जयपुर. विश्व पर्यावरण दिवस पर हर साल पौधरोपण और प्रदूषण कम करने को लेकर विस्तृत चर्चा की जाती है. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर राजस्थान में भी कई कार्यक्रम होंगे. ऐसे में मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है. पेट्रोल और डीजल कार से निकलने वाला धुआं ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में और भी खतरनाक होता जा रहा है. यह पर्यावरण को चौतरफा नुकसान पहुंचा रहे हैं, ऐसे में अब इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric vehicle in Rajasthan) पेट्रोल और डीजल कारों के विकल्प के रूप में देखे जा रहे हैं.
जानकारों की मानें तो इलेक्ट्रिक व्हीकल, पेट्रोल और डीजल विकल के मुकाबले काफी कम कार्बन उत्सर्जन करते हैं और इसी वजह से सरकार अब इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा दे रही है. आंकड़ों की बात करें तो पेट्रोल और डीजल से चलने वाली एक कार प्रति किमी 300 ग्राम कार्बन उत्सर्जन करती है जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रति किलोमीटर सिर्फ 50 ग्राम कार्बन उत्सर्जन करती है जो कि पेट्रोल और डीजल की तुलना में 1/6 हिस्सा है.
इसी कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल को भविष्य के वाहन के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन इको फ्रेंडली तो है ही साथ ही जेब पर कम बोझ डालने वाला है. पेट्रोल और डीजल गाड़ी को चलाने का खर्च प्रति किलोमीटर तकरीबन 8 से 10 रुपए प्रति किलोमीटर पड़ता है तो वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने का खर्च 50 पैसे से 2 रुपए प्रति किलोमीटर पड़ता है. उदाहरण के तौर पर यदि जयपुर से दिल्ली तक का सफर पेट्रोल या डीजल की गाड़ी से किया जाए तो लगभग 2000 से 3000 रुपए का खर्चा इंधन का आता है जबकि इलेक्ट्रिक कार से यह सफर 500 से 600 रुपए में पूरा हो जाता है.
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सरकार भी दे रही प्रोत्साहन
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी भी लॉन्च की है जिसके तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर सरकार की ओर से छूट दी जा रही है. मौजूदा समय में कोई भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर राज्य सरकार की ओर रजिस्ट्रेशन चार्ज नहीं वसूला जा रहा. जबकि टू व्हीलर और थ्री व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर सरकार की ओर से स्टेट जीएसटी रिफंड की जा रही है जबकि प्रोत्साहन राशि भी सरकार की ओर से दी जा रही है. इसके अलावा आमतौर पर पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों में सफेद या पीले कलर की नंबर प्लेट देखने को मिलती है लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए सरकार की ओर से ग्रीन कलर की नंबर प्लेट उपलब्ध करवाई जाती है जो दिखने में काफी आकर्षक भी होती है.
जयपुर दिल्ली प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे
प्रदेश में बढ़ती इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या के बाद लगातार चार्जिंग स्टेशन भी डिवेलप किए जा रहे हैं. जयपुर और दिल्ली हाईवे प्रदेश का पहला ऐसा राजमार्ग है जो पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक हो चुका है यानी जयपुर से दिल्ली का सफर आसानी से इलेक्ट्रिक कार से किया जा सकता है. क्योंकि लगभग हर 40 से 50 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन इस हाईवे पर मौजूद हैं. इस हाईवे पर लगभग 50 से अधिक चार्जिंग पर लगाए जा चुके हैं. जबकि पूरे राजस्थान में लगभग 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन अभी तक रजिस्टर किए गए हैं. धीरे-धीरे इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
प्रदेश में भी लग रहे चार्जिंग स्टेशन
राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है और इसी के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं. जयपुर की बात करें तो जेडीए की ओर से लगभग 75 चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं जबकि मौजूदा समय में 10 से अधिक चार्जिंग स्टेशन जयपुर के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं जहां गाड़ियां चार्ज की जा रही हैं. इसके अलावा जयपुर से जुड़ने वाले सड़क मार्ग जिनमें अजमेर उदयपुर सिरोही कोटा दौसा सीकर झुंझुनू आदि स्थानों पर भी चार्जिंग स्टेशन आदि स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन लगाए गए हैं.
पर्यावरण के लिए फायदेमंद इलेक्ट्रिक इंजन
राजस्थान में इलेक्ट्रिक सेगमेंट के जानकार और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप कर रहे योगेश मेहरा का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल बहुत कम कार्बन उत्सर्जन करते हैं जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल में डालने वाले इंजन ऑयल से भी वातावरण प्रदूषित होता है क्योंकि इंडियन ऑयल में काफी टॉक्सिक होते हैं जो पर्यावरण के लिए खतरनाक होते हैं.
जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल में इंजन ऑयल का उपयोग नहीं होता जिसके कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं है. मेहरा का यह भी कहना है कि गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ पर्यावरण के लिए ही नहीं बल्कि मानव शरीर के लिए भी हानिकारक होता है और इसकी वजह से कई प्रकार की बीमारियां मानव शरीर को घेर लेती है ऐसे में पर्यावरण के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी फायदेमंद है.