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विश्व पशु चिकित्सा दिवस वर्चुअल मोड पर हुआ वेबिनार, कई मुद्दों पर हुआ मंथन

विश्व पशु चिकित्सा दिवस-2021 वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा वर्चुअल मोड पर आयोजित किया गया. विश्व पशु चिकित्सा संघ और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष विश्व पशुचिकित्सा दिवस को “कोविड-19 विपदा की परिस्थितियों में पशुचिकित्सको की भूमिका” की थीम पर मनाने का फैसला किया.

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विश्व पशु चिकित्सा दिवस वर्चुअल मोड पर हुआ वेबिनार, कई मुद्दों पर हुआ मंथन
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Published : Apr 25, 2021, 10:54 PM IST

जयपुर. विश्व पशु चिकित्सा दिवस-2021 वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा वर्चुअल मोड पर आयोजित किया गया. विश्व पशु चिकित्सा संघ और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष विश्व पशुचिकित्सा दिवस को “कोविड-19 विपदा की परिस्थितियों में पशुचिकित्सको की भूमिका” की थीम पर मनाने का फैसला किया.

पढे़ं: खबर का असर: विधायक की शादी में जुटी भीड़...विधायक के ससुर पर लगाया 25000 का जुर्माना

इस अवसर पर राजुवास व एलेम्बिक फार्मास्युटिकल के संयुक्त तत्वावधन में “कोविड-19 की विपदा परिस्थितियों में पशु और मानव स्वास्थ्य के लिए पशुचिकित्सकोें की भूमिका” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने सम्बोधन करते हुए कहा की वेटरनरी पाठ्यक्रम में विविधताओ का समावेश है. वेटरनेरियन पूरे डिग्री के दौरान विभिन्न विषयों का अध्ययन एवं ज्ञान अर्जन करता है.

वहीं पशुचिकित्सा के विभिन्न आयामों जैसे इथ्नोमेडिसिन, हर्बल मेडिसिन, खाद्य उत्पादों की वेल्यु चैन, खाद्य सुरक्षा, आर्गनिक पशु उत्पाद, संक्रामक बिमारियों की रोकथाम आदि क्षेत्रों में नवाचार करके समाज में योगदान दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि, बड़े उद्धेश्यो को ध्यान में रखकर एवं विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयासों से समाज को अमूल्य योगदान देना होगा, जिसकी आज समाज को नितांन्त आवश्यकता है.

डॉ. उमेश शर्मा, अध्यक्ष भारतीय पशुचिकित्सा परिषद् ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि आज कोविड-19 के कारण उत्पन्न विपरित परिस्थितियों पर हमें आत्ममंथन करना चाहिए और पर्यावरण स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने गरीब पशुपालकों एवं किसानों को गुणवता युक्त पशुचिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवानी के सुझाव दिया ताकि हम स्वस्थ पशु उत्पादन कर सके. उन्होंने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की तरह राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य नीति बनाने का सुझाव दिया. प्रो. संजीता शर्मा, अधिष्ठाता, पी.जी.आई.वी.ई.आर. ने अपने सम्बोधन में कहा कि पशुचिकित्सक विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे है. लेकिन पशु चिकित्सा के अलावा हमें खाद्य सुरक्षा की तरफ भी ध्यान देने की आवश्यकता है. मानव खाद्य पदार्थाे में पशु उत्पादों का बहुत बड़ा हिस्सा होता है.

विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया. चित्रकला प्रतियोगिता में कनिका पूनिया प्रथम एवं शांति गुर्जर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया. वंशिका कुमारी एवं पलक गुप्ता ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया. एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता में पूजा गोयत प्रथम एवं सौरभ दारिया एवं प्रियादर्शिका शेखावत क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे. प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रियादर्शिका शेखावत ने प्रथम एवं पवन कुमार शर्मा द्वितीय व राधा रानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किए.

जयपुर. विश्व पशु चिकित्सा दिवस-2021 वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा वर्चुअल मोड पर आयोजित किया गया. विश्व पशु चिकित्सा संघ और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष विश्व पशुचिकित्सा दिवस को “कोविड-19 विपदा की परिस्थितियों में पशुचिकित्सको की भूमिका” की थीम पर मनाने का फैसला किया.

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इस अवसर पर राजुवास व एलेम्बिक फार्मास्युटिकल के संयुक्त तत्वावधन में “कोविड-19 की विपदा परिस्थितियों में पशु और मानव स्वास्थ्य के लिए पशुचिकित्सकोें की भूमिका” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने सम्बोधन करते हुए कहा की वेटरनरी पाठ्यक्रम में विविधताओ का समावेश है. वेटरनेरियन पूरे डिग्री के दौरान विभिन्न विषयों का अध्ययन एवं ज्ञान अर्जन करता है.

वहीं पशुचिकित्सा के विभिन्न आयामों जैसे इथ्नोमेडिसिन, हर्बल मेडिसिन, खाद्य उत्पादों की वेल्यु चैन, खाद्य सुरक्षा, आर्गनिक पशु उत्पाद, संक्रामक बिमारियों की रोकथाम आदि क्षेत्रों में नवाचार करके समाज में योगदान दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि, बड़े उद्धेश्यो को ध्यान में रखकर एवं विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयासों से समाज को अमूल्य योगदान देना होगा, जिसकी आज समाज को नितांन्त आवश्यकता है.

डॉ. उमेश शर्मा, अध्यक्ष भारतीय पशुचिकित्सा परिषद् ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि आज कोविड-19 के कारण उत्पन्न विपरित परिस्थितियों पर हमें आत्ममंथन करना चाहिए और पर्यावरण स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने गरीब पशुपालकों एवं किसानों को गुणवता युक्त पशुचिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवानी के सुझाव दिया ताकि हम स्वस्थ पशु उत्पादन कर सके. उन्होंने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की तरह राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य नीति बनाने का सुझाव दिया. प्रो. संजीता शर्मा, अधिष्ठाता, पी.जी.आई.वी.ई.आर. ने अपने सम्बोधन में कहा कि पशुचिकित्सक विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे है. लेकिन पशु चिकित्सा के अलावा हमें खाद्य सुरक्षा की तरफ भी ध्यान देने की आवश्यकता है. मानव खाद्य पदार्थाे में पशु उत्पादों का बहुत बड़ा हिस्सा होता है.

विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया. चित्रकला प्रतियोगिता में कनिका पूनिया प्रथम एवं शांति गुर्जर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया. वंशिका कुमारी एवं पलक गुप्ता ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया. एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता में पूजा गोयत प्रथम एवं सौरभ दारिया एवं प्रियादर्शिका शेखावत क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे. प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रियादर्शिका शेखावत ने प्रथम एवं पवन कुमार शर्मा द्वितीय व राधा रानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किए.

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