ETV Bharat / city

नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की आराधना

चैत्र नवरात्रि के छठे दिनमां दुर्गा के मां कात्यायनी की पूजा होती है. पुराणों के अनुसार कात्यायनी देवी की ग्रहस्थ और विवाह के इच्छुक युवकों के साथ-साथ शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों के लिए भी बहुत ही लाभदायक है.

Sixth day of Chaitra Navratri, चैत्र नवरात्रि पर मां कात्यायनी की आराधना
चैत्र नवरात्रि पर मां कात्यायनी की आराधना
author img

By

Published : Apr 18, 2021, 9:42 AM IST

जयपुर. नवरात्र पर्व का आज छठा दिन है, ऐसे में इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करे. पुराणों के अनुसार कात्यायनी देवी की ग्रहस्थ और विवाह के इच्छुक युवकों के साथ-साथ शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों के लिए भी बहुत ही लाभदायक है, क्योंकि मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी है. ऋषि कात्यान के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें कात्यायनी के नाम से जाना जाता है.

ज्योतिषाचार्य पंडित विशाल सेवग के अनुसार, चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखे. उसके बाद मां की पूजा उसी तरह करे जैसे कि नवरात्रि के बाकी दिनों में होती हैं. इसके साथ ही हाथों में लाल फूल लेकर मां की 108 बार मंत्र का जाप कर करें. अपने वाहन सिंह पर सवार मां कात्यायनी देवी का शरीर सोने की भांति चमकीला है. चार भुजा वाली मां कात्यानी के एक हाथ में तलवार, दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित हैं. साथ ही दूसरे दोनों हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है.

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना व पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है. दुश्मनों का संहार करने के लिए मां शक्ति प्रदान करती है और इनका ध्यान गोधूलि बेला मतलब की शाम के समय में करना चाहिए. इसलिए आज शाम में इनकी आराधना की मुहूर्त शुभ रहेगा. मन की शक्ति की देवी माता कात्यायनी की उपासना से मनुष्य सभी इंद्रियों को वश में कर सकता है. दुर्गा मां के रूप में प्रकट होने की इनकी बड़ी अद्भुत कथा है.

पढ़ें-ट्वीट पर गरमाई सियासतः सीएम गहलोत के ट्वीट पर बीजेपी का पलटवार, कहा- नसीहत देना बंद करें, प्रदेश कोरोना विस्फोट को संभालें

यह देवी का वे स्वरूप है जिन्होंने महिषासुर का वध किया था. इसलिए यह दानवों, असुरों और पापी जीवधारियों का नाश करने वाली देवी कहलाती है. मां कात्यायनी की पूजा में शहद का बहुत महत्व होता है, जिसका इस्तेमाल प्रसाद में किया जाना चाहिए. ताकि इसके प्रभाव से आप को सुंदर रूप में मिल सके.

जयपुर. नवरात्र पर्व का आज छठा दिन है, ऐसे में इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा करे. पुराणों के अनुसार कात्यायनी देवी की ग्रहस्थ और विवाह के इच्छुक युवकों के साथ-साथ शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों के लिए भी बहुत ही लाभदायक है, क्योंकि मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी है. ऋषि कात्यान के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें कात्यायनी के नाम से जाना जाता है.

ज्योतिषाचार्य पंडित विशाल सेवग के अनुसार, चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखे. उसके बाद मां की पूजा उसी तरह करे जैसे कि नवरात्रि के बाकी दिनों में होती हैं. इसके साथ ही हाथों में लाल फूल लेकर मां की 108 बार मंत्र का जाप कर करें. अपने वाहन सिंह पर सवार मां कात्यायनी देवी का शरीर सोने की भांति चमकीला है. चार भुजा वाली मां कात्यानी के एक हाथ में तलवार, दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित हैं. साथ ही दूसरे दोनों हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है.

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना व पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है. दुश्मनों का संहार करने के लिए मां शक्ति प्रदान करती है और इनका ध्यान गोधूलि बेला मतलब की शाम के समय में करना चाहिए. इसलिए आज शाम में इनकी आराधना की मुहूर्त शुभ रहेगा. मन की शक्ति की देवी माता कात्यायनी की उपासना से मनुष्य सभी इंद्रियों को वश में कर सकता है. दुर्गा मां के रूप में प्रकट होने की इनकी बड़ी अद्भुत कथा है.

पढ़ें-ट्वीट पर गरमाई सियासतः सीएम गहलोत के ट्वीट पर बीजेपी का पलटवार, कहा- नसीहत देना बंद करें, प्रदेश कोरोना विस्फोट को संभालें

यह देवी का वे स्वरूप है जिन्होंने महिषासुर का वध किया था. इसलिए यह दानवों, असुरों और पापी जीवधारियों का नाश करने वाली देवी कहलाती है. मां कात्यायनी की पूजा में शहद का बहुत महत्व होता है, जिसका इस्तेमाल प्रसाद में किया जाना चाहिए. ताकि इसके प्रभाव से आप को सुंदर रूप में मिल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.