जयपुर. हर साल 13 अगस्त वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे (World Organ Donation Day) के रूप में मनाया जाता है. पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता फैली है. लेकिन अभी भी देश में अंगदान का रेश्यो बहुत कम है. देश में अंगों की कमी के कारण हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. अंगदान के प्रतिशत की बात की जाए तो यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला है. क्योंकि देश में सिर्फ 0.08 प्रतिशत अंगदान का रेश्यो है. वहीं जिन मरीजों को अंगों की आवश्यकता है उनकी संख्या हर दिन लगातार बढ़ती जा रही है.
अंगदान को बढ़ावा देने के लिए हर साल प्रदेश के स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की ओर से जागरूकता (Organ donation in Rajasthan) कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. साथ ही ब्रेन डेड मरीज के परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया जाता है. ताकि जरूरतमंद मरीजों को जीवनदान मिल सके. देश की बात करें तो लाखों मरीज ऐसे हैं जिन्हें अंगों की आवश्यकता है.
अंगदान का रेश्यो देश में काफी कम है:
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प्रदेश की स्थिति: अंगदान को लेकर राजस्थान की मौजूदा स्थिति की बात करें तो बीते कुछ समय से लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता आई है. स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की माने तो आज भी राजस्थान में अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने को लेकर ऑर्गनाइजेशन की ओर से अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जबकि मौजूदा स्थिति की बात करें तो आज भी प्रदेश में -
राजस्थान में अंग दान:
चिकित्सकों का कहना है कि एक ब्रेन डेड मरीज करीब 5 लोगों को नया जीवन दान दे सकता है. यह एक पुण्य का काम है. जबकि आज भी अंधविश्वास के कारण लोग अंगदान मुहिम से नहीं जुड़ पा रहे.