जयपुर. आजकल सड़कों पर स्पोर्ट्स बाइक लिए युवा फर्राटे भरते और हवा से बातें करते देखे जाते हैं. युवाओं का सड़कों पर खतरों के खिलाड़ी बनना भले ही उन्हें कूल लगता होगा लेकिन उनका सड़कों पर ये स्टंट उनके साथ कई जिंदगियों को खतरे में डाल रहे हैं. जान हथेली पर रखकर खतरनाक स्टंट करने के कारण जयपुर के कई हंसते-खेलते परिवारों को उजाड़ दिया है और उनके घर का चिराग बुझा दिया.
जयपुर के मुख्य पर्यटन स्थलों से लेकर पॉश इलाकों तक स्टंटबाज कभी अपनी स्पोर्टस बाइक तो कभी कार से हैरतंगेज स्टंट करते नजर आते हैं. ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर ये स्टंटबाज जमकर अनचाही कलाबाजियां दिखाते हैं. जिनको देखकर हर कोई दांतो तले अंगुली चबा ले लेकिन युवाओं की सड़कों पर ये लापरवाहियों ने कई जिंदगिया छीन ली है. लेकिन फिर भी युवा स्टंटबाज इससे सबक नहीं ले रहा है.
स्टंट ने कई युवाओं की जान ली
ऐसे ही कुछ महीने पहले हुए एक हादसे में जयपुर के निशा सिद्धु ने अपने बेटे को गंवा दिया है. निशा नम आंखों से बताती हैं कि उस दर्दनाक हादसे का हम सबको जिंदगी भर दुःख रहेगा. जो युवा ट्रैफिक नियमों को तोड़ तेज गति से बाइक दौड़ाते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि घर वालों ने उनकी जरूरत को देखते हुए उन्हें बाइक दिलाई है. इसके लिए लापरवाही ना करें. इससे बहुत जिंदगियां तबाह हुई है. इसके अलावा 21 वर्षीय बेटे मधिराज सिंह की मौत के बाद उनकी मां चित्रा सिंह कहती है कि बढ़ते हादसों को देखते हुए सभी को सतर्क होना है और नियमों का पालन करना है.
स्टंटबाजों के खिलाफ चलेंगे विशेष अभियान
जयपुर में स्टंटबाजी के चलते बढ़ते हादसों को लेकर ट्रैफिक डीसीपी आदर्श सिद्धू का कहेना है कि जो पॉवर बाइक या हाईस्पीड बाइकिंग करते हुए स्टंटबाजी दिखाते हैं. उसको देखते हुए प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. आगामी दिनों में इसको लेकर विशेष अभियान भी चलाया जाएगा और उनके खिलाफ मुकदमें भी दर्ज किए जाएंगे.
साथ ही प्रभावी तौर पर इनको खत्म करेंगे. जयपुर के मुख्य रूट जहां स्टंटबाज अपना करतब दिखाते हैं, उनको चिन्हित कर लिया गया है. ये ऐसी सड़कें हैं, जहां ट्रैफिक कम रहता है और यूथ स्टंट करते नजर आते हैं.
युवाओं की कलाबाजियों के पीछे साइकोलॉजिकल बिहेवियर
युवाओं द्वारा रोड पर ऐसा खतरनाक कदम उठाने के पीछे साइकोलॉजिकल कारण भी सामने आया है. इसको लेकर साइकोलॉजिस्टि डॉ. मनस्वी गौतम ने बताया कि यूथ के स्टंट करने के की वजह रेस टेकिंग बिहेवियर और दूसरा एडवेंचर सीकिंग बिहेवियर जैसी कैटेगरीज है. जिसमें एडवेंचर सीकिंग बिहेवियर हर मनुष्य मनुष्य में होता है और वही मनुष्य की उन्नति का कारण भी है.
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मनुष्य अपनी लिमिट्स को एक्सपलोर करता रहता है और उनको आगे बढ़ाता है. वहीं रेस टेकिंग बिहेवियर की जहां तक बात है, उसके पीछे भी एक मानसिकता होती है और उसमें कुछ आयाम होते है.
पहला स्टंट के दौरान अगर कोई जोखिम ले रहा है तो कई ना कही ये मानता है कि, जो नियम कायदे है उनको तोड़ने में वो सक्षम हो. जैसे सड़क पर सीधे चलने की गाइडलाइंस है तो स्टंटमैन उसके उल्टा आड़े-तिरछे चलेगा. ये जानते हुए भी की इसको करने पर जोखिम है लेकिन फिर भी वो ऐसा स्टंट करेंगे.
ऐसे में जरूरत है कि यूथ को कोई भी कार्य केवल रोमांच की दृष्टि से नहीं करना चाहिए, बल्कि गहराई से उसको समझना चाहिए. उसकी उपयोगिता और उसके साथ जुड़े हुए दुष्प्रभाव को तोल करके निर्णय लेना चाहिए. हालांकि, रोमांच होना जीवन में बेहद जरूरी है लेकिन वो अगर हमारे घर के लिए शोक का कारण बन जाए तो उसको ध्यान में रखते हुए सतर्क, सावधान और सुरक्षित रहना भी आवश्यक है.