें भरने पर सरकार का ध्यान नहीं. वहीं युवाओं ने कौशल विकास में सामने आए घोटाले की भी जांच की बात कही और 100 दिन में सरकार की ओर से कोई रोजगार सृजन नहीं करने के चलते सरकार से असंतुष्ट नजर आए. युवाओं ने कहा कि सरकार ने रेलवे में वैकेंसी निकाली, लेकिन उसकी परीक्षा नहीं हो रही. सरकारी टीचर्स के पद रिक्त है और जो भर्तियां बीते दिनों निकली वो भी कोर्ट में अटकी पड़ी है.

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वही महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में बेरोजगारी की दर ज्यादा है. यही वजह है कि आज का युवा अवसाद से ग्रसित है और आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेता है. हालांकि केंद्र सरकार के 100 दिन युवाओं के लिए सूखे रहे. लेकिन उन्हें अभी भी मोदी सरकार से अपेक्षा है कि देश में रोजगार की बरसात होगी.

Intro:जयपुर - मोदी सरकार ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक और साहसी कदम उठाएं। लेकिन अब सरकार के सामने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार सृजन करने की बड़ी चुनौती है। मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर प्रदेश के युवाओं का क्या है कहना, आइए आपको बताते हैं।


Body:केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने मोदी सरकार की ताजपोशी के अगले ही दिन बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए थे। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के दावों को खारिज करती रही सरकार ने भी तब मान लिया था कि बेरोजगारी की दर 45 साल के सर्वोच्च स्तर पर है। इन आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान देश में बेरोजगारी की दर 6.1 फ़ीसदी रही। हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि मोदी सरकार 2.0 इस समस्या के समाधान के लिए कारगर कदम उठाएगी। लेकिन इस सरकार ने कई अहम फैसले लेने के बावजूद भी बेरोजगारों के हित में ना तो कोई योजना चलाई और ना ही नए रोजगार सृजन किए। यही कारण रहा कि अब युवा भी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर रोजगार क्षेत्र में खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। युवाओं ने सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं होने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकारें बेरोजगारों को सिर्फ सपने दिखाती है। केंद्र सरकार ने पहले भी दो करोड़ रोजगार का जुमला दिया। फिर भी युवाओं ने राष्ट्रहित के मुद्दों पर नरेंद्र मोदी का साथ दिया। लेकिन सरकार बेरोजगारों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने को तैयार नहीं। युवाओं ने कहा कि सरकार स्वरोजगार की बात करती है, लेकिन उन्हें बैंक से लोन नहीं मिलता। और 34 लाख से ज्यादा सरकारी पद रिक्त पड़े हैं। जिन्हें भरने पर सरकार का ध्यान नहीं। वहीं युवाओं ने कौशल विकास में सामने आए घोटाले की भी जांच की बात कही। और 100 दिन में सरकार की ओर से कोई रोजगार सृजन नहीं करने के चलते सरकार को जीरो अंक दिए। युवाओं ने कहा कि सरकार ने रेलवे में वैकेंसी निकाली, लेकिन उसकी परीक्षा नहीं हो रही। सरकारी टीचर्स के पद रिक्त है और जो भर्तियां बीते दिनों निकली वो भी कोर्ट में अटकी पड़ी है। युवाओं ने केंद्र में बीजेपी और स्टेट में कांग्रेस सरकार होने के चलते युवाओं का भविष्य इन दोनों राजनीतिक दलों के बीच पिसते हुये, सियासत की भेंट चढ़ने की बात कही।


Conclusion:युवा रोजगार की तलाश में गांव से शहरों की ओर पलायन करते हैं। लेकिन ताजे आंकड़े देखें तो शहर की हालत गांव से भी खराब है। शहरों में बेरोजगारी की दर गांव की तुलना में 2.5 फ़ीसदी ज़्यादा है। 7.8 फीसदी शहरी युवा बेरोजगार है, तो वहीं गांव में ये आंकड़ा 5.3 फ़ीसदी है। वही महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में बेरोजगारी की दर ज्यादा है। यही वजह है कि आज का युवा अवसाद से ग्रसित है, और आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेता है। हालांकि केंद्र सरकार के 100 दिन युवाओं के लिए सूखे रहे। लेकिन उन्हें अभी भी मोदी सरकार से अपेक्षा है कि देश में रोजगार की बरसात होगी।
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